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मगर बेटी किसी ने बचायी नहीं है ………
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा लगाया,
मगर बेटी किसी ने बचायी नहीं है l
अल्ट्रा साउंड में बताकर लड़की है…
डॉक्टर ने भी अपनी जिम्मेदारी निभायी नहीं है,
कत्ल करा दिया उस मासूम का….
माँ भी उसकी रोयी नहीं है,
क्या कसूर था उस गुड़िया का…
जो दुनिया उसे दिखायी नहीं है ,
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा लगाया,
मगर बेटी किसी ने बचायी नहीं है ll
भगवान से माँगा बेटा सभी ने…
मगर बेटी किसी ने माँगी नहीं है ,
कितनी सेवा माँ बाप की करती,
कितने दुख ससुराल में सहती,
फ़िर भी बेटियाँ किसी को भायी नहीं है ,
खूब दर्द सहा इन्होने मगर पीडा अपनी दिखायी नहीं है ,
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा लगाया,
मगर बेटी किसी ने बचायी नहीं है lll
कभी सती बनाके जलाई गई ,
तो कभी दहेज की खातिर जलाई गई ,
पुलिस को आत्म हत्या बताया गया,
ना चीख सुनी ना आहट सुनी…,
लालची दरिंदों ने…बस पैसों की खन खनाहट सुनी,
खूब चील्लायी वो बेचारी….
फ़िर भी दरिंदों ने बहू अपनी बचायी नही है ,
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा लगाया,
मगर बेटी किसी ने बचायी नही है llll