नई कोल्ड चेन परियोजनाओं से ढाई लाख किसानों को फायदा होगा : हरसिमरत कौर

Font Size

नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री, हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि नई एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं के माध्यम से 16,200 किसानों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगें और 2,57,904 किसानों को लाभ प्राप्त होने की संभावना है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) की एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्यवर्धन अवसंरचना वाली योजना के अंतर्गत, अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) की बैठकों में 27 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। इन बैठकों की अध्यक्षता श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की।

इन परियोजनाओं को आंध्र प्रदेश (7), बिहार (1), गुजरात (2), हरियाणा (4), कर्नाटक (3), केरल (1), मध्य प्रदेश (1), पंजाब (1), राजस्थान (2), तमिलनाडु (4) और उत्तर प्रदेश (1) राज्यों में मंजूरी प्रदान की गई है। देश भर में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए आधुनिक, अभिनव अवसंरचना और प्रभावी कोल्ड चेन सुविधाओं का निर्माण के लिए, इन 27 नई एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं से कुल 743 करोड़ के निवेश का लाभ प्राप्त होगा। 208 करोड़ की अनुदान-सहायता वाली इन परियोजनाओं से भारत की खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में दक्षता और स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

श्रीमती बादल ने कहा कि पर्याप्त अवसंरचनाओं का प्रावधान करके, खराब होने वाली उपज को बचाने से न केवल किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करने में मदद मिलेगी बल्कि यह फलों और सब्जियों के क्षेत्र में भारत को आत्मबल/आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक छोटे से कदम के रूप में भी कार्य करेगा। उन्होंने आगे कहा कि इन एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं से न केवल खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचाना के विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि कृषि आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाने, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर उत्पन्न करने, किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने, अंतिम प्रयोक्ताओं को लाभ पहुंचाने और संबद्ध क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये लाभ किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

पूरे देश में 85 कोल्ड चेन परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर विचार किया गया है। यह प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की कोल्ड चेन, मूल्यवर्धन और संरक्षण अवसंरचना की योजना के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला के अंतर को पाटने और विश्व स्तरीय कोल्ड चेन अवसंरचाओं का निर्माण करने की दिशा में सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय उत्पादन से उपभोग क्षेत्रों/ केंद्रों तक निर्बाध हस्तांतरण की प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करने के लिए कोल्ड चेन ग्रिड का एक एकीकृत और निर्बाध नेटवर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। यह खाद्य उत्पादों, डेयरी उत्पादों खाने के लिए तैयार फलों और सब्जियो, मांस, मछली, समुद्री, अंडों की सुरक्षा, गुणवत्ता और मात्रा और भंडारण को बनाए रखेगा।

एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्यवर्धन अवसंरचना की केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत, मंत्रालय सामान्य क्षेत्रों में भंडारण और परिवहन अवसंरचना के लिए 35 प्रतिशत की दर से अनुदान-सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों, आईटीडीपी क्षेत्रों और द्वीपों के लिए 50 प्रतिशत की दर से अनुदान-सहायता प्रदान करता है। 50 प्रतिशत और 75 प्रतिशत की सहायता क्रमशः मूल्यवर्धन और प्रसंस्करण अवसंरचना के लिए दी जाती है, जो एकीकृत कोल्ड चेन परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए प्रति परियोजना 10 करोड़ की अधिकतम अनुदान सहायता के अंतर्गत है, जिसमें फॉर्मगेट से उपभोक्ता तक पहुंच प्रदान करने की सुविधा भी शामिल है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अतिरिक्त कृषि उत्पादों को खपाने की क्षमता है, जिससे किसानों को लाभ प्राप्त होता है और साथ ही, फसल को मूल्यवर्धित प्रसंस्कृत उत्पादों में परिवर्तित कर दिया जाता है जो घरेलू और वैश्विक मांगों को पूरा कर सकता है।

उक्त परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करने के लिए अंतर-मंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) की बैठकें 21, 24, 28 और 31 अगस्त, 2020 को आयोजित की गई थीं।

You cannot copy content of this page