सुभाष चंद्र चौधरी
चंडीगढ़। हरियाणा से प्रवासी मजदूरों को बिहार के अलग अलग स्थानों पर पहुंचाने के लिए आज यानी मंगलवार 5 मई को प्रदेश के पांच स्टेशन से 6 ट्रेन रवाना होगी। इस संबंध में हरियाणा की गृह सचिव ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को लिखित रूप से जानकारी दी है और ट्रेन के माध्यम से हरियाणा से बिहार भेजे जा रहे श्रमिकों एवं अन्य लोगों को संबंधित रेलवे स्टेशन पर रिसीव करने और उन्हें उनके गृह जिले तक पहुंचाने की व्यवस्था करने की सलाह दी है। पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए बिहार सरकार से इस संबंध में एनओसी की मांग की है। उम्मीद है कि छात्र ट्रेन के माध्यम से लगभग साढे सात हजार लोग हरियाणा से आज बिहार के लिए रवाना होंगे।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में लोक डाउन के दौरान फंसे प्रवासी मजदूरों एवं अन्य लोगों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए हरियाणा सरकार की ओर से रेल मंत्रालय से ट्रेन की व्यवस्था करने की मांग की गई थी। उसी तरफ प्रदेश के सभी जिले में प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण की व्यवस्था भी शुरू कर दी गई। बताया जाता है कि पंजीकरण के माध्यम से सरकार के पास आई जानकारी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने नॉर्दन रेलवे और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे की सहायता से मंगलवार को छठ ट्रेन रवाना कराने का निर्णय लिया है। यह सभी छ ट्रेन बिहार के अलग-अलग स्थानों के लिए रवाना होंगे।
हरियाणा के गृह सचिव की ओर से बिहार के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि मंगलवार को 6 ट्रेन हिसार से कटिहार, अंबाला से कटिहार ,रोहतक से कटिहार, अंबाला से भागलपुर, हिसार से मुजफ्फरपुर और भिवानी से सॉन के लिए रवाना होगी। पत्र से यह साफ संकेत मिलता है कि हरियाणा सरकार ने बिहार सरकार से इन सभी ट्रेंन का टिकट किराया भी नॉर्दन रेलवे और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे के निर्धारित अकाउंट में जमा कराने को कहा गया है।
हिसार से कटिहार के लिए ₹665 जबकि अंबाला से कटिहार का किराया ₹670, रोहतक से कटिहार ₹630, अंबाला से भागलपुर ₹620 ,हिसार से मुजफ्फरपुर ₹580 और भिवानी से सोन के लिए ₹590 की दर से जमा कराने को कहा गया है। सभी 6 ट्रेन का कुल टिकट किराया 45 लाख ₹6000 की मांग की गई है। ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों को ध्यान में रखते हुए 1000 से 1200 यात्री को यात्रा करने की अनुमति दिए जाने की संभावना है।
उम्मीद की जा रही है कि अगर बिहार सरकार की ओर से एनओसी भेज दी गई तो आज किसी भी वक्त सभी ट्रेन प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार के लिए रवाना हो जाएगी। हरियाणा से बिहार के लिए जाने वाली लॉक डाउन के दौरान ट्रेन का या पहला परिचालन होगा।
दूसरी दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि उन्होंने बिहार आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन तक क्वॉरेंटाइन में रहने के बाद प्रत्येक व्यक्ति को उनका टिकट किराया एवं अतिरिक्त ₹500 न्यूनतम प्रति व्यक्ति ₹1000 देने का निर्णय लिया है। उनकी इस घोषणा से स्पष्ट है कि बिहार सरकार रेलवे के अकाउंट में टिकट किराया जमा कराने के मूड में नहीं है। टिकट किराया ट्रेन से सफर करने वाले प्रवासी मजदूरों को ही देना पड़ेगा जिसका भुगतान उन्हें बिहार पहुंचने के 14 दिन बाद बिहार सरकार की ओर से तोहफे के रूप में किया जाएगा।
गौरतलब है कि ट्रेन किराया को लेकर देश में जबरदस्त राजनीति छिड़ी हुई है। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अपनी पार्टी की सभी प्रदेश इकाइयों के नेताओं से पार्टी की ओर से ट्रेन का किराया भुगतान करने की घोषणा की है जबकि दूसरी तरफ बिहार आने वाली 200 ट्रेन का किराया राष्ट्रीय जनता दल के नेता एवं बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी देने की घोषणा की है। दोनों ही दलों की ओर से की गई घोषणाओं का हस्र अगले 2 से 3 दिनों में दिखने वाला है क्योंकि इस मामले में रेलवे मंत्रालय और दो अन्य राज्य सरकारों के बीच क्या सहमति बनती है उस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।
बिहार में आने वाले समय में शीघ्र ही विधानसभा चुनाव भी होने वाला है इसलिए भी इस विषय को लेकर राजनीति चरम पर है। एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी राज्यों से आने वाले बिहार वासियों को हाथों हाथ न्यूनतम प्रति व्यक्ति हजार रुपे देने की घोषणा कर दी है तो दूसरी तरफ राजद नेता तेजस्वी यादव रेल किराया भाड़ा देने की बात कहकर मैदान में कूद पड़े हैं। हालांकि इससे पूर्व भी राजद नेता ने बिहार वासियों को दिल्ली एनसीआर एवं अन्य राज्यों से वापस लाने के लिए 2000 बसें भेजने का ऐलान किया था लेकिन यह एलान थोथा साबित हुआ।