एमसीजी में ईपीएफ व ईएसआई घोटाले की जांच हेतु गठित कमेटी की बैठक में नहीं आये मैनपॉवर एजेंसी एम आई टू सी के प्रतिनिधि, अधिकारियों ने हड़काया

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– डिप्टी मेयर सुनीता यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक
– अनियमितता पाए जाने पर होगी सख्त कार्रवाई

गुरूग्राम, 1 अक्तुबर। नगर निगम गुरूग्राम में आऊटसोर्स आधार पर लगे कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई की राशि की जांच करने के लिए गठित कमेटी की बैठक शुक्रवार को डिप्टी मेयर सुनीता यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई।


    बैठक में निगम पार्षद रविन्द्र यादव, एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर रोहताश बिश्रोई, मुख्य लेखा अधिकारी भारत भूषण कालरा, कार्यकारी अधिकारी अभय सिंह यादव, लेखाधिकारी प्रवीण सैनी, एसओ भूपेन्द्र यादव ने हिस्सा लिया। बैठक में कमेटी सदस्यों ने विचार-विमर्श उपरान्त यह निर्णय लिया कि जब तक कमेटी की जांच पूरी नहीं होती है, तब तक मैनपावर प्रदाता एजेंसी एमआईटूसी को कोई नया वर्क ऑर्डर जारी ना किया जाए तथा सभी आऊटसोर्स एजेंसी अपना एस्करो अकाऊंट खुलवाएं। इसके साथ ही नगर निगम गुरूग्राम के मुख्य लेखाधिकारी से कहा गया कि 9 अक्तुबर को आयोजित होने वाली कमेटी की अगली बैठक में एमआईटूसी, आरएस इंटरप्राईजेज व अन्य मैनपावर प्रदाता एजेंसियों के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित हों तथा सभी कर्मचारियों की ईपीएफ व ईएसआई का संपूर्ण विवरण साथ में लेकर आएं।


उल्लेखनीय है कि नगर निगम गुरूग्राम में आऊटसोर्स आधार पर लगे कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई की राशि की जांच करने के लिए डिप्टी मेयर सुनीता यादव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन दोनों की बैठकों में मैनपावर प्रदाता एजेंसी एमआईटूसी के प्रतिनिधि उपस्थित नहीें हुए। इस पर डिप्टी मेयर ने कड़ा एतराज जताया तथा अधिकारियों से कहा कि अगली बैठक में एमआईटूसी के प्रतिनिधि रिकार्ड के साथ उपस्थित होने चाहिएं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई की राशि का पूरा हिसाब एजेंसी से लिया जाएगा। अगर जांच के दौरान किसी भी प्रकार की कोताही पाई जाती है, तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने बारे संस्तुति की जाएगी।

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