हरिद्वार कुंभ में बेरोकटोक आने की मुख्यमंत्री की घोषणा से साईबर सिटी के श्रद्धालु हुए गदगद

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गुरुग्राम, 14 मार्च : उतराखंड की धर्म नगरी हरिद्वार में कुंभ मेला का आयोजन शुरु हो चुका है। कुंभ को करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जाता है। कुंभ में देश के विभिन्न प्रदेशों से ही नहीं, अपितु विदेशों से भी श्रद्धालु कुंभ मेले के आयोजन में शामिल होते रहे हैं। प्रदेश सरकार इस आयोजन की कई माह पूर्व ही तैयारियां करनी शुरु कर देती हैं, लेकिन गत एक वर्ष से उत्पन्न हुई कोरोना महामारी ने धार्मिक
आस्था के प्रतीक कुंभ को भी प्रभावित कर रख दिया है। गत कुंभों की तुलना में इस कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या कम ही रहेगी बताई जाती है।


हरियाणा से भी कुंभ में स्नान के लिए लोग बड़ी संख्या में जाते रहे हैं। उतराखंड सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए कई दिशा-निर्देश भी जारी किए हुए हैं, ताकि कोरोना के संभावित प्रकोप से बचा जा सके। उतराखंड प्रदेश में भाजपा हाईकमान ने मुख्यमंत्री को बदला है। अब लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना महामारी के मामले में बड़ी राहत देने की घोषणा की है।

जानकारों का कहना है कि मुख्मयंत्री ने धार्मिक आस्थाओं से जुड़े कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यानि कि अब 72 घंटे पूर्व वाली कोरोना रिपोर्ट लाना जरुरी नहीं होगा। मुख्यमंत्री का मानना है कि कुंभ स्नान में आने के लिए श्रद्धालु 12 वर्षों तक प्रतिक्षा करते हैं। यह भावनात्मक है।

कुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे, ऐसे में किस-किस की कोरोना रिपोर्ट की जांच की जा सकेगी। मुख्यमंत्री का यह भी मानना है कि उतराखंड सरकार व अखाडों ने कुंभ मेले की पूरी तैयारियां की हुई हैं। जब उन्हें कोई देखने वाला ही नहीं होगा तो इन तैयारियों का क्या औचित्य रह जाएगा।

जानकार बताते हैं कि मुख्यमंत्री का मानना है कि कोरोना महामारी की रोकथाम से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं को हरिद्वार कुंभ में बेरोक-टोक आने की इजाजत होनी चाहिए। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से गुडग़ंाव में रहने वाले लाखों उतराखंड मूल के निवासी काफी गदगद दिखाई दे रहे हैं। उतराखंड मूल के आरएस भण्डारी का कहना है कि मुख्यमंत्री की तीरथ सिंह रावत का यह फैसला श्रद्धालुओं के लिए बहुत अच्छा है। ऐसे में उतराखंड मूल के ही नहीं, हरियाणा व अन्य प्रदेशों के श्रद्धालु भी कुंभ मेले में स्नान के लिए बड़ी संख्या में शामिल हो सकेंगे।

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