नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने एक अहम फैसला लेते हुए 11वीं के विद्यार्थियों के लिए गणित विषय का चयन करने के लिए छूट देने की घोषणा की है. इसके तहत अब 11वीं में पढ़ने वाले बच्चे गणित विषय का चयन उस स्थिति में भी कर पाएंगे अगर उन्होंने दसवीं में स्टैंडर्ड मैथ नहीं दिया था. यह छूट केवल 1 साल के लिए देने की घोषणा की गई है।
सीबीएसई की ओर से सभी स्कूलों के प्राचार्य को भेजे गए पत्र में यह कहा गया है कि 11वीं में मैथ लेने वाले बच्चों की योग्यता की जांच उन्हें स्वयं करनी होगी. अगर बच्चे में क्षमता है कि वह दसवीं में मैथ सब्जेक्ट लिए बिना 11वीं में मुख्य विषय के रूप में मैथ को ले सकते हैं तो उन्हें अनुमति दी जाएगी. समझा जाता है कि बोर्ड की ओर से यह निर्णय कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के कारण लिया गया है. यह नियम वर्ष 2019 से लागू किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 11वीं और 12वीं में वही स्टूडेंट मैथ सब्जेक्ट ले सकते थे जिन्होंने दसवीं में इसे मुख्य विषय के रूप में पढ़ा हो और उसे पास किया हो. लेकिन 2019 में इस नियम में ढील देते हुए सीबीएसई ने ऐसे छात्र छात्राओं को भी मैथ सब्जेक्ट लेने की अनुमति प्रदान कर दी थी जिन्होंने दशमी में स्टैंडर्ड मैथ नहीं लिया था. हालांकि यह व्यवस्था दसवीं के बाद कंपार्टमेंट एग्जाम देकर ही मैथ सब्जेक्ट लेने की थी लेकिन इस बार सीबीएसई ने इसके लिए कंपार्टमेंट की आवश्यकता समाप्त कर दी है।
गौरतलब है कि सीबीएसई ने इस बार कई विषयों की परीक्षा नहीं ली क्योंकि कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के कारण परीक्षा स्थगित करनी पड़ी थी. आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया. हालांकि 10 वीं व 12 वीं में फेल हुए छात्रों के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा के आयोजन को लेकर सीबीएसई ने अभी तिथि निर्धारित नहीं की है लेकिन यह साफ कर दिया है कि कंपार्टमेंट परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।