नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों के जवानों और देशभर के सभी पुलिसकर्मियों के सर्वोच्च बलिदान के लिए समग्र देश की ओर से कृतज्ञतापूर्वक नम आँखों से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद की ओर से भी शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 में जब मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने एक ऐसे स्मारक का निर्माण करने का फैसला लिया जो देश के लोगों को पुलिसकर्मियों के बलिदान की याद दिलाता रहे। 21 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री ने यह स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया। राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का निर्माण जनता, विशेषकर आने वाली पीढ़ी का पुलिस बल के प्रति नजरिया बदलने का मोदी सरकार का एक सार्थक और गंभीर प्रयास है।
अमित शाह ने कहा कि मैं शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से कहना चाहता हूँ कि पुलिस स्मारक पर शहीदों के नाम ही अंकित नहीं हैं बल्कि 130 करोड़ भारतीय के मन की भावना भी अंकित है। यह स्मारक सिर्फ पत्थर, ईंट, चूने और सीमेंट से बना स्मारक नहीं है, यह स्मारक हमें हमेशा याद दिलाता है कि इन वीर जवानों ने देश की आजादी को अमरत्व देने का काम किया है। गृह मंत्री ने कहा कि उनके खून का एक-एक कतरा देश को विकास के पथ पर आगे ले गया है, कई नौनिहालों के भविष्य को संवारा है और देश के आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया है। श्री शाह ने यह भी कहा कि अमर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान के कारण ही देश चैन की नींद सोता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष केंद्रीय सश्स्त्र पुलिस बलों (CAPF) और पुलिस के 264 कर्मी शहीद हुए और अब तक 35,398 जाँबाज पुलिसकर्मियों ने देश की खातिर अपने प्राण न्योछावर किए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों को 24 घंटे और 365 दिन तैनात रहकर अपना काम करना पड़ता है और तीज-त्यौहार पर भी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहते हैं।
अमित शाह ने कहा कि जब कोरोना की महामारी आई उस वक्त पूरी दुनिया अचंभित हो गई थी कि उसका कैसे सामना किया जाए। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इससे निपटने के लिए लॉकडाउन का आहवाहन किया तो पुलिस और केंद्रीय सश्स्त्र पुलिस बलों के कर्मियों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश के गृह मंत्री के नाते मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व होता है कि लॉकडाउन को प्रभावी ढंग से लागू करने में पुलिसबलों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। चाहे लाखों-लाखों प्रवासी मजदूरों की सहायता हो, बीमारों को अस्पताल पहुंचाना हो, ब्लड डोनेशन से लेकर प्लाज्मा डोनेशन तक करने में पुलिसकर्मियों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पुलिसकर्मियों ने पहली पंक्ति में खड़े रहकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसकी प्रधानमंत्री सहित पूरे देश ने सराहना की। इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारे 343 पुलिसकर्मियों ने जान गंवाई। उनके इस बलिदान को कोविड के खिलाफ लड़ाई में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
श्री शाह ने कहा कि मैं मोदी सरकार की तरफ से पुलिसकर्मियों को आश्वस्त करता हूँ कि आप देश और आंतरिक सुरक्षा को संभालिए, सरकार आपकी और आपके परिवार की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, जागरूक और प्रतिबद्ध रहेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज पुलिस के सामने बहुत चुनौतियां हैं और उनका काम कई डाइमेंशन में बढ़ा है। पुलिस के सामने आतंकवाद, फेक करेंसी, नारकोटिक्स कंट्रोल, शस्त्रों की तस्करी, मानव तस्करी, साइबर क्राइम और महिलाओं के विरुद्ध अपराध जैसे बहुत सारी नई चुनौतियाँ आ रही हैं। जिसके लिए भारत सरकार ने एक सुगठित पुलिस मॉडर्नाइजेशन का प्रोग्राम शुरू किया है। श्री अमित शाह ने विश्वास जताया कि मोदी जी के नेतृत्व में हम हर चुनौती का सामना करने के लिए अपने आपको तैयार करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि देश की सीमाओं को अभेध बनाने के लिए मानव बल के साथ टेक्नोलॉजी को भी जोड़ने की जरूरत है और गृह मंत्रालय इसके लिए विस्तार से काम कर रहा है।
अमित शाह ने कहा कि दुनिया की अपेक्षा भारत में प्रति एक लाख व्यक्ति पर पुलिसबल की संख्या कम है मगर मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी जी के नेतृत्व में कई योजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में संसद सत्र के दौरान रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी और फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी संबन्धित दो विधेयक पारित किए गए। रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी से छात्रों को इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने में मदद मिलेगी। इसी तरह फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के माध्यम से वैज्ञानिकों की कमी पूरी करने का प्रयास किया जाएगा।
पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्तूबर 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में भारी हथियारों से लैस चीनी सेना द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में शहीद हुए दस पुलिसकर्मियों की याद में मनाया जाता है।
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव ए के भल्ला, आईबी निदेशक अरविंद कुमार, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।