गुरुग्राम, 14 मार्च : कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किसानों का धरना दिल्ली सीमाओं पर जारी है। किसान आंदोलन के समर्थन में विभिन्न
सामाजिक, श्रमिक व कर्मचारी संगठन भी हरियाणा व राजस्थान सीमाओं पर धरना दिए हुए हैं। इन सभी की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे, ताकि किसान अपना आंदोलन खत्म कर अपने घर जा सकें। इसी क्रम में रविवार को श्रमिक संगठन एटक का प्रतिनिधिमंडल जींद स्थित टोल प्लाजा पर चल रहे धरने में शामिल हुआ।
प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे एटक के वरिष्ठ श्रमिक नेता अनिल पंवार ने बताया कि ट्रोल प्लाजा पर बड़ी संख्या में किसान व अन्य संगठन डटे हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर प्रहार करते हुए कहा कि सरकार किसान, मजदूर, श्रमिक विरोधी नीतियां तथा कानून बनाती जा रही है। जिससे किसान, मजदूर व श्रमिक तबाह होने के कगार पर पहुंच गए हैं।
सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस प्रकार के कानून बना रही है। भाजपा ने चुनाव के दौरान जो वायदे किए थे, वह उन सब को भूल गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा में जिन विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा सरकार का समर्थन किया है, उन विधायकों को प्रदेश की जनता आने वाले समय में सबक सिखाएगी। उन्होंने धरने पर बैठे लोगों से आग्रह किया कि वे संयुक्त किसान मोर्चा के हर फैसले का
बढ़-चढक़र सहयोग करें। आगामी 26 मार्च को देश में जबरदस्त हड़ताल होगी।
इस हड़ताल में किसान, मजदूर, श्रमिक सरकार को अपनी ताकत दिखाएंगे। श्रमिक नेता ने निजीकरण का विरोध करते हुए कहा कि सरकार ने फायदे में चल रहे सभी प्रतिष्ठानों को बेच डाला है। इस प्रतिनिधिमंडल में श्रमिक नेता बलवीर कंबोज, मनोज कुमार, अशोक कुमार, राज बहादुर आदि शामिल रहे।