कोरोना संक्रमण के चलते विद्यार्थियों को घरों पर ही दिया जा रहा है मिड डे मील

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— बच्चों को मिड डे मील के राशन के साथ पुस्तकें भी कराई जा रही हैं उपलब्ध

गुरुग्राम 25 जून। अनलॉक 1.0 में भले ही तमाम गतिविधियों का परिचालन शुरू हो चुका है , लेकिन स्कूलों में अभी भी विद्यार्थियों को नहीं बुलाया जा रहा है, केवल शिक्षको का स्कूलों में आना शुरू किया गया है। सभी शिक्षक स्कूलों में आकर बच्चो को मिड दे मील के तहत राशन तो दे ही रहे हैं, साथ में किताबें वितरित करने का कार्य भी किया जा रहा है। इसके अलावा, शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन ई प्लेटफार्म के माध्यम से बच्चो को पढ़ाया भी जा रहा है।

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स्कूलों में आने वाले शिक्षक बच्चों के रिहायशी इलाको में जाकर ही उनके अभिभावकों को घर पर ही मिड डे मील का राशन दे रहे हैं । बच्चों को राशन के साथ हैंड वॉश आदि भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ स्कूल बंद होने के कारण उनकी शिक्षा पर कोई प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े इसके लिए स्कूलों द्वारा लगातार ऑनलाइन क्लास लगाई जा रही हैं। बच्चो को घरों पर ही किताबो का एक – एक सेट भी मुहैया कराया जा रहा है, जिससे बच्चे घरों पर रहते हुए भी अपनी पढ़ाई जारी रख सके और उनकी पढ़ाई का नुकसान ना हो।

 

मिड डे मील के बारे में जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि बच्चो को घरों पर राशन के सामान के साथ साथ आयरन की गोलियां भी दी जा रही है, जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहे । हर बच्चे को सप्ताह के हिसाब से 6 से 7 गोली के रूप में आयरन कि दवा दी जा रही है, जो एक इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कार्य करेगी ।

श्री खत्री ने बताया कि बच्चों को पहले स्कूलों में ही मिड डे मील उपलब्ध कराया जाता था ,लेकिन कोरोना संक्रमण के मद्देनजर पूरे एहतियात के साथ सामाजिक दूरी की पालना करते हुए बच्चो के घरों पर ही उनके अभिभावकों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले मिड डे मील में स्कूल में दाल, चावल, खीर आदि दिया जाता था, वहीं अब बच्चो को उनके घरों पर ही जाकर 3 -3 किलो चावल व गेहूं सूखे राशन के तौर पर दिया जा रहा है।

 

उन्होंने बताया कि हर बच्चे के लिए आधा किला सूखा दूध भी मिड डे मील के अंतर्गत दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के लिए मिड डे मील के साथ-साथ हैंड सेनीटाइजर, मास्क और साबुन भी दिया जा रहा है , जिससे वे अपने घरों पर सुरक्षित रह सकें। उन्होंने बताया कि जब तक स्कूलों का परिचालन सामान्य तरीके से नहीं होता, जब तक बच्चों को घरों पर ही मिड डे मील उपलब्ध करवाया जाएगा ।

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