एनएबीएच हॉस्पीटल और एनएबीएल लैब भी कर सकेंगे कोरोना के लिए एंटीबॉडीज व एंटीजन टेस्ट : सिविल सर्जन

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  • डॉ वीरेंद्र यादव ने कहा, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को अस्पताल उपलब्ध करवाएंगे होम आइसोलेशन गाइडलाइन्स बुकलेट
  • गुरुग्राम 24 अगस्त। सरकारी अस्पतालों के साथ अब नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फाॅर हाॅस्पीटल एंड हैल्थकेयर (एनएबीएच) अस्पतालों और नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फाॅर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेट्रिज(एनएबीएल) लैब्स भी कर सकेंगे एंटीबॉडीज व एंटीजन टैस्ट। इसके लिए सरकार ने अनुमति दे दी है और ये टैस्ट सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर ही किए जाएंगे।

  • यह जानकारी आज सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में प्राइवेट लैब्स और प्राइवेट अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक के दौरान दी। डॉ यादव ने कहा कि एनएबीएच अस्पतालों और एनएबीएल लैब्स अपने यहां सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर मरीजों के एंटीबॉडीज व एंटीजन टेस्ट कर सकते है। इसके लिए सरकार द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एंटीबॉडीज टैस्ट के लिए 250 रुपए और एंटीजन टेस्ट के लिए 650 रुपए की फीस निर्धारित की गई है। इसके अलावा, सरकार द्वारा पहले ही आरटीपीसीआर टेस्ट का रेट 2400 रूपए निर्धारित कर दिया गया था। डॉ यादव ने कहा कि सभी अस्पतालों और लैब्स को सरकार द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट के अनुसार ही टेस्ट करने होंगें। अगर कोई भी अस्पताल किसी मरीज से ओवर चार्जिंग करते पाया गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

  • डॉ यादव ने अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट 15 से 20 मिनट के अंदर प्राप्त हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि होने उपरांत उसकी बेहतर ढंग से काउंसलिंग की जाए ताकि उसे किसी प्रकार का मानसिक तनाव ना हो। इसके साथ ही, यदि व्यक्ति को होम आइसोलेशन में रहना है तो उसके लिए उसे इससे संबंधित बुकलेट भी अस्पताल द्वारा उपलब्ध करवाई जानी जरूरी है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को यह बताया जाना आवश्यक है कि कैसे इसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। कोरोना संक्रमित मरीज को यह समझना जरूरी है कि वह अन्य लोगो से दूरी बनाए रखे। मरीज इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि वे अस्पताल से आइसोलेशन सेंटर तक अन्य लोगो के साथ न जाएं और निर्धारित ‘डूज एंड डोनट्स‘ का पालन करे। ऑटो, रिक्शा या टैक्सी में जाने से इसका संक्रमण और अधिक फैलने का खतरा है।

  • डॉ. यादव ने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश देते हुए कहा कि वे कोविड-19 के तहत निर्धारित बेडों की संख्या को समय-समय पर पोर्टल पर अपडेट करते रहें। सभी अस्पताल सुबह 10 से लेकर 11 बजे तक बैडों का डाटा पोर्टल पर अपडेट करे ताकि बेडों की वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि वे अपने यहां बेडों को ठीक तरीके से मैनेज रखे और अगर ओपीडी में मरीजों की संख्या कम है तो वे उन्हें भी कोविड बेड्स के तौर पर इस्तेमाल करें।
    डॉ यादव ने कहा कि सभी अस्पताल इस बात का ध्यान रखें कि एंटीजन टेस्ट नेगेटिव पाए जाने पर अगर लक्षण दिखाई पड़ रहे है तो मरीज को आरटीपीसीआर टैस्ट करवाने को कहें और दोनों टेस्ट एक ही आईडी पर किए जाएं। अलग अलग आईडी पर टेस्ट न किए जाए।

  • उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के मामले जिला में अधिक देखने को मिले हंै, और यह इसलिए है कि अब पहले के मुकाबले ज्यादा एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं जिससे अधिक कोविड संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी को भी घबराने की आवश्यक्ता नहीं है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार टेस्ट करते हुए संक्रमितों की पहचान की जा रही है। उन्हें आइसोलेट करते हुए संक्रमण को रोका जा रहा है। स्वास्थ्य सेवा सभी के लिए पर्याप्त उपलब्ध है। आवश्यकता होने पर मरीजों को अस्पतालो में दाखिल किया जा रहा है, होम आइसोलेशन में रहते हुए भी मरीज स्वस्थ हो रहे है।
    उन्होंने सभी से कहा कि वे सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइंस की पालना करे और इस महामारी से लड़ने में एक दूसरे की मदद करे। मरीज को ठीक तरीके से समझंाए, उसकी काउंसलिंग करंे और उसकी जल्द स्वस्थ होने में मदद करें।

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