नई दिल्ली। देश में नीट और जेई प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने की लड़ाई एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। खबर है कि देश के उन 6 राज्यों की सरकारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अदालत के 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा करने की मांग की गई है जहां कांग्रेस समर्थक सरकारें हैं। याचिका में आगामी 1 सितंबर से 6 सितंबर तक होने वाली जे ई ई परीक्षा और सितंबर के मध्य में होने वाली नीट परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले पर पिछले 2 सप्ताह से देश में बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दल दोनों ही परीक्षाओं को अगले 2 से 3 माह के लिए स्थगित करने की मांग कर रहे हैं जबकि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ने गुरुवार को अपना बयान जारी कर यह साफ कर दिया कि परीक्षा आयोजित कराई जाएगी । इसके लिए आवश्यक सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गई हैं । साथ ही उन्होंने सभी परीक्षार्थियों एवं अभिभावकों को यह कहते हुए आश्वस्त किया कि उनके परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने और वापस उनके जिले में जाने की व्यवस्था राज्य सरकारों से करने को कहा गया है। साथ ही परीक्षा केंद्रों पर स्वास्थ्य की सुरक्षा संबंधी सभी इंतजाम मुकम्मल किए जाएंगे।
दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई उन 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक जहां विपक्षी दलों का राज है ने एक स्वर से दोनों ही परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग केंद्र सरकार से की थी। गुरुवार को भी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पुनः बल देते हुए कहा था कि इससे संक्रमण बढ़ेगा और बच्चों का जीवन खतरे में होगा जबकि अधिकतर बच्चे गरीब परिवारों से हैं और उन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने इस बात की घोषणा की थी की सभी विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अदालत की 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा करने की मांग करेंगे।
आज देश के 6 राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ ,पंजाब और महाराष्ट्र के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने अदालत से अपने 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा करने और सितंबर में होने वाली दोनों ही परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की है। अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या निर्णय देती है।