तलवारें लहराना, पत्थरबाजी करना किसानों का काम नहीं : सुधीर सिंगला

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-किसानों की आड़ लेकर देश का माहौल खराब करने का किया गया प्रयास
-नहीं बख्शे जाएंगे देश का अपमान करने वाले अराजक तत्व


गुरुग्राम। गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने कहा कि आंदोलन के नाम पर तलवारें लहराना, पत्थरबाजी करना और लाठियों से पुलिस पर हमला करना किसानों का काम नहीं है। किसानों की आड़ लेकर अपना-अपना एजेंडा चलाने वाले अराजक तत्वों की यह करतूत है। ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगी। उन्होंने देश के दिल दिल्ली में जो अराजकता फैलाई है, इसकी सजा उन्हें मिलनी निश्चित है।


दिल्ली की घटना से आहत विधायक सुधीर सिंगला ने कहा कि इतने दिनों से किसान शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे। सरकार उनसे लगातार संपर्क में थी। बातचीत का दौर जारी थी। इस शांति को शायद वे लोग पचा नहीं पाए, जो कि देश का माहौल खराब करने की फिराक में थे। इसलिए आंदोलन में अराजक तत्वों की एंट्री हुई। गणतंत्र दिवस हमारा बहुत ही पवित्र दिन होता है। इस दिन राजधानी में किसानों के नाम पर जो अराजकता की गई, वह सबको शर्मिंदा करती है। देश का सीधे तौर पर अपमान है।  


उन्होंने कहा कि इस घटना की सीधे तौर पर आंदोलन की संयुक्त समिति जिम्मेदार है। इसके सभी लीडर तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार किए जाने चाहिए। सरकार को इन पर सख्ती दिखानी चाहिए। सरकार तो पहले से इस बात से चेता रही थी कि आंदोलन में ऐसे लोगों की भागीदारी हो चुकी है, जो कि टकराव की स्थिति पैदा कर रहे हैं। लेकिन किसानों को इस बात पर राजी नहीं होने दिया गया। अब खुद को किसान नेता बताने वाले राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव कह रहे हैं कि जब लाल किले पर हंगामा हुआ तो पुलिस को गोलियां चलानी चाहिए थी। इनका मतलब साफ है कि ये नेता लोगों को मरवाकर देश में और अधिक अराजकता फैलाना चाहते थे। विधायक सुधीर सिंगला ने यह भी कहा कि बहुत से ऐसे लोग किसानों के बीच हमदर्द बनकर पहुंचे, जिन्होंने ना केवल किसान रैली का रूट बदलवाया, बल्कि अराजकता की शुरुआत भी की। विधायक ने कहा कि अब यह आंदोलन किसान आंदोलन नहीं रहा। दो संगठनों ने तो इस घटना के बाद आंदोलन से खुद को अलग किया और घर चले गए। अब कुछ लोग बचे हैं।

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