नई दिल्ली। अगस्त, 2019 में लॉन्च किए गए जल जीवन मिशन के तहत वित्त वर्ष 2019-20 के 7 महीनों में लगभग 85 लाख ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के बीच अनलाक-1 के बाद से अभी तक वर्ष 2020-21 में लगभग 55 लाख नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इस प्रकार, प्रति दिन लगभग 1 लाख नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अभी तक, 7 राज्यों बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और मिजोरम ने घरों में नल कनेक्शन के लिए अपने लिए निर्धारित लक्ष्य का 10 प्रतिशत से ज्यादा हासिल कर लिया है। तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा और मणिपुर जैसे राज्यों ने भी इसी अवधि के दौरान अच्छी प्रगति दर्ज की है। इससे राज्यों की इस प्रमुख कार्यक्रम में उल्लिखित ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता का पता चलता है। साथ ही इससे राज्यों के तेजी से और व्यापक रूप से नल कनेक्शन उपलब्ध कराने की दिशा में किए जा रहे प्रयास भी जाहिर होते हैं।
देश में 18.93 करोड़ ग्रामीण घरों में से 4.60 करोड़ (24.30 प्रतिशत) को पहले ही नल कनेक्शन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इसका उद्देश्य समयबद्ध तरीके से शेष 14.33 करोड़ घरों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के साथ ही सभी नल कनेक्शनों की क्रियाशीलता सुनिश्चित करना है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश प्रति दिन एक लाख से ज्यादा की दर से नल कनेक्शन उपलब्ध करा रहे हैं।
2020-21 में, जेजेएम के कार्यान्वयन के लिए 23,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया जा चुका है। इसके अलावा 15वें वित्त आयोग को ग्रामीण स्थानीय निकायों को दिए गए अनुदान का 50 प्रतिशत यानी 30,375 करोड़ रुपये जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए निश्चित की गई है। इस धनराशि का 50 प्रतिशत हिस्सा पहले ही राज्यों को जारी किया जा चुका है, जिससे लोगों को नियमित रूप से और दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गांवों में बेहतर कार्यान्वयन, प्रबंधन, परिचालन और रखरखाव में सहायता मिलेगी।
जल शक्ति मंत्रालय 2024 तक देश में हर ग्रामीण घर को नल कनेक्शन के माध्यम से नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में सुझाई गई गुणवत्ता का पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्यों के साथ भागीदारी में जल जीवन मिशन (जेजेएम) को कार्यान्वित कर रहा है। जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय मिशन द्वारा इस योजना के कार्यान्वयन में राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को सहयोग देने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। दैनिक आधार पर इस मिशन की प्रगति की निगरानी की जा रही है।
कई राज्य/ संघ शासित क्षेत्र 2024 से पहले मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बिहार, गोवा, पुडुचेरी और तेलंगाना ने वर्ष 2021 में सभी ग्रामीण घरों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है; इसी प्रकार गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, मेघालय, पंजाब, सिक्किम और उत्तर प्रदेश राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेश 2022 में 100 प्रतिशत कवरेज की योजना बना रहे हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा ने 2023 में काम पूरा करने की योजना बनाई है। आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा जैसे राज्यों ने 2024 तक के लिए योजना बनाई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वित्तीय समावेशन, घर, सड़क, स्वच्छ ऊर्जा, बिजली और शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराकर ग्रामीण क्षेत्रों में ‘जीवन में सुगमता’ लाने की अपील की तर्ज पर जल जीवन मिशन के तहत हर ग्रामीण घर को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे निश्चित रूप से ग्रामीण घरों विशेषकर महिला और बालिकाओं पर कड़ी मेहनत का भार कम होगा, साथ ही जलजनित रोगों में कमी आएगी।