नई दिल्ली। जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय(डीजीजीआई) उत्तरी क्षेत्र, गुरुग्राम ने तीन लोगों को फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावाकरने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में आलोक भार्गव और उनके दो पुत्र अकुल और अतिन भार्गव के नाम शामिल हैं। जो कि नई दिल्ली के वजीरपुर में स्थित मैसर्स दिल्ली फ्यॉल्स और मैसर्स एबिनॉक्स इंडस्ट्री और मैसर्स मैटालैक्स इंडस्ट्रीज के मालिक हैं। तीनों कंपनियों ने मिलकर ऐसी कंपनियों के करीब 72 करोड़ रुपयों के इन्वॉयस बनाए हैं, जिनका वजूद ही नहीं है। जिसके जरिए करीब इनपुट टैक्स क्रेडिट में 12.90 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है। इस फर्जीवाड़े में कंपनियों ने ऐसे मैटेरियल के रसीद बना दी थी, जो कि उन्होंने खरीदा ही नहीं था।
इस आधार पर आलोक भार्गव और उनके पुत्रों अकुल और अतिन भार्गव ने सीजीएसटी कानून, 2017 के सेक्शन 132 (1)(सी) का उल्लंघन किया है। जो कि सीजीएसटी कानून 2017 के सेक्शन के 132 (5) के अनुसार एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। जो सीजीएसटी कानून 2017 के सेक्शन 132 (1) (आई) के तहत दंडनीय अपराध है।
इस आधार पर 30 दिसंबर 2020 को आलोक भार्गव और उनके पुत्रों अकुल और अतिन भार्गव को सीजीएसटी कानून 2017 के सेक्शन 69 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद इन लोगों को नई दिल्ली के पटियाला हाउस में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इस संबंध में आगे की जांच जारी है।