नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच में गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं इस बात की पुष्टि सेना के अधिकारियों ने की है। हालांकि अब तक यह कहा जा रहा था कि केवल 3 सैनिक सहित एक अफसर भी शहीद हुए हैं लेकिन अब इतनी बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों का शहीद होना वास्तव में देश को हिला देने वाली घटना है। इधर लद्दाख सेक्टर में भारत चीन सीमा के बीच तनातनी से सेना को अलर्ट कर दिया गया है हिमाचल से सटी चीनी सीमा के इलाकों में भी अलर्ट घोषित किया गया है। खबर है कि इस संघर्ष में चीन के भी 43 सैनिक मारे गए हैं।
बताया जाता है कि गलवान घाटी में हुई झड़प के कारण अब भारत ने चीन से लगती हुई सीमाओं पर सभी क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया है। सेना की ओर से इस बात की पुष्टि की गई है कि इस विश्वासघाती झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं। कहां जा रहा है कि भारतीय सेना अपनी सीमा में गश्त पर थी। लेकिन अचानक एक तंग स्थान पर चीनी सेना अभी भी वायदे के खिलाफ डटी हुई थी और वहां अचानक आमना-सामना हुआ।
भारतीय सैनिकों ने उन्हें पीछे हटने का वायदा याद दिलाया और इसी पर चीनी सैनिकों ने उन पर हमला बोल दिया। इस में शहीद हुए जवानों के नाम भी सेना की ओर से जारी किए गए हैं शहीद कर्नल भी संतोष बाबू भी इसमें कमांडिंग ऑफिसर के रूप में थे जो शहीद हो गए हैं। शहीद हवलदार पलानी, शहीद जवान कुंदन ओझा के नाम जारी किए गए हैं।
खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सेना के प्रमुखों , सीडीएस विपिन रावत, और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक चल रही है। पीएम आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बैठक में व्यस्त थे। ऊक्त बैठक के बाद अब इस मुद्दे पर विचार विमर्श जारी है।
इस बीच खबर आ रही है कि चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस झड़प में चीन के भी 43 सैनिक मारे गए हैं लेकिन चीन की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नही आया है।
कहा जा रहा है कि यह घटना चीन के राजनीतिक नेतृत्व की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। चीन ने भारतीय सैनिकों पर गस्त के दौरान अचानक हमला बोला। यह हमला रॉड व डंडे से किये गए हैं। चीन के सैनिकों ने तत्काल थोड़ी दूर पर ही बड़ी संख्या में जमे चीन के सैनिकों को बुला लिया और भारत के सैनिकों पर कटीले तार वाले डंडे व रॉड से हमला किया। इससे साफ है कि चीन ने पूरी तैयारी के साथ यह हमला किया है।
दोनों देशों के बीच हुई बातचीत में यह तय हुआ था कि 6 जून से चीनी सेना पीछे हटेगी। भारत ने अपनी टुकड़ी यह देखने के लिए भेजा कि चीन पीछे गया या नही लेकिम जब भारतीय टीम वहां पहुंची तो देखा कि चीन डटा हुआ है। भारत ने उसे पीछे हटने को याद दिलाया लेकिन चीन ने उन पर हमला बोल दिया। इस संघर्ष में कर्नल संतोष बाबू जो बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे भी शहीद हो गए क्योंकि उन पर धारदार व कटीले रॉड व लाठियों से हमला किया गया।
भारतीय सैनिकों ने इस धोखेबाजी का जवाब तत्काल दिया और उन्हें भी भारी नुकसान पहुंचाया। इस संघर्ष में भारत के काफी सैनिक घायल भी हुए हैं जिन्हें सीमा के पास अस्पताल में भर्ती किया गया है।