नयी दिल्ली, 22 मई। कोविड-19 के मद्देनजर दिल्ली उच्च न्यायालय और जिला अदालतों के कामकाज पर पाबंदियां 31 मई तक जारी रहेंगी और केवल तत्काल मामलों पर ही सुनवाई होगी।
इससे पहले ये पाबंदियां 23 मई तक लागू थीं।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल के नेतृत्व में उच्च न्यायालय की प्रशासनिक और आम पर्यवेक्षण समिति ने फैसला किया है कि पाबंदियां 31 मई तक जारी रहेंगी और वीडियो कांफ्रेंस के जरिए केवल तत्काल मामलों पर ही सुनवाई होगी।
प्रशासनिक आदेश में कहा गया है, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय का कामकाज समान शर्तों पर 31 मई तक निलंबित रहेगा।’’
तत्काल मामलों को वेब लिंक के जरिए सूचीबद्ध किया जा सकता है जो सभी कामकाजी दिनों में सुबह नौ बजे से साढ़े दस बजे तक उपलब्ध रहेगा।
आदेश में कहा गया है कि पंजीयक और संयुक्त पंजीयक समेत उच्च न्यायालय में 26 मई से 30 मई तक सूचीबद्ध सभी मुकदमों की सुनवाई को क्रमश: 21 जुलाई और 25 जुलाई के बीच की तारीखों तक स्थगित किया जाता है।
इसमें कहा गया है कि इस अवधि के दौरान जिला अदालतों में सूचीबद्ध मामलों को भी स्थगित किया जाएगा और इस संबंध में सूचना उनकी वेबसाइट पर डाली जाएगी।
तब तक दो खंडपीठ और 10 एकल पीठ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए तत्काल मामलों पर सुनवाई करेंगी।
तत्काल मामलों पर सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला किया गया है कि शुक्रवार से उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीश वीडियो कांफ्रेंस के जरिए महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई करने के लिए हर दिन उपलब्ध रहेंगे।
दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालतों ने 24 मार्च से 19 मई के बीच कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान 20,726 तत्काल मामलों पर सुनवाई की।
उच्च न्यायालय में मौजूदा समय में सात खंडपीठ और 19 एकल पीठ हैं।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने 25 मार्च को अपने और जिला अदालतों के कामकाज पर 14 अप्रैल तक रोक लगा दी थी। इसके बाद इसे तीन मई, 17 मई और फिर 23 मई तक बढ़ाया गया।