नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने रिसाइक्लिंग ऑफ शिप्स एक्ट, 2019 की धारा 3 के तहत महानिदेशक शिपिंग को नेशनल अथॉरिटी फॉर शिप्स रिसाइक्लिंग के रूप में अधिसूचित किया है।
एक शीर्ष निकाय के रूप में महानिदेशक शिपिंग जहाजों की रिसाइक्लिंग से संबंधित सभी गतिविधियों का प्रबंधन, पर्यवेक्षण और निगरानी करने के लिए अधिकृत हैं। वे शिप रिसाइक्लिंग उद्योग के सतत विकास की देखभाल करेंगे और शिप रिसाइक्लिंग उद्योग में हितधारकों के कार्य के लिए पर्यावरण अनुकूल मानदंड, सुरक्षा तथा स्वास्थ्य उपायों के अनुपालन की निगरानी करेंगे। महानिदेशक शिपिंग, शिप रिसाइक्लिंग यार्ड के मलिकों और राज्य सरकारों द्वारा आवश्यक विभिन्न अनुमोदनों के लिए अंतिम अधिकारी होंगे।
शिप रिसाइक्लिंग एक्ट, 2019 के तहत, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के अंतर्गत जहाजों की रिसाइक्लिंग के लिए हांगकांग कन्वेंशन में भाग लिया था। महानिदेशक शिपिंग आईएमओ में भारत के प्रतिनिधि हैं और आईएमओ के सभी समझौतों को महानिदेशक शिपिंग द्वारा लागू किया जा रहा है।
‘नेशनल अथॉरिटी ऑफ शिप रिसाइक्लिंग’ गांधीनगर, गुजरात में स्थापित की जाएगी। इस कार्यालय का स्थान गुजरात के अलंग में होगा जिससे शिप रिसाइक्लिंग यार्ड के मालिक लाभान्वित होंगे, क्योंकि अलंग एशिया का सबसे बड़ा जहाजों को तोड़ने वाला तथा विश्व में जहाजों के रिसाइक्लिंग उद्योग का सबसे बड़ा स्थल है।