नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामले मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों के आरंभिक और माध्यमिक प्रशिक्षण हेतु एक समान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ किया। साथ ही एहतियाती सतर्कता मॉड्यूल का भी आरंभ किया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी, भारतीय बैंक संघों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारी तथा वित्तीय सेवा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
एक समान प्रशिक्षण व्यवस्था को तैयार करने में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और बैंक प्रबंधन समिति सहित सभी संबद्ध पक्षों से परामर्श लिया गया है। एक समान प्रशिक्षण कार्यक्रम से बैंक का हिस्सा बनने वाले युवा बैंक अधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु और उनके व्यवसाई कैरियर के मध्य में प्रशिक्षण हेतु मानक पूर्ण संस्थागत व्यवस्था होगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य बैंक अधिकारियों को बैंकिंग नियमों और प्रक्रियाओं की उपयुक्त समझ उपलब्ध कराना तथा उन त्रुटियों से बचना है जिसके चलते सतर्कता से जुड़े मामले बढ़ते हैं।
वित्त मंत्री ने इस अवसर पर आशा व्यक्त की कि इस पहल के चलते बैंक अधिकारियों को अपने उत्तरदायित्व सजगता और बुद्धिमत्ता पूर्ण ढंग से निभाने में मदद मिलेगी और अनजाने में ऐसी त्रुटियों से बच सकेंगे जो नियमों तथा प्रक्रियाओं की जागरूकता ना होने के कारण होती थी और जिसके कारण सतर्कता से जुड़े मामले बढ़ते थे तथा अधिकारियों को सतर्कता आयोग की प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता था। उन्होंने आगे कहा कि इस पहल की मदद से हम युवा बैंक अधिकारियों को भविष्य में नेतृत्व करने योग्य बना सकेंगे। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों से बैंक अधिकारियों को बैंक और वित्तीय योजनाओं की बेहतर जानकारी और समझ होगी, उभरती नई तकनीकी का ज्ञान होगा, आंकड़ों की नई व्यवस्था से जुड़ी कुशलता आएगी, टीम स्पिरिट और नैतिकता का भाव जगेगा। इसके चलते उनके स्वभाव में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
श्रीमती सीतारमण ने जोर दिया कि इस व्यवस्था के चलते बैंक ग्राहकों को भी लाभ होगा जब प्रशिक्षित बैंक अधिकारी उनकी बैंकिंग जरूरतों को बेहतर ढंग से समझेंगे और उन्हें सेवाएं देंगे। इससे उनका बैंकिंग अनुभव बेहतर होगा।
वित्तमंत्री ने बैंक प्रबंधन से इस पहल के महत्व को समझते हुए इसके बारे में पूरी तरह सजग रहने को कहा ताकि इसकी सफलता में कहीं कोई कसर बाकी न रह जाए।