प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक निवेशकों को भारतीय बंदरगाहों में निवेश का दिया आमंत्रण

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2021 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर डेनमार्क के परिवहन मंत्री मिस्टर बेन्नी इंजलब्रेख्त, गुजरात तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया उपस्थित थे।

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अपने स्वागत भाषण में मनसुख मंडाविया ने कहा कि मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन विश्व का सबसे बड़ा वर्चुअल शिखर सम्मेलन है। इसमें 100 से अधिक देशों के 1.7 लाख से अधिक पंजीकृत प्रतिनिधियों ने भाग लिया। तीन दिन के इस शिखर सम्मेलन में 8 देशों के मंत्री, 50 से अधिक वैश्विक सीईओ तथा 160 से अधिक वक्ता अपने विचार रखेंगे। इसमें 24 देशों के 115 अंतर्राष्ट्रीय वक्ता शामिल हैं।

श्री मंडाविया ने मैरीटाइम क्षेत्र के सभी हितधारकों और विश्व के निवेशकों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार मैरीटाइम क्षेत्र में निवेश में सहायक होने तथा आत्मनिर्भर भारत के विजन में अपनी भूमिका के लिए तैयार है।

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प्रधानमंत्री ने “मैरीटाइम इंडिया विजन-2030” ई-बुक का लोकार्पण किया। मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 का उद्देश्य अगले 10 वर्षों में भारतीय मैरीटाइम उद्योग को विश्व के शीर्ष मानकों के समकक्ष लाना है।

प्रधानमंत्री ने सागर मंथन की ई-पट्टिका का अनावरण किया। यह मर्केंटाइल मैरीन डोमेन जागरूकता केंद्र एमएम-डैकमैरीटाइम सुरक्षा, तलाशी तथा बचाव क्षमताओँ को बढ़ाने, सुरक्षा तथा मरीन पर्यावरण संरक्षण बढ़ाने के लिए सूचना प्रणाली है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विश्व को भारत आने और भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रण दिया। भारत मैरीटाइम क्षेत्र में विकास के लिए गंभीर है और विश्व की अग्रणी नीली अर्थव्यवस्था है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अलग-अलग रूप से देखने के बदले फोकस संपूर्ण क्षेत्र पर है। उन्होंने बताया कि प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता 2014 के 870 मिलियन टन से बढ़कर अब 1550 मिलियन टन हो गई है। अब भारतीय बंदरगाहों के पास डायरेक्ट पोर्ट डिलेवरी, डायरेक्ट पोर्ट इंट्री तथा सहज डेटा प्रवाह के लिए पोर्ट कम्युनिटी सिस्टम (पीसीएस) जैसी सुविधाएं हैं। हमारे बंदरगाहों ने अंतरगामी तथा निर्गामी कार्गों के लिए प्रतीक्षा समय को कम कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वस्तरीय अवसंरचना के साथ वधावन, पारादीप तथा कांडला के दीनदयाल बंदरगाह मेगा बंदरगाह के रूप में विकसित किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों को आमंत्रण देते हुए कहा कि भारत के लम्बे समुद्री तट आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। भारत के परिश्रमी लोग आपका इंतजार कर रहे हैं। हमारे बंदरगाहों में निवेश कीजिए, हमारे लोगों में निवेश कीजिए। भारत को पसंदीदा व्यापार स्थल बनाइए। व्यापार और वाणिज्य के लिए भारतीय बंदरगाहों को अपना बंदरगाह बनाइए।

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