चंडीगढ़, 24 मई : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते राज्य सरकार द्वारा प्रदेश से इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए रोजाना विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों को प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से चलाया जा रहा है. इसी श्रृंखला में आज हरियाणा से पांच विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य की उन्नति व विकास में प्रवासी श्रमिकों का उल्लेखनीय योगदान है।
उन्होंने बताया कि आज भिवानी से दो रेलगाड़ी के माध्यम से लगभग 3200 प्रवासी श्रमिकों को कटिहार व अररिया (बिहार), यमुनानगर से तीन रेलगाड़ियों के माध्यम से लगभग 4600 प्रवासी श्रमिकों को बरोनी, मुजफरपुर और कटिहार (बिहार) भेजा गया हैं।
उन्होंने कहा कि विविधताओं के बावजूद हम सब देशवासी एक हैं और इसी भावना व सोच के साथ हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन में फंसे और अपने घर जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को हरियाणा सरकार के खर्च पर उनके गृह राज्यों में भिजवाने की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के किसी भी भाग में रहने वाले सभी भारतीय एक हैं और इनकी दुख-तकलीफ को दूर करना हम सब भारतीयों का दायित्व है।
–भिवानी से कटिहार व अररिया (बिहार) के लिए रवाना हुई दो विशेष श्रमिक रेलगाड़ियां–
भिवानी से 3200 प्रवासी श्रमिक बिहार के लिए रवाना हुए। भिवानी से चार बजे अररिया के लिए और पांच बजे कटिहार के लिए स्पेशल ट्रेन रवाना हुई। अररिया और कटिहार की ट्रेन में 1600-1600 प्रवासी श्रमिक रवाना हुए। भिवानी रेलवे स्टेशन से विशेष श्रमिक रेलगाड़ी संख्या 04891 अररिया के लिए गई रवाना हुई। इस गाड़ी में 1360 प्रवासी श्रमिक भिवानी से, 141 नारनौल से और 99 श्रमिक दादरी से सवार हुए। इसी प्रकार, भिवानी से गाड़ी संख्या 04893 कटिहार के लिए रवाना हुई, जिसमें 1300 प्रवासी श्रमिक फतेहाबाद से और 300 प्रवासी श्रमिक हिसार जिले से है। इस ट्रेन में 22 छोटे बच्चे भी थे।
–यमुनानगर से बरोनी, मुजफरपुर व कटिहार (बिहार) के लिए रवाना हुई तीन विशेष श्रमिक रेलगाड़ियां—
आज यमुनानगर से तीन विशेष श्रमिक रेलगाडियों के माध्यम से लगभग 4600 प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह प्रदेश बिहार भिजवाया गया है। जगाधरी-यमुनानगर रेलवे स्टेशन से पहली विशेष श्रमिक रेलगाड़ी लगभग 1550 प्रवासी श्रमिकों को लेकर बरौनी (बिहार) के लिए रवाना हुई, इस स्पेशल श्रमिक ट्रेन के रवाना होने के अवसर पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
इस मौके पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि यह रेलगाड़ी यहां से चलकर सीधी बरौनी (बिहार) ही रुकेगी और रास्ते में कहीं भी नहीं रुकेगी। उन्होंने प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वह शेल्टर होम में जहां रुके हैं वहीं रुके रहे, ताकि कोरोना वायरस से बचाव हो सके तथा इसे फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि आज जो प्रवासी श्रमिक ट्रेन द्वारा भेजे जा रहे हैं उनमें से अधिकतर पंजाब से पैदल चलकर या साईकिलों के माध्यम से यहां आए थे तथा राज्य सरकार ने इन्हें शैल्टर होम में सुविधाओं सहित रखा व आज इन्हें इनके गृह प्रदेश भिजवाया जा रहा है।
इसके बाद मुजफ्फरपुर व कटिहार (बिहार) के लिए दो विशेष श्रमिक ट्रेनें आज ही रवाना की गई। इन रेलगाडियों में बिहार राज्य के 10 से 12 जिलों के प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। यमुनानगर-जगाधरी रेलवे स्टेशन से पहली स्पेशल श्रमिक ट्रेन दोपहर 12.15 बजे बरौनी (बिहार) के लिए रवाना हुई और दूसरी स्पेशल श्रमिक ट्रेन सांय 4.20 मुजफ्फरपुर (बिहार) के लिए रवाना हुई तथा तीसरी स्पेशल श्रमिक ट्रेन आज शाम 6.00 बजे के बाद कटिहार (बिहार) के लिए रवाना हुई। इन स्पेशल श्रमिक ट्रेनों में कटिहार, बरौनी, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, चमपारण, मोतीहारी, नवादा, महुवा, सिपोल, मुंगेर, सहरसा, बेतिया व अन्य जिलों के प्रवासी श्रमिक अपने घरों को गए हैं।
–श्रमिकों को मुहैया करवाई गई सुविधाएं—
प्रवासी मजदूरों को शैल्टर होम से रोडवेज की बसों के माध्यम से रेलवे स्टेशन तक लाया गया। प्रवासी मजदूरों को उनके गृह प्रदेश रवाना करने से पूर्व सभी जरूरी इंतजाम किए गए। जहां एक तरफ रेलवे प्लेटफार्म को वैक्यूम क्लीनर मशीन से बार-बार साफ किया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर प्रत्येक प्रवासी श्रमिक के हाथों को भी सैनिटाइज किया गया तथा उनके लिए भोजन व पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई। इन प्रवासी श्रमिकों को निशुल्क ट्रेन की टिकट के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई गई है, ताकि रास्तें में प्रवासी श्रमिकों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़ें। ट्रेन की प्रत्येक बोगी में प्रवासी श्रमिक सामाजिक दूरी के साथ बिठाएं गए थे।
–परिवार की जिम्मेदारी ही यहां लाई और परिवार के लिए ही घर वापसी—
भिवानी से विशेष श्रमिक रेलगाड़ी में सवार होने के दौरान प्रवासी श्रमिकों ने कहा कि यदि स्पेशल ट्रेन की सुविधा नहीं होती, तो वे अपने घर नहीं जा पाते। सभी ने वापसी के लिए अपने घर परिवार की जिम्मेदारी ही बताया। अररिया के लिए ट्रेन में सवार हुए नारनौल से आए प्रवासी श्रमिक पनवेश्वर दास ने बताया कि वे यहां पर पेंटर का काम करते थे, लेकिन लॉक डाउन होने से उनका काम बिल्कुल बंद हो गया। ऐसे में उन्हें घर जाना पड़ रहा है।
नारनौल से पहुंचे प्रवासी श्रमिक दलीप कुमार ने कहा कि वे यहां पर मजदूरी का काम करते थे। घर से बार-2 फोन आने के कारण वे वापस जा रहे हैं। वे फिर यहां पर काम के लिए आएंगे। यहां बहुत काम है, सिर्फ लॉकडाउन से दिक्कत हुई है। इसी प्रकार से पूर्णिया जिला निवासी मनोज ने कहा कि वे यहां पर सरसों की कटाई के लिए आए थे और अपने घर जाकर वहां पर मक्का की कटाई का काम करेंगे। परिवार की जिम्मेदारी यहां लेकर आई थी और परिवार की जिम्मेदारी की वजह से ही घर जा रहे हैं।
इसी प्रकार से कटिहार के लिए ट्रेन में सवार हुए फतेहाबाद से पहुंचे चंदनराम, लखीचंद और विक्रम ने बताया कि वे यहां पर गेंहू कटाई का काम करते थे। यहां पर उनको बहुत काम मिला। लॉकडाउन नहीं होता, तो यहां से जाने का सवाल ही नहीं होता साहेब। क्या करें, परिवार की जिम्मेदारी है।