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- इस नीति के प्रारूप पर उद्यमियों के सुझाव आमंत्रित किए गए
-नई नीति में निवेश आकर्षित करने तथा रोजगार पर रहेगा फोकस - उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी रहे बैठक में मौजूद
गुरूग्राम, 26 सितंबर। हरियाणा की नई उद्योग तथा रोजगार नीति-2020 आगामी 1 नवंबर हरियाणा दिवस से लागू होगी। यह घोषणा आज हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गुरूग्राम में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए की। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल तथा उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला आज गुरुग्राम में नई उद्योग तथा रोजगार नीति के प्रारूप पर उद्यमियों से सुझाव आमंत्रित करने के लिये अहम बैठक करने आये थे। इसके लिए गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में उद्यमियों के साथ बैठक आयोजित की गई। कुछ उद्यम व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए जबकि 10 उद्यमी वर्चुअल रूप से बैठक से जुड़े।
मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों से प्राप्त सुझावों को शामिल करके प्रदेश की बेहतरीन उद्योग तथा रोजगार नीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का प्रयास है कि हमारा प्रदेश स्मृद्ध हो और उद्योगों में प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया हों। इस बारे में उद्यमियों से जब सुझाव आमंत्रित किए गए तो उन्होंने हरियाणा के युवाओं का उद्योगांे में काम करने के लिए स्किल अपग्रेडेशन के साथ एटीटयूड व बिहेवियर का सुझाव दिया है। इस दिशा में बैठक में ही उपस्थित श्री विश्वकर्मा स्किल युनिवर्सिटी के वाइस चांसलर राज नेहरू को बिहेवियरल एटीटयूड के लिए शाॅर्ट टर्म कोर्स तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह विश्वविद्यालय उस कोर्स के बाद युवाओं को इसका सर्टिफिकेट भी देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई उद्योग तथा रोजगार नीति-2020 में हरियाणा में ज्यादा से ज्यादा निवेश लाने तथा प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने पर फोकस रहेगा।
इससे पहले उद्यमियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग के नाते हरियाणा आज भी देश में अग्रणी राज्यों में है। सरकार का लगातार पर्यत्न रहता है कि राज्य और स्मृद्ध बने। इसी दिशा में मौजूदा हरियाणा सरकार लगातार पिछले 6 वर्षों से पर्यत्नशील है। उन्होंने कहा कि सन 2014 में जब वर्तमान भाजपा सरकार ने प्रदेश की बागडोर संभाली तब ईज आॅफ डूइंग बिजनेस में हरियाणा देश में 14वें स्थान पर था। इसके बाद सरकार के प्रयासों से हरियाणा छठें स्थान पर आया तथा बाद में तीसरे स्थान पर भी पहुंचा। उन्होंने कहा कि इस बार कुछ प्रक्रिया से जुड़ी कमी के कारण हरियाणा रैंकिंग में थोड़ा पिछड़ गया लेकिन भविष्य में उन कमियों को दूर करके फिर से अग्रणी राज्यों में आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उद्योगों से प्रदेश को राजस्व मिलता था क्योंकि उस समय वैट का पैसा प्रदेश को आता था। अब जीएसटी लागू होने के बाद उत्पाद उपयोग वाले राज्य को पैसा मिलता है। इस नाते अब उद्योग स्थापित होने में फोकस रोजगार पर हो गया है। श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में अब खेती के लायक जोत भूमि कम हो गई है। इस कारण से कृषि से जुड़े युवाओं में बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। इसके समाधान के लिए एग्रो इंडस्ट्रीज तथा अन्य उद्योगों में प्रदेश के युवाओं को ज्यादा रोजगार मिले , इस पर ध्यान देना है। उन्होंने ये भी कहा कि हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) में पहले भी प्रदेश के लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देने का प्रावधान था परंतु पूर्व सरकारों द्वारा उस ओर कोई ध्यान नही दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा सरकारी नौकरी चाहता है लेकिन सभी को सरकारी नौकरी मिल नही सकती इसलिए युवाओं की उद्योगों में काम करने की रूचि पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पढ़ाई के साथ साथ उनकी स्किलिंग जरूरी है। साथ ही युवाओं में आज के युग में काम करने की संस्कृति पैदा करनी होगी।
उन्होंने उद्यमियों से मुखातिब होते हुए कहा कि रोजगार में हरियाणा के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए परंतु यदि हरियाणा के लोग नही मिलते हैं तो वे अन्य लोगों को रोजगार पर रखने के लिए स्वतंत्र हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने से उद्योगों को भी बहुत से लाभ होंगे, जिसका जिक्र स्वयं उद्यमियों ने आज की चर्चा में किया है। उन पर रोजगार पर रखे गए लोगों की हाउसिंग , ट्रांसपोर्टेशन आदि का खर्च कम होगा।
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से यह भी कहा कि हर उद्यमी सरकार के साथ सूचीबद्ध हो। इसके लिए सरकार द्वारा पिछले दिनों शुरू किए गए ‘ हम ‘ पोर्टल अर्थात् हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम पर सभी छोटे , मंझले, बड़े उद्योग अपने आप को रजिस्टर करें। इससे उद्योगों का डेटा तैयार होगा और सरकार को योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से परिवारों का डेटा तैयार किया जा रहा है और भूमि रिकाॅर्ड का कंप्यूटीकरण करके भूमि का डेटा तैयार किया जा रहा है ताकि सभी चीजे सिस्टेमैटिक हों।
इससे पहले अपने विचार रखते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश के लोगों को रोजगार मुहैया करवाने पर फोकस करने का सरकार का विचार है । इसके लिए युवाओं को स्किल्ड करके उद्योगों को उपलब्ध करवाएंगे। यह सरकार के सामने भी चुनौती है कि उनकों कैसे प्रशिक्षित और स्किल्ड किया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नीति-2015 में भी स्थानीय युवाओं को रोजगार पर रखने के लिए 36 हजार रूप्ये सालाना प्रोत्साहन राशि उद्योग को देने का प्रावधान था। अब वित्तीय सहायता की यह राशि 48 हजार रूप्ये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि ब्लाक-बी , सी और डी में उद्योग लगते हैं तो उद्यमियों के लिए काफी काॅस्ट इफेक्टिव रहेंगे। हरियाणा के प्रत्येक शिक्षण संस्थान में वैकल्पिक इंडस्ट्री के लिए स्किल ट्रेनिंग देने को सरकार तैयार है। साथ ही दुष्यंत ने कहा कि प्रशिक्षण के लिए गर्वमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में स्पेस उपलब्ध है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग आईटीआई में जाकर युवाओं को इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग दें तो उन्हें कम खर्च पर कुशल मैनपावर मिलेगी।
बैठक में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ए के सिंह ने मुख्यमंत्री , उप मुख्यमंत्री तथा अन्य उद्यमियों का स्वागत किया और ड्राफट उद्योग नीति के बारे में बताया। उद्योग विभाग के निदेशक डा. साकेत कुमार ने ड्राफट उद्योग तथा रोजगार नीति पर प्रैजेंटेशन दी। इस मौके पर इंवेस्ट इंडिया से पवन चैधरी, श्री विश्वकर्मा स्किल युनिवर्सिटी से वाइस चांसलर राज नेहरू, उपायुक्त अमित खत्री, निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह के अलावा, मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड से आर सी भार्गव , जेबीएम कंपनी से निशांत आर्य, टैक्सटाइल उद्योग से हेमंत भरत राम, डेल टेक्नोलाॅजिज से कमल अरोड़ा, मेक माई ट्रिप से वैंकटेश, ओयो से रोहित कपूर, टीडीके इंडिया से श्री अग्निहोत्री, रिलायंस इंडस्टी से श्री वल्लभ गोयल, फिल्पकार्ट से रजनीश कुमार, मिंडा ग्रुप आॅफ कंपनीज से निर्मल के. मिंडा, सिस्को से हरीश कृष्णन , एस्कोर्ट से निखिल नंदा, नेस्काॅम से लीनिका खटट्र व जयकुमार, सीआईआई के वाइस चेयरमैन राजीव गांधी , पीएचडी चैंबर आफ काॅमर्स से मोहित जैन , एमएसएमई फरीदाबाद से राजीव चावला सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।