गुरुग्राम। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों के ईलाज वाली बात कहकर स्वयं को सवालों के बाजार में खड़ा कर लिया है। यह विचार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रमन मलिक ने व्यक्त किया . उन्होंने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से दिल्ली के बॉर्डर सील करने के शगूफे छोड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की. उन्होंने कहा कि वे दिल्ली के मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि वह बताएं कि वे कहां के हैं ? क्या वह हरियाणा के हैं जहां उनका जन्म हुआ और उनकी परवरिश हुई या उत्तर प्रदेश के हैं जहां उन्होंने अपना निवास रखा या फिर दिल्ली के हैं जहां के वह मुख्यमंत्री बने या फिर औरैया, कर्नाटक के हैं जहां वह जाकर अपना इलाज कराते रहे हैं ?
श्री मालिक ने उन्हें नसीहत देते हुए कहा कि वे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कुछ सीखें जो यह मानते हैं कि प्रवासी मजदूर उनके राज्य की तरक्की में भागीदार हैं। उन्होंने प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए ट्रेन पर उठाए खर्च को लेने से इनकार कर दिया। वहीँ प्रवासी मजदूरों के साथ आपने जो खेल खेला वह पूरे देश में और दिल्ली के लोगों ने देखा है। जिस दिन से गुड़गांव ने दिल्ली के साथ आवाजाही खोल दी, उस दिन से अगर आंकड़े देखें तो पिछले 5 दिनों में ही कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। लेकिन आज भी यह संख्या दिल्ली में कई बार एक दिन में जितने लोगों की संक्रमित होने से खबर आती है, उससे कम है। आज की तारीख में गुरुग्राम जिले में कोरोना संक्रमण के 903 मामले हैं जिसमें से पिछले 10 दिनों में 615 मामले सामने आए और पिछले 5 दिनों में 566 मामले आए हैं जो यह दिखाता है कि दिल्ली के साथ बॉर्डर खोलते ही गुरुग्राम के अंदर कोरोना संक्रमण की बाढ़ आ गई।
भाजपा नेता ने आवश्यक सेवाओं की चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि हरियाणा ने चाहे गुड़गांव हो या फरीदाबाद या सोनीपत कभी भी किसी भी व्यक्ति को इलाज के लिए मना नहीं किया, लेकिन केजरीवाल एक संकीर्ण मानसिकता के प्रतिबिंब हैं। साथ में ओछी राजनीति कर भारत के नागरिकों में भेदभाव करते हैं। जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किडनी और कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए पेंशन की योजना शुरू कर दी, वहीं आप अपने प्रदेश में गरीबों के साथ मनभेद और तिरस्कारपूर्ण व्यवहार करने के बार बार सबूत देते हैं।
श्री मालिक ने यह कहते हुए याद दिलाया कि आप केंद्र सरकार से आर्थिक अनुदान मांग रहे हैं लेकिन यह भी सत्य है कि दिल्ली पुलिस का खर्चा आप नहीं उठाते जबकि दिल्ली में बहुत सारे केंद्र सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल चल रहे हैं। केंद्र से आपने जितना राशन मांगा, जितनी सहायता मांगी, वह सब आपको मिली, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री व्यस्त हैं। आपके पास इश्तिहार देने के पैसे हैं लेकिन दिल्ली के गरीबों की और कर्मचारियों की देखरेख करने के लिए आपको केंद्र से सहायता चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा देश में आयुष्मान योजना चलाई गई जिसमें गरीबों को 5 लाख रु तक का इलाज मुफ्त में मिला । इस योजना के अंतर्गत देश में एक करोड़ से ऊपर लोग इससे लाभ प्राप्त कर पाए. क्योंकि आप ओछी राजनीति में विलीन होकर राज कर रहे हैं इसलिए अपने पहले दिल्ली में इस योजना को लागू करने से मना किया और अब इलाज का खर्च वहन करने से बचने के लिए इसकी आवश्यकता महसूस करते ही लागू करने लगे हैं । उन्होंने बल देते हुए कहा कि मत भूलिए कि दिल्ली में सभी मुख्य सुपरस्पेशलिटी अस्पताल केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं जिसमें दिल्ली सरकार का कोई योगदान नहीं है फिर देश के नागरिकों के साथ यह कुत्सित खेल क्यों ?