पुराने कृषि कानूनों से किसान का भला संभव नहीं : जे पी दलाल 

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– यदि ऐसा होता तो पिछले 73 वर्षों में किसान खुशहाल हो गया होता

– एसवाईएल हरियाणा के लिए जीवन मरण का प्रश्न, भाजपा हरियाणा के लिए नहरी पानी की लड़ाई लड़ेगी

– धरनारत किसानों से कृषिमंत्री का अनुरोध सरकार से बातचीत शुरू करें, कहा हर मसले का हल बातचीत से ही संभव

गुरुग्राम 18 दिसंबर। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मंत्री जयप्रकाश दलाल ने आज कहा कि पुराने कृषि कानूनों से किसान का भला नहीं हो सकता। यदि ऐसा होता तो पिछले 73 साल में किसान स्मृद्ध और खुशहाल बन गया होता। इसी स्थिति को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार बनते ही किसानों की आय सन् 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा और उसी अनुरूप कृषि कानूनो में किसान की बेहत्तरी के लिए बदलाव किए जा रहे हैं। 

श्री दलाल आज गुरूग्राम में नई फूल मण्डी विकसित करने के लिए निर्धारित स्थल का निरीक्षण करने उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में उन्होेंने कहा कि किसान अपनी उपज का मूल्य स्वयं लगाए, इसके लिए वर्तमान मण्डी व्यवस्था के साथ-साथ मण्डी के बाहर भी बेचने की व्यवस्था की जा रही है ताकि ज्यादा खरीददार आएं और किसान को फायदा हो। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र तोमर ने बिंदुवार किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की है और उनकी बहुत सी शंकाओं को दूर करते हुए जो सुझाव उन्होंने दिए उन पर कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां तथा कुछ संगठन किसानों को अपने फायदे के लिए गुमराह कर रहे हैं।  उन्होंने वर्तमान भाजपा सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसान हित में लिए गए निर्णय गिनवाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां किसानों को यह कहकर गुमराह कर रही है कि सरकार मण्डी व्यवस्था खत्म कर रही है जबकि हम मण्डियों का विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में गुरूग्राम में फूलो की बड़ी मण्डी बनेगी, सोनीपत जिला के गन्नौर में लगभग 5 हजार एकड़ में एशिया की सबसे बड़ी फल व सब्जी मण्डी बनाने का कार्य अगले तीन महीनों में शुरू हो जाएगा। इसी प्रकार, पिंजौर में सेब मण्डी बनाने के लिए अगले 10-12 दिन में टैंडर कर दिए जाएंगे।  कृषि मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एसवाईएल नहर के मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला हरियाणा के हक में आ चुका है।

न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों को मिल बैठकर इस नहर का निर्माण करने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में अब पानी का अहम मुद्दा है क्योंकि प्रदेश के 10-12 जिलों में पीने तक का पानी नही बचा है। श्री दलाल ने कहा कि उन्होंने विपक्षी पार्टियों तथा धरना प्रदर्शन कर रहे सभी पक्षांे से यही अनुरोध किया है कि अपनी मांगों के साथ एक मांग एसवाईएल नहर निर्माण को भी जोड़ लें ताकि जब किसानांे के सारे मुद्दे सुलझाए जा रहे हैं तो एसवाईएल का मुद्दा भी सुलझ जाए। उन्हांेने कहा कि एसवाईएल नहर हरियाणा के लिए जीवन मरण का प्रश्न है और भाजपा हरियाणा में नहरी पानी के लिए लड़ाई लड़ती रहेगी। 

उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ धरना प्रदर्शन के दौरान आत्म हत्या करने वाले संत रामसिंह सिंघड़ वाले सहित इस धरना प्रदर्शन में सर्दी या अन्य दुर्घटनाओं में मृत्यु को प्राप्त सभी किसानों को श्रंद्धाजलि भी अर्पित की। साथ ही कृषि मंत्री ने इस मसले को सुलझाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा लिए गए निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने आशा जताई कि उच्चतम न्यायालय के दखल से यह मसला सुलझ जाएगा। श्री दलाल ने आज एक बार फिर धरनारत किसानों से अपील की है कि सरकार के साथ बातचीत शुरू करें क्योंकि हर मसले का हल बातचीत से ही निकल सकता है। 

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