सुभाष चंद्र चौधरी
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज विभिन्न श्रेणियों में उच्च शैक्षणिक संस्थानों का पांच विभिन्न व्यापक मानकों पर उनके प्रदर्शन के आधार पर “इंडिया रैंकिंग 2020 ” जारी किया। श्री निशंक ने मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे की उपस्थिति में 10 श्रेणियों में आज इंडिया रैंकिंग 2020 जारी की। इस रिलीज कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपर सचिव (उच्च शिक्षा), राकेश रंजन, एमएचआरडी; यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. डी. पी. सिंह, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, एनबीए के अध्यक्ष प्रो. के.के. अग्रवाल, एनबीए के सदस्य सचिव डॉ. अनिल कुमार नासा और उच्च शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह भारत में उच्च शैक्षणिक संस्थानों की इंडिया रैंकिंग का लगातार पांचवा संस्करण है। वर्ष 2020 में पहले की नौ रैंकिंग के अलावा “डेंटल” श्रेणी को पहली बार शामिल किया गया, जिससे इस साल कुल श्रेणियों / विषय क्षेत्रों की संख्या दस हो गई है।
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में 200 संस्थानों ने आवेदन किया था जिनमें से आईआईटी मद्रास प्रथम स्थान पर रहा जबकि आईआईटी दिल्ली दूसरे नंबर पर और आईआईटी बॉम्बे तीसरे नंबर पर रहा। अगर बात की जा है इंडिया रैंकिंग 2020 के शीर्ष संस्थानों की ओवरऑल सूची की तो इसमें भी आईआईटी मद्रास में बाजी मारी और देश का सबसे टॉप संस्थान घोषित किया गया जबकि आईआईटी बेंगलुरु दूसरे नंबर पर और आईआईटी दिल्ली तीसरे नंबर पर रहा।
देश के यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में आईआईटी बेंगलुरु ने प्रथम स्थान हासिल किया है जबकि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर।
मैनेजमेंट के क्षेत्र में आई आई एम अहमदाबाद देश के सभी संस्थानों में से प्रथम घोषित किया गया जबकि आईआईएम बैंगलोर दूसरे स्थान पर और आई आई एम कोलकाता तीसरे स्थान पर रहा।
देश में जनरल एजुकेशन की दृष्टि से भी महाविद्यालयों की रैंकिंग का निर्धारण किया गया है। महाविद्यालयों में मीरांडा हाउस दिल्ली प्रथम स्थान पर लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वूमेन नई दिल्ली दूसरे स्थान पर जबकि हिंदू कॉलेज दिल्ली तीसरे स्थान पर रहा।
फार्मेसी के क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में संस्थानों ने इंडिया रैंकिंग में आवेदन किया था। क्षेत्र में जामिया हमदर्द नई दिल्ली प्रथम स्थान पर घोषित किया गया जबकि पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ दूसरे स्थान पर और तीसरे स्थान पर 2 संस्थानों को जगह मिली जिनमें से एक हिंदू कॉलेज दिल्ली है जबकि दूसरा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली है।
मेडिकल के क्षेत्र में अध्ययन कराने वाले 3 संस्थानों के नाम इंडिया रैंकिंग में घोषित किए गए हैं जिनमें से देश में सबसे सर्वोत्तम अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली को घोषित किया गया है जबकि दूसरा सर्वोत्तम स्थान पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ है और तीसरे स्थान पर क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर को जगह मिली है।
इंडिया रैंकिंग में वास्तु कला के क्षेत्र में भी 3 संस्थानों के नाम घोषित किए गए हैं जिनमें से प्रथम स्थान पर आईआईटी खरगपुर द्वितीय स्थान पर आईआईटी रुड़की और तीसरे स्थान पर आईआईटी कालीकट को जगह मिली है।
कानून के क्षेत्र में नेशनल लॉ स्कूल आफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरू में इस बार सबको पीछे छोड़ दिया है और प्रथम स्थान हासिल किया जबकि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी नई दिल्ली द्वितीय स्थान पर और नालसर यूनिवर्सिटी आफ लॉ हैदराबाद तीसरे स्थान पर रहा।
इंडिया रैंकिंग 2020 में पहली बार डेंटल मेडिकल कॉलेज को भी शामिल किया गया। इस क्षेत्र में देश के सर्वोत्तम संस्थान के रूप में मौलाना अाजाद इंस्टीट्यूट आफ डेंटल साइंसेज दिल्ली जबकि दूसरे स्थान पर मणिपाल कॉलेज आफ डेंटल साइंसेज उडुपी और तीसरे स्थान पर डॉ डी वाय पाटील विद्यापीठ पुणे को जगह मिली है।
उल्लेखनीय है कि “इंडिया रैंकिंग 2020” के लिए “समग्र”, श्रेणी-विशिष्ट और / या क्षेत्र-विशिष्ट रैंकिंग के तहत रैंकिंग के लिए कुल 3771 संस्थानों ने आवेदन किया। इन 3771 आवेदक संस्थानों द्वारा विभिन्न श्रेणियों/ क्षेत्रों में रैंकिंग के लिए 5805 आवेदन किए गए थे जिसमें 294 विश्वविद्यालय,1071 इंजीनियरिंग संस्थान, 630 प्रबंधन संस्थान, 334 फार्मेसी संस्थान, 97 कानून संस्थान, 118 चिकित्सा संस्थान, 48 वास्तुकला संस्थान और 1659 सामान्य डिग्री कॉलेज शामिल थे। इस वर्ष रैंकिंग प्रक्रिया में संस्थागत भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि भारत में उच्च शैक्षणिक संस्थानों के बीच इसकी निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के रुप में बढ़ती मान्यता का संकेत है। इंडिया रैंकिंग के लिए आवेदकों की संख्या 2019 में 3127 से बढ़कर 2020 में 3771 हो गई है, जबकि 2019 में विभिन्न श्रेणियों में रैंकिंग के लिए आवेदनों की कुल संख्या 4873 से बढ़कर 2020 में 5805 हो गई है, यानी कुल 644 संस्थानों और कुल 932 आवेदकों की बढ़ोतरी हुई।
दूसरी तरफ इस साल इंजीनियरिंग क्षेत्र में 200 संस्थानों, समग्र रूप सेविश्वविद्यालय और कॉलेज की श्रेणियों में 100 संस्थानों, प्रबंधन और फार्मेसी प्रत्येक में 75 संस्थानों, चिकित्सा में 40 संस्थानों, वास्तुकला और काननू प्रत्येक में 20 और पहली बार दंत चिकित्सा के क्षेत्र में 30 संस्थानों को रैंक प्रदान किया गया। समूह में भी कुछ अतिरिक्त रैंकिंग भी प्रदान की जा रही है। रैंकिंग हासिल संस्थानों के दिए गए आंकड़ों को गहन रुप से सत्यापित किया गया। रैंकिंग की इस पूरी प्रक्रिया में आंकड़ों की विसंगतियों, विरोधाभासों और मुख्य बिंदू इतर से आंकड़ों की जांच और पहचान की गई जिसके लिए अत्यधिक परिश्रम, धैर्य और चतुराई से निपटने की आवश्यकता होती है।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि इस रैंकिंग से छात्रों को कुछ मापदंडों के आधार पर विश्वविद्यालयों का चयन करने में मदद मिलती है। इससे विश्वविद्यालयों को विभिन्न रैंकिंग मापदंडों पर अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने और अनुसंधान एवं सुधार के क्षेत्रों में खामियों की पहचान करने में मदद मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर संस्थानों की रैंकिंग संस्थानों के बीच बेहतर प्रदर्शन करने और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में उच्च रैंकिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक भावना पैदा करती है।
Dr Ramesh Pokhriyal Nishank✔@DrRPNishank
श्री पोखरियाल ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) बनाने की यह महत्वपूर्ण पहल की है, जिसका उपयोग पिछले पांच वर्षों से विभिन्न श्रेणियों और ज्ञान के क्षेत्रों में उच्च शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग के लिए किया जा रहा है और यह वास्तव हम सभी के लिए प्रोत्साहन का एक स्रोत है। उन्होंने कहा कि इस पहल ने संस्थानों में आंकड़े का प्रबंधन करने की आदत पैदा की है और इन सभी संस्थानों में से ज्यादातर संस्थान खुद को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास करते हैं। श्री निशंक यह देखकर खुश हुए कि एनआईआरएफ में पहचाने गए मापदंडों की व्यापक श्रेणियों ने उच्च शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षण, अध्ययन और संसाधनों, अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास, स्नातक छात्रों की संख्या आदि के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को सफलतापूर्वक पूरा किया।
केंद्रीय मंत्री को यह जानकर खुशी हुई कि भारत के संदर्भ में देश-विशिष्ट मापदंडों जैसे क्षेत्रीय विविधता, पहुंच, लैंगिक समानता और समाज के वंचित वर्गों को शामिल करना रैंकिंग पद्धति में शामिल हैं। सभी मापदंडों और उप-मापदंडों को विधिवत सामान्य बनाया गया है ताकि बड़े और पुराने संस्थानों को अपने आकार या उम्र के आधार पर अनुचित लाभ न हो। श्री पोखरियाल ने कहा कि यह वास्तव में उचित ही है कि समग्र रैंकिंग के अलावा, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए श्रेणी-विशिष्ट रैंकिंग की जाती है और इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, वास्तुकला, कानून और चिकित्सा के लिए विषय-विशिष्ट रैंकिंग की जाती है। वर्ष 2020 से एक नया विषय क्षेत्र यानी “डेंटल” कोशामिल किया गया है।
श्री निशंक ने कहा कि कोविड-19 के कठिन समय में जेईई और नीट छात्रों को ऑनलाइन अभ्यास की सुविधा प्रदान करने के लिए एनटीए ने हाल ही में राष्ट्रीय टेस्ट अभ्यास ऐप लॉन्च किया है और लगभग 65 लाख छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा का अभ्यास करने के लिए पहले ही इस ऐप को डाउनलोड कर लिया है।
श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पिछले पाँच वर्षों से अबाधित तरीके से इंडिया रैंकिंग जारी करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों, राष्ट्रीय बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन के सदस्य सचिव और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने उन शैक्षणिक संस्थानों को भी बधाई दी जिन्होंने विभिन्न श्रेणियों और विषय क्षेत्र में पहले तीन स्थान हासिल किए हैं।
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे ने भी उन संस्थानों को बधाई दी जिन्होंने “इंडिया रैंकिंग 2020” में शीर्ष स्थान हासिल की और अन्य सभी संस्थानों को प्रोत्साहित किया जो इस वर्ष शीर्ष रैंक हासिल नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि इस तरह के रैंकिंग ढांचे में भागीदारी संस्था के आत्मविश्वास को दर्शाता है और भागीदारी लेना सफलता का पहला कदम है जिससे संस्थान का आत्मविश्वास बढ़ता है। श्री धोत्रे ने कहा कि रैंकिंग पारदर्शिता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक है। उन्होंने उच्च शैक्षणिक संस्थानों को भी अपने उन छात्रों की मदद करने का आह्वान किया है जो अपने स्कूल के दिनों से ही पढाई में सुविधा की कमियों से जूझ रहे हैंऔर ऐसी कमियों को मौलिक रूप से दूर करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमें सभी छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना चाहिए।
रैंकिंग ढांचा संस्थानों का पांच व्यापक सामान्य मापदंड समूहों अर्थात् शिक्षण, अध्ययन और संसाधन (टीएलआर), अनुसंधान एवं व्यावसायिक अभ्यास (आरपी), स्नातक छात्रों की संख्या (जीओ), पहुंच एवं समावेशी (ओआई) और धारणा (पीआर) के आधार पर मूल्यांकन करती है। रैंकिंग का निर्धारण इन पाँच व्यापक समूहों में से प्रत्येक के लिए निर्धारित अंकों के आधार पर किया जाता है।
इसके अलावा, आवेदक संस्थानों से प्राप्त विभिन्न मापदंडों पर आंकड़ों के स्रोत और जहां संभव हो आंकड़ों के तीसरे पक्ष के स्रोतों का भी उपयोग किया गया है। प्रकाशनों और उद्धृत आंकड़ों का पता लगाने के लिए स्कोपस (एल्सेवियर साइंस) और वेब ऑफ साइंस (क्लेरिनेट एनालिटिक्स) का उपयोग किया गया। पेटेंट वाले आंकड़ों का पता लगाने के लिए डरवेंट इनोवेशन का उपयोग किया गया। इन स्रोतों से प्राप्त आंकड़ों कोपारदर्शिता के लिए संस्थानों के साथ उनके इनपुट देने के प्रावधान सहितसाझा किया गया।