नई दिल्ली : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज 56 सीएनजी स्टेशन राष्ट्र को समर्पित किये। ये सीएनजी स्टेशन 13 राज्यों- बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश तथा एक केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ में हैं।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि पिछ़ले 6 वर्षों में, सीएनजी स्टेशनों की संख्या 947 से बढ़कर 2300 हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश के 400 से अधिक जिलों को सिटी गैस वितरण नेटवर्क के दायरे में लाया जा चुका है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) 11वीं दौर की सीजीडी बोली प्रक्रिया शुरु करने की तैयारी कर रहा है जिसके बाद 50-100 अतिरिक्त जिलों को स्वच्छ ईंधन मिले सकेगा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि सरकार इसे सुगम बनाने के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इस उद्देश्य के लिए 17,000 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों और पूर्वी भारत जैसे स्थानों जो अबतक गैस की पहुंच से वंचित थे को भी इसके दायरे में लाया जा रहा है। राष्ट्रीय गैस ग्रिड को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के प्रयास चल रहे हैं।
श्री प्रधान ने कहा कि “सबका साथ-सबका विकास” की भावना के साथ सरकार ने देश में “नीली लौ क्रांति” की शुरुआत की है। इसके तहत 28 करोड़ से अधिक परिवारों को एलपीजी कनेक्शन प्रदान किया गया है और 5 करोड़ परिवारों को पीएनजी कनेक्शन देने की महत्वाकांक्षी योजना चल रही है।
श्री प्रधान ने देश में “सीबीजी इकोसिस्टम” की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में संपीड़ित बायो गैस (सीबीजी) को शामिल किया गया है जिससे उद्यमियों को सस्ती दरों पर आसानी से कर्ज मिल सकेगा।
कचरे से ऊर्जा बनाने की अवधारणा का जिक्र करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति बहुत कम प्रदूषण करने के बावजूद भारत ने अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने सर्दियों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए स्वच्छ ईंधन को अपनाने के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश द्वारा किए जा रहे प्रयासों का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने गाजीपुर में नगरपालिका के कचरे को गैस में बदलने के लिए इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड , एनटीपीसी और एसडीएमसी की हालिया पहल का भी उल्लेख किया।
श्री प्रधान ने उद्यमियों से ऊर्जा क्षेत्र में लाए गए नीतिगत सुधारों का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खुदरा दुकानों की स्थापना के लिए पूंजी की आवश्यकता 2000 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दी गई है, और यहां तक कि स्टार्ट-अप भी इसमें भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि रिटेल आउटलेट न केवल पारंपरिक जीवाश्म ईंधन बेच सकते हैं, बल्कि गैस स्टेशन और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन भी लगा सकते हैं। उन्होंने उद्यमियों से अपील की कि वे नीतिगत सुधारों का लाभ उठाएं, प्रतिस्पर्धा बनें और ईंधन विपणन में नवाचार लाएं जो उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने चंडीगढ़ में स्थापित बैटरी स्वैपिंग स्टेशन की हालिया पहल के बारे में भी बताया जिसे अन्यत्र भी शुरु किया जा सकता है। उन्होंने सीजीडी के क्षेत्र में करोबार करने वालों से भी सीबीजी स्टेशन स्थापित करने का आह्वान किया। श्री प्रधान ने कहा कि इसके लिए कच्चा माल आसानी से और प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसके लिए ओएमसी लाभकारी मूल्य पर गांरटी प्रदान कर रहे हैं।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा खपत वाले देशों में से एक है। आगे यह खपत और बढ़ेगी क्योंकि देश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जा न्याय और आत्मनिर्भर भारत के आह्वान का उल्लेख करते हुए कहा कि लोगों को उपलब्ध होने वाली ऊर्जा टिकाऊ, सुलभ और सस्ती होनी चाहिए और इससे देश में ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री तरुण कपूर ने इस अवसर पर कहा कि सरकार देश में गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाए जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने वाहन निर्माताओं से कारखानों में फिट सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने, और बाहरी से सीएनजी किटों के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने का आह्वान किया ताकि परिवहन क्षेत्र अधिक पैमाने पर सीएनजी वाहनों का उपयोग कर सके।
आईओसीएल के अध्यक्ष श्री एस. एम. वैद्य ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया। पेट्रोलियम मंत्रालय,तेल विपणन कंपनियों और सीएनजी स्टेशन लगाने वाली कंपनियों के कई वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।