नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली, राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार की निगरानी, रोकथाम और सावधानियों के साथ आज एक आदेश जारी किया है। यह नया आदेश आगामी 1 दिसंबर, 2020 से प्रभावी होगा और 31 दिसंबर, 2020 तक लागू रहेगा। इसके तहत रेल या हवाई जहाज से दिल्ली आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना टेस्ट करने का आदेश दिया गया है जबकि गुजरात व राजस्थान से दिल्ली या मुम्बई आने व जाने वालों को कोरोना टेस्ट रिपोर्ट साथ रखनी होगी अन्यथा उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे यात्रियों को आरटीपीसी आर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा।
- इन दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य उस महत्वपूर्ण बढ़त को और मजबूत बनाना, जो कोविड-19 के प्रसार के खिलाफ हासिल की गई है और जो देश में सक्रिय मामलों की संख्या में लगातार गिरावट के रूप में दिखी है। इसके अलावा, मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान और सर्दियों की शुरुआत में कुछ राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में हाल में हुई नए मामलों में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए, इस बात पर जोर दिया गया है कि महामारी पर पूरी तरह पार पाने के लिए सावधानी बरतने और सुझाई गई रोकथाम रणनीति का सख्ती से पालन, निगरानी, नियंत्रण पर जोर तथा गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों/ एसओपी के सख्ती से पालन करने की आश्यकता है। सुझाए गए रोकथाम के उपायों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय जिला, पुलिस और नगर निगमों को जवाबदेह बनाया जाएगा। हालात के आकलन के आधार पर राज्य और संघ शासित क्षेत्र कोविड-19 के प्रसार पर रोकथाम के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर बंदिशें लगा सकते हैं।
निगरानी और रोकथाम
- राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को इस संबंध में एमओएचएफडब्ल्यू द्वारा सुझाए गए दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सूक्ष्म स्तर पर नियंत्रण क्षेत्रों का सावधानीपूर्वक सीमांकन सुनिश्चित करना होगा। संबंधित जिलाधिकारियों और राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों द्वारा अपनी वेबसाइट पर नियंत्रण क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन्स) की सूची जारी करनी होगी। इस सूची को एमओएचएफडब्ल्यू के साथ साझा किया जाएगा।
- सीमांकित नियंत्रण क्षेत्रों में एमओएचएफडब्ल्यू द्वारा दिए गए सुझावों के तहत जो रोकथाम के उपाय लागू किए जाएंगे, वे निम्नलिखित हैं :
- नियंत्रण क्षेत्रों में सिर्फ आवश्यक गतिविधियों के लिए ही अनुमति दी जाएगी।
- इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य आपात स्थिति और आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं की आपूर्ति जारी रखने को छोड़कर यहां से बाहर या भीतर लोगों की आवाजाही पर रोक सुनिश्चित करने के लिए सख्त परिधि नियंत्रण लागू किया जाएगा।
- इस उद्देश्य से बनाए गए निगरानी दलों के द्वारा गहन घर-घर निगरानी की जाएगी।
- सुझाए गए प्रोटोकॉल के तहत जांच कराई जाएगी।
- पॉजिटिव पाए गए सभी लोगों के मामले में संपर्कों की सूची बनाने के साथ ही उनकी निगरानी, पहचान, 14 दिन के लिए क्वारंटाइन और व्यवस्था की जाएगी और अनुवर्ती जांच की व्यवस्था की जाएगी। (80 प्रतिशत संपर्कों का 72 घंटों के भीतर पता लगाया जाएगा।)
- कोविड-19 मरीजों का उपचार केन्द्रों/घरों में त्वरित आइसोलेशन (एकांत) सुनिश्चित किया जाएगा। (यह घर में आइसोलेशन के दिशा-निर्देशों को पूरा करने से संबंधित है)
- सुझाए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर उपचार की व्यवस्था की जाएगी।
- स्वास्थ्य केन्द्रों या आउटरीट मोबाइल यूनिट्स या बफर जोन्स में फीवर क्लीनिक्स के माध्यम से आईएलआई/ एसएआरई के मामलों की निगरानी की जाएगी।
- कोविड-19 से संबंधित उचित व्यवहार के संबंध में समुदायों में जागरूकता फैलाई जाएगी।
- स्थानीय जिला, पुलिस और निगम प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा कि सुझाए गए रोकथाम के उपायों का सख्ती से पालन किया जाए और राज्य/संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों को इससे संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार
- राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारें कोविड-19 संबंधी उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने और मास्क पहनने, हाथों को बार-बार धोने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को कड़ाई से लागू करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेंगी।
- चेहरे पर मास्क पहनने की मुख्य आवश्यकता को लागू करने के लिए, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें प्रशासनिक कार्रवाई पर विचार कर सकती हैं, जिसमें उपयुक्त जुर्माना लगाने से लेकर, सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर चेहरे पर मास्क न पहनने वाले व्यक्तियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों, विशेषकर बाजारों, साप्ताहिक बाजारों और सार्वजनिक परिवहन में सोशल डिस्टेंसिंग के अवलोकन के लिए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) एक मानक संचालन प्रक्रिया-एसओपी जारी करेगा, जिसे राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों द्वारा सख्ती से लागू किया जाएगा।
- कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देशों का पूरे देश में पालन किया जाएगा, ताकि कोविड-19 संबंधी उपयुक्त व्यवहार को लागू किया जा सके।
निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया-एसओपी का कड़ाई से पालन
- नियंत्रण (कंटेनमेंट) क्षेत्र के बाहर सभी गतिविधियों की अनुमति दी गई है, केवल निम्न को छोड़कर, जिन्हें कुछ प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी गई है:
- यात्रियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा, गृह मंत्रालय की अनुमति के अनुसार संचालित होगी।
- सिनेमा हॉल और रंगमंच, 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे।
- स्विमिंग पूल, केवल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए।
- प्रदर्शनी हॉल, केवल आपसी व्यवसाय (बी 2 बी) प्रयोजनों के लिए खुलेंगे।
- सामाजिक/धार्मिक/खेल/मनोरंजन/शैक्षणिक/सांस्कृतिक/धार्मिक सभा, हॉल की क्षमता का अधिकतम 50 प्रतिशत, बंद स्थानों में 200 व्यक्तियों की प्रतिबंधित संख्या के साथ; और खुले स्थानों में, मैदान/स्थान के आकार को ध्यान में रखते हुए।
- हालांकि, स्थिति के उनके आकलन के आधार पर, राज्य/केंद्र-शासित प्रदेश बंद स्थानों में 100 व्यक्तियों या उससे कम सीमा को और कम कर सकते हैं।
- सभी की जानकारी के लिए, दिशा-निर्देशों में उन 19 गतिविधियों की सूची संलग्न है जिन्हें समय-समय पर जारी की गई गतिविधियों को विनियमित करने के लिए जारी किया गया है। ये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) संबंधित अधिकारियों द्वारा कड़ाई से लागू किए जाएंगे, जो उनके कड़ाई से पालन के लिए जिम्मेदार होंगे।
स्थानीय प्रतिबंध
- स्थिति के अपने आकलन के आधार पर, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश, कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिये स्थानीय प्रतिबंध लगा सकते हैं, जिसमें रात के कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध शामिल है। हालांकि, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश सरकारें केंद्र सरकार के पूर्व परामर्श के बिना, किसी भी स्थानीय लॉकडाउन (राज्य/जिला/उप-विभाग/शहर स्तर) को नियंत्रण क्षेत्रों से बाहर नहीं लगाएंगी।
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी कार्यालयों में सुरक्षित दूरी के नियम को लागू करने की आवश्यकता है। शहरों में, जहां साप्ताहिक संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से अधिक है, संबंधित राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को एक ही समय में कार्यालय में भाग लेने वाले कर्मचारियों की संख्या को कम करने के दृष्टिकोण के साथ कार्यालय का कार्य समय अलग-अलग समय पर शुरू करने और अन्य उपयुक्त उपायों को लागू करने पर विचार करना होगा, जिससे सुरक्षित दूरी का पालन सुनिश्चित होगा।
अंतर-राज्यीय आवागमन और राज्य से बाहर जाने-आने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा
- पड़ोसी देशों के साथ संधियों के तहत सड़क मार्ग से सीमा पार करके होने वाले व्यापार के लिए व्यक्तियों और वस्तुओं के अंतर-राज्यीय और राज्य के बाहर आने-जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। इस तरह के आवागमन के लिए कोई अलग से अनुमति/अनुमोदन/ई-परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।
कमजोर व्यक्तियों के लिए संरक्षण
- कमजोर व्यक्तियों, अर्थात, 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों, विभिन्न बीमारी वाले व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की ज़रूरी आवश्यकताओं को पूरा करने और स्वास्थ्य ज़रूरतो के उद्देश्यों को छोड़कर, घर पर रहने की सलाह दी जाती है।
आरोग्य सेतु का उपयोग
- आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता रहेगा।