गुरूग्राम के नवनियुक्त उपायुक्त यश गर्ग ने आज कार्यभार संभाल लिया

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गुरूग्राम, 7 जनवरी। गुरूग्राम के नवनियुक्त उपायुक्त यश गर्ग ने आज कार्यभार संभाल लिया है। वे वर्ष-2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वे फरीदाबाद में नगर निगम आयुक्त के पद पर तैनात थे। श्री गर्ग रोहतक व रेवाड़ी में उपायुक्त के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने हरियाणा के उद्योग विभाग में निदेशक के पद पर भी सेवाएं दी हैं।

 गुरूग्राम में उपायुक्त का पदभार संभालने के बाद अपनी प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए श्री गर्ग ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर उनका फोकस रहेगा क्योंकि उनका मानना है कि 21वीं सदी के स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए सभी नागरिकों का स्वस्थ होना आवश्यक है। यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हो और अपने व अपने परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल करने के साथ साथ अपने आस पड़ोस में भी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत करें। स्वस्थ रहने के लिए सबसे पहली जरूरत स्वच्छता की होती है, इसलिए स्वच्छता बनाए रखने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। इसी प्रकार, सामाजिक उत्थान के लिए शिक्षा का होना आवश्यक है।

श्री गर्ग ने कहा कि आज के आधुनिक युग में शिक्षा का महत्व और भी बढ़ जाता है, इसलिए वे चाहेंगे कि जिला का कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर ना रहे अर्थात् सभी बच्चों को स्कूली शिक्षा आसानी से मुहैया हो। उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के बाद जल संरक्षण पर ध्यान दिया जाएगा। श्री गर्ग ने कहा कि केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार गुरूग्राम जिला भूमिगत जल स्तर के लिहाज से डार्क जोन में आता है। अतः यहां पर सभी को मिलकर भूजल स्तर सुधारने की दिशा में काम करने की जरूरत है। इसके अलावा, उपायुक्त के दायित्व के तौर पर गुरूग्राम में सभी सरकारी विभागों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करके जिला में विकास गतिविधियों को निर्धारित समय अवधि में पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे।

श्री गर्ग ने कहा कि जिला के समुचित और समन्वित विकास के लिए सभी सरकारी विभागों के बीच अच्छा तालमेल होना जरूरी है, तभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी इन प्राथमिकताओं के साथ राज्य सरकार द्वारा समय समय पर निर्धारित किए जाने वाले फलैगशिप कार्यक्रमों को भी प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा और यह ध्यान रखा जाएगा कि जिस उद्देश्य से सरकार ने उन कार्यक्रमों को तैयार किया है , उसी भावना से उन्हें लागू करके लक्षित वर्ग को उनका फायदा पहुंचाया जाए। 

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