उच्चाधिकारी क्षेत्रों का दौरा कर दिखाई दिए स्थिति का आंकलन करते
गुरुग्राम, 6 फरवरी : पिछले करीब 73 दिनों से किसान आंदोलन चल रहा है। विभिन्न प्रदेशों के किसान केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए 3 कृषि
कानूनों को रद्द करने व एमएसपी गारंटी कानून बनाने को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। हालांकि केंद्र सरकार और किसानों की करीब एक दर्जन वार्ताएं भी हो चुकी हैं, लेकिन केंद्र सरकार व आंदोलित किसान संगठन किसी नतीजे पर आज तक भी नहीं पहुंचे हैं। करीब एक पखवाड़े से वार्ताओं का दौर भी थमा हुआ है।
इसी दौरान 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किला प्रकरण को लेकर भी हर कोई परेशान है। किसान संगठनों ने शनिवार को चक्का जाम की घोषणा की हुई थी। गुडग़ांव में भी किसानों के आंदोलन को समर्थन दे रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने भी राष्ट्रीय राजमार्ग
व केएमपी को जाम करने का ऐलान किया हुआ था। हालांकि जाम की घोषणा 12 से 3 बजे तक के लिए ही थी।
गुडग़ांव जिला प्रशासन व पुलिस ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में काफी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया था, ताकि जाम की समस्या से निपटा जा सके। मुख्य रुप से केएमपी, दिल्ली-जयपुर राजमार्ग स्थित खेडक़ीदौला व एमजी रोड़, सरहौल बॉर्डर तथा दिल्ली की सीमाओं से लगते क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया हुआ था।
पुलिस के डीसीपी व एसीपी रैंक के अधिकारी भी विभिन्न क्षेत्रों में दौरा कर वस्तुस्थिति का आंकलन करने में जुटे दिखाई दिए। आंदोलनरत किसान व उनके समर्थक टोल प्लाजा आदि क्षेत्रों में नहीं पहुंच सके। 3 बजने के बाद ही जाम की घोषणा खत्म हो जाने के बाद जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली। कहीं से कोई अप्रिय घटना घटित होने की सूचना नहीं मिली।