चंडीगढ़, 1 अक्तूबर- हरियाणा के नवनियुक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने आज अपना पदभार ग्रहण करते हुए कहा कि सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी अपना कार्य ईमानदारी, सहानुभूति और निश्चित समय अवधि में पूरा करें।
श्री वर्धन ने आज 34वें मुख्य सचिव के तौर पर अपना पदभार ग्रहण किया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गौरव की बात है कि वे हरियाणा के मुख्य सचिव के पद पर आसीन हुए हैं।
श्री वर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच के अनुरूप सरकारी विभागों की कार्यशैली में पारदर्शिता के साथ नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ त्वरित पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी व कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं का त्वरित निपटान तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए मुख्यालय स्तर एवं जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी आमजन की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुनें और तुरंत उनका निपटान सुनिश्चित करें और कार्यशैली में तेजी लाएं।
उल्लेखनीय है कि विजय वर्धन दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक और स्नातकोत्तर हैं। वर्ष 1984 में भारतीय पुलिस सेवा में आने से पहले उन्होंने बैडमिंटन, स्क्वैश, बॉक्सिंग और एथलेटिक्स में अपने कॉलेज का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1985 में, वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। श्री वर्धन हरियाणा के राज्यपाल के सचिव, हरियाणा पर्यटन निगम के अध्यक्ष, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और पर्यटन तथा नवीकरणीय ऊर्जा विभागों के प्रमुख सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, गुरुग्राम और पंचकुला के प्रशासक के रूप में उन्होंने इन शहरों और हरियाणा के अन्य शहरों के औद्योगिक, आवासीय और वाणिज्यिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फरीदाबाद के उपायुक्त और नगर निगम आयुक्त के पद पर रहते हुए उन्होंने शहरी क्षेत्र के विकास में कई अहम पहलें कीं।
श्री वर्धन संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा सिंगापुर, मलेशिया और इंडोनेशिया में शहरी विकास और उत्थान में एक एडवांस कोर्स के लिए चुने गए। उन्होंने प्रदेश की विरासत के संरक्षण के लिए पिंजौर हेरिटेज फेस्टिवल, राजा नाहर सिंह के महल, बल्लभगढ़, फरीदाबाद में कार्तिक उत्सव के प्रचार-प्रसार में योगदान दिया। इसके अलावा माता मनसा देवी मंदिर, पंचकूला और मुगल गार्डन, पिंजौर का जीर्णोद्धार करने के लिए भी कार्य किया।
श्री विजय वर्धन ने मुख्य सचिव के पद पर आसीन होने से पहले राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त तथा गृह, जेल, आपराधिक जांच और न्याय-प्रशासन विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी।
एक सरकारी अधिकारी होने के साथ-साथ श्री विजय वर्धन बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्होंने एक इतिहासकार के रूप में अब तक सात पुस्तकें लिखी हैं। अंग्रेजी में सूफी हाइकु कविताओं के उनके संग्रह, ‘बियॉन्ड द ग्रेट बियॉन्ड’ और ‘इबादत द ब्रेथ ऑफ माय सॉल’ शीर्षक को आलोचकों और पाठकों ने समान रूप से सराहा है।
उन्होंने हरियाणा के इतिहास और विरासत के बारे में तीन शोध किए गए मोनोग्राफ को भी लिखा है, जिनका शीर्षक है ‘बुद्धास ट्रेल इन हरियाणा’, ‘द मैगनिफिशियंट मॉन्यूमेंटस ऑफ नारनौल’ और ‘राखीगढ़ी-रिडिस्कवर’ है। उनकी नवीनतम पुस्तक ‘हैपनिंग हरियाणा’ हड़प्पा युग से वर्तमान दिनों तक हरियाणा के इतिहास को दर्शाती है।