जय हिंद लिख कर भारत माता के जांबाजों को दी श्रंद्धाजलि
मोतिहारी/पूर्वी चंपारण। भारत-चीन सीमा पर स्थित पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की चीनी सैनिकों से झड़प में शहीद हुए भारत के 20 वीर सपूतों को आज पूरा देश अपने अपने तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके अतुलनीय बलिदान के प्रति कृतज्ञता जाहिर कर रहा है। कोई उनकी याद में मोमबत्ती जलाकर तो कोई देश प्रेम के नारे लगाकर उनके बलिदान को सदैव याद रखने की कसमें खा रहा है। समाज का हर वर्ग आज एकमत होकर भारत के वीर जवानों के साथ भावनात्मक रूप से खड़ा है। इसी कड़ी में देश के विभिन्न राज्यों के कलाकार, पेंटर, संगीतज्ञ, सैंड आर्टिस्ट सहित अलग-अलग क्षेत्रों की लोग भी अपनी कला के माध्यम से अमर शहीदों के त्याग और बलिदान को यादगार बना रहे हैं। उन 20 जांबाजों के साहस और शौर्य को पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन बिजबनी निवासी विश्वविख्यात रेत कलाकार मधुरेन्द्र ने भी शनिवार को अपनी कलाकृतियों के जरिये अनोखी श्रंद्धाजलि दी।
देश पर अपनी जान न्योछावर करने वाले महान सेनानियों को दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि देने के साथ सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र ने बालू की रेत पर उनकी शौर्यगाथा का सजीव चित्रण किया। उन सर्वधर्म शहीदों की वीरता व संघर्ष भरी दास्तां के दृश्य को देख कर सहसा ऐसा महसूस होता है जैसे भारत माता के ये सभी सपूत आज भी हमारे बीच हैं और सीमा पर देश के दुश्मनों को ललकार रहे हैं। उनके जीवन का अंतिम ध्येय तिरंगे की शान को अक्षुण्ण बनाये रखना था जबकि जान की बाजी लगाना उनकी प्रकृति थी। सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र कहते हैं कि तनिक भी विचलित हुए विना चीन के विश्वासघात का जवाब जिस दिलेरी से उन्होंने दिया उसको किसी भी कला या शब्दों में बांधा नहीं जा सकता लेकिन भारत माता के असली हीरो को श्रद्धांजलि देने की यह एक छोटी सी कोशिश है जिसे उन्हीने बालू पर पर उकेर दी है और उन्हें जय हिंद लिख कर आत्मिक सलामी दी है।
सैंड आर्टिस्ट मधुरेन्द्र कहते हैं कि आज पूरा हिंदुस्तान अपने 20 सपूतों की शहादत के गम में डूबा हुआ है लेकिन उनका बलिदान गौरवमयी है जिसे स्वर्णिम अक्षरों में लिख कर भी उनके प्रति कृतज्ञता जाहिर करना कम है। पूरे देश में बदले की भावना उफान पर है और लोगों में आक्रोश व्याप्त हैं। चीन की इस नापाक हरकत ने भारत के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। हर आम व खास में काफी नाराजगी और गुस्सा है। इस खूनी संघर्ष में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते मधुरेन्द्र ने कहा कि चीन को अब कठोर सबक सिखाने का सही समय आ गया। शहीदों के जज्बे को प्रदर्शित करते उनके सैंड आर्ट लोगों को देश सेवा के लिए समर्पित रहने की प्रेरणा देने वाले हैं जबकि उन शाहिद परिवारों को दुख की घड़ी में सम्बल देने वाले।
बता दें कि बीते कुछ दिनों से भारत-चीन सीमा पर चीन की विस्तारवादी नीति के कारण तनाव बना हुआ है। गत सोमवार- मंगलवार की रात यह संघर्ष खूनी झड़प में बदल गया। चीन ने धोखे से निहत्थे भारतीय वीर जवानों पर हमला बोल दिया लेकिन हमारे सपूतों ने अपने जान की परवाह किये बिना उनसे जमकर लोहा लिया और चीन को भारी नुकसान पहुंचाया। इसमें एक कमांडिंग अधिकारी सहित भारत के 20 सैनिक शहीद हो गये।