चंडीगढ़, 2 अक्तूबर : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, दुधौला (पलवल) के संकाय सदस्यों का आह्वान किया है कि वे कमजोर से कमजोर विद्यार्थी की पहचान कर उसके हुनर के अनुरूप कौशल विकास कर उसे आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रथम राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मनोहर लाल ने कहा कि एक शिक्षक अपनी अध्ययन पद्धति से युवाओं के जीवन को सुधारने व संवारने का कार्य कर अपनी छाप छोड़ता है और शिक्षक की छाप एक विद्यार्थी कभी अपने जीवन में भुल नहीं सकता।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दोनों महापुरुषों ने अपने-अपने सिद्धांतों पर चलते हुए देश के विकास एवं प्रगति में अहम योगदान दिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अहिंसा परमोधर्म: के सिद्धांत पर चलकर विश्व को अहिंसा का रास्ता दिखाया था तो वहीं लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देकर देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के साथ-साथ खाद्यान्न उत्पादन के मामले में भी देश को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया था।
मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर अभियान’ को सही मायने में सफल बनाने के लिए युवाओं को गुणवत्तापरक व रोजगारपरक शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि उनका कौशल विकास हो सके। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू व हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो0 बृज किशोर कुठियाला के नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में छठी कक्षा से ही कौशल विकास के विकल्प चुनने का प्रावधान किया गया है, जो आगे चलकर विद्यार्थी को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका अदा करेगा।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे कमजोर विद्यार्थियों की सहायता के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा गठित ‘जीरो एसोसिएशन’ की तर्ज पर उनके अन्त्योदय के सिद्धांत को आत्मसात करें और गरीब, कमजोर व वंचित तथा समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े विद्यार्थी की पहचान कर उसे आगे बढ़ाएं।
इस अवसर पर उन्होंने सात व्यक्तियों व संस्थानों को राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता पुरस्कार के हीरक, स्वर्ण तथा रजत पुरस्कार श्रेणियों से सम्मानित किया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें क्रमश: 21000 रुपये, 15000 रुपये व 10000 रुपये तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गए। पुरस्कार पाने वालों में शिक्षक श्रेणी में दिल्ली इंस्टीटयूट ऑफ टूल इंजीनियरिंग की सहायक प्रोफेसर डॉ0 चारू गौर को रजत पुरस्कार और डॉ0 ऐ.पी.जे. अब्दुल कलाम कौशल विश्वविद्यालय, लखनऊ के डॉ0 मनीष शर्मा को स्वर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि प्रशिक्षण श्रेणी में नेतुर टैक्नोलोजी फाउंडेशन धारवाड़, कर्नाटक की इनोक नवीतम तथा इलैक्ट्रानिक्स सिटी बैंगलुरू की अर्पणा पी. आत्म विशिष्ठ को हीरक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार, संस्थागत श्रेणी में रजत पुरस्कार के लिए जीवा आर्युवेदा फरीदाबाद के डॉ0 प्रताप चौहान को प्रथम, प्रबन्धन और उद्यमिता (एमईपीएससी), नई दिल्ली को द्वितीय तथा हीरो मोटोकॉर्प धारूहेड़ा गुरुग्राम के श्री पवन मुंजाल को हीरक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 राज नेहरू ने अपने स्वागतीय भाषण में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा 35 से अधिक पाठयक्रमों में डिप्लोमा, डिग्री व स्नातकोत्तर के पाठयक्रम चलाए जा रहे हैं और इनमें 1200 से अधिक विद्यार्थी जुड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय ने 150 से अधिक उद्योगों के साथ समझौता किया है। इसके अलावा, शिक्षा व कौशल विकास के साथ-साथ नवाचार पर भी बल दिया जाता है।
हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो0 बृज किशोर कुठियाला ने अपने सम्बोधन में परिषद द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में उठाए जा रहे कदमों के बारे में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को अवगत करवाया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, विश्वविद्यालय की डीन डॉ0 ज्योति राणा, प्रोफेसर आर.एस.राठौर भी उपस्थित थे।