जयपुर, 27 सितम्बर। राज्य सरकार ने कोविड-19 वैश्विक महामारी और इसके चलते लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आर्थिक परिस्थितियों में पर्यटन, अपेरल और टेक्सटाइल क्षेत्रों को राहत देने के निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स)-2019 के तहत अतिरिक्त लाभ एवं अनुदान में छूट के प्रस्तावों का अनुमोदन किया है।
श्री गहलोत ने वित्त विभाग से प्राप्त प्रस्ताव के क्रम में पर्यटन को रिप्स-2019 के अन्तर्गत ‘थ्रस्ट सेक्टर’ के अन्तर्गत शामिल करने और इसके साथ ही सामान्य लाभों के अतिरिक्त ब्याज अनुदान एवं कैपिटल सब्सिडी का अतिरिक्त लाभ देने का निर्णय लिया है। इसके तहत पर्यटन इकाई में न्यूनतम दो करोड़ रूपये का निवेश करने पर 20 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी की छूट अधिकतम 25 लाख रूपये तक अथवा ऋण पर ब्याज में 5 प्रतिशत अनुदान 5 वर्ष तक अधिकतम 25 लाख रूपये प्रतिवर्ष देय होगा।
मुख्यमंत्री ने रिप्स-2019 के तहत अपेरल और टैक्सटाइल उद्योगों को अपशिष्ट शोधन संयंत्र (ईटीपी) पर देय अनुदान की सीमा में संशोधन करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृत किया है। इसके तहत इन उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण को घटाने के लिए यहां अपशिष्ट शोधन संयंत्र स्थापित करने पर देय अनुदान की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर अधिकतम 2 करोड़ रूपये तक कर दी है।
राज्य सरकार के इन निर्णयों से प्रदेश में पर्यटन के साथ-साथ कपड़ा एवं अपेरल उद्योग क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और प्रदेश में रोजगार अवसर बढ़ेंगे।