छात्र हित में यूजीसी का बड़ा फैसला : अब एक साथ दो-दो डिग्रियां लेने की छूट, कोरोना काल में ऑनलाइन डिग्री भी मान्य

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दरभंगा । वैश्विक महामारी कोरोना के इस विकट काल मे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी, नई दिल्ली ने पूरे देश के छात्रों के हित मे बेहद ही बड़ा फैसला लिया है। अब छात्रों को आयोग ने एक साथ दो- दो डिग्रियाँ लेने की छूट दे दी है। इतना ही नहीं, छात्र चाहे तो एक ही संकाय या फिर अलग – अलग संकायों से एक ही समय दो डिग्रियाँ ले सकते हैं। सिर्फ शर्त यह रहेगी कि दो में से एक डिग्री रेगुलर मोड में लेनी होगी ।इसमें छात्रों की कक्षा में उपस्थिति की अनिवार्यता पूर्ववत रहेगी। वहीं, दूसरी डिग्री दूरस्थ मोड से या ऑन लाईन के जरिये ली जा सकती है।

यहां और स्पष्ट कर देना जरूरी है कि अगर कोई छात्र विज्ञान संकाय के भौतिकी विषय से रेगुलर मोड में पीजी करना चाह रहा है तो वह कला संकाय के भी अन्य किसी विषयों में साथ साथ डिस्टेंस मोड में पीजी कर सकता है। ऐसे में अब दोनों ही डिग्रियाँ मान्य होगी।


गौरतलब है कि एक साथ दो दो डिग्रियां लेने की व्यवस्था विदेशों में तो पहले से है लेकिन अपने यहां इस सुविधा के लिए अरसे से मांग उठ रही थी। जाहिर है अब नई व्यवस्था में कम समय मे ही छात्रों को अपनी योग्यता विकसित करने का मौका मिलेगा और उसे कैरियर सवारने में भी सहूलियत होगी। यूजीसी के इस हालिया निर्णय से छात्रों के साथ साथ शिक्षण संस्थानों को भी बेशक फायदा होगा।


उक्त जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के पीआरओ निशिकांत ने बताया कि यूजीसी के सचिव रजनीश जैन के हवाले से विभागीय साईट पर जारी सूचना में साफ कहा गया है कि एक साथ दो दो डिग्रियाँ दिए जाने सम्बन्धी अहम मुद्दे पर विस्तार से विचार के लिए गत वर्ष आयोग के पूर्व चेयरमैन भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया था ।पैनल ने उक्त प्रस्ताव पर हरी झंडी दे थी।अब आयोग की हाल ही में हुई बैठक में उसे अनुमोदित कर दिया गया है। श्री जैन ने आगे कहा है कि बहुत जल्द ही इस आशय की अधिसूचना भी आयोग जारी करने जा रहा है।


मालूम हो कि मौजूदा स्थिति में मात्र डिप्लोमा के साथ साथ रेगुलर मोड में एक डिग्री लेने की व्यवस्था है।आयोग के इस नए निर्णय की बाबत एलएनएमयू , दरभंगा के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के पूर्व निदेशक प्रो0 सुनील चन्द्र मिश्र ने खुशी जताते हुए कहा कि आयोग के इस कदम का दूरगामी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। छात्रों को भी अपनी क्षमता का विस्तार कर इसका फायदा लेना चाहिए।

वहीं शिक्षा शास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो0 विनय कुमार चौधरी ने भी आयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शैक्षणिक गतिविधियाँ पहले से ज्यादा बढ़ जाएंगी और छात्रों को भी लाभ होगा। यूजीसी के इस कदम का स्वागत होना चाहिए।

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