सुभाष चंद्र चौधरी
गुरुग्राम, 4 मई। कोविड-19 के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे गुरुग्राम जिला सहित समस्त हरियाणा के लोगों और हरियाणा में फंसे अन्य राज्यों के लोगों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इसके अनुरूप ही गुरुग्राम में जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया गया है।जबकि अलग अलग राज्यों के प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण और अन्य व्यवस्था के लिए अलग अलग नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये गए हैं। यह कहना है गुरुग्राम के नोडल अधिकारी एवं एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वी एस कुंडू का। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने यहां आने और हरियाणा से बाहर जाने के इच्छुक लोगों के पंजीकरण के लिए ई-दिशा पोर्टल पर https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService वेबपेज बनाया है। इस लिंक पर
ऐसे लोगों को अपना पंजीकरण करवाना होगा। ऐसे पंजीकरण में सहायता के लिए हारट्रोन द्वारा एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है जो ई-दिशा पोर्टल पर प्रवासी लोगों का पंजीकरण करेगा।
श्री कुंडू ने thepublicworld.com से खास बातचीत में बताया कि अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन पंजीकरण करने में समर्थ नहीं है तो उनके लिए जिला में अलग अलग स्थानों पर व्यक्तिगत रूप से आकर पंजीकरण करवाने की व्यवस्था भी शुरू की गई है। उनका कहना है कि लोगों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लिए राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर हेल्प लाइन नम्बर भी काम कर रहे हैं। इसके लिए गुरुग्राम में सिविल डिफेंस की ड्यूटी लगाई गई है जो श्रमिकों को पंजीकरण करवाने में मदद करेंगे।
जब उनसे प्रवासियों को गुरुग्राम से रेल या सड़क मार्ग से भेजने की व्यवस्था से संबंधित सवाल किया गया तो उनका कहना था कि अभी पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई है।यह पंजीकरण कराने वाले लोगों की संख्या और उनके गंतव्य स्थल का डाटा आने के बाद ही तय किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अगले दो तीन दिनों में स्थिति स्पष्ट होगी। उनके भेजने की शिड्यूलिंग कुछ हद तक पंजीकरण होने के बाद ही आरंभ हो पाएगा। ट्रेन या बस की आवश्यकता लोगों की संख्या को देखते हुए जिला की ओर से इसके लिए राज्यवार नियुक्त नोडल अधिकारी को भेजा जाएगा लेकिन इसके लिए है हमें थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी श्री कुंडू ने स्पष्ट किया कि हरियाणा में 5 स्टेशन ही इसके लिए अधिकृत सेंटर घोषित किये गए हैं। इसलिये इसमें कुछ जिले की संयुक्त आवश्यकता भी हो सकती है लेकिन पंजीकरण की प्रक्रिया के कुछ हद तक पूरी होने पर ही पता चल पाएगा किस स्टेशन से और कब रवानगी होगी।
उन्होंने कहा कि मूवमेेंट पास प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति नम्बर-1950 पर संबंधित जिलों के नियंत्रण कक्ष से या नंबर-1100 पर राज्य नियंत्रण कक्ष से संपर्क कर सकते हैं। हरियाणा आने और हरियाणा से बाहर जाने वाले लोगों से संबंधित सभी जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक या कागजी रिकॉर्ड के रूप में रखा जाएगा और चिकित्सा जांच के दौरान प्रवेश या निकास बिंदुओं पर उनकी जांच की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा दूसरी राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है। गृह विभाग के सचिव टी.एल. सत्यप्रकाश को कर्नाटक , आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब के लिए, इलैक्ट्राॅनिक एंड इन्फोरमेशन विभाग के निदेशक अजय सिंह तोमर को राजस्थान के लिए, हरियाणा पावर जनरेशन कारपोरेशन विभाग के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहम्मद शायीन को केरल एवं तमिलनाडु के लिए, उच्चतर शिक्षा विभाग के डायरेक्टर जनरल अजीत बालाजी जोशी को गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार एवं झारखंड के लिए और हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की मैनेजिंग डायरेक्टर आमना तस्नीम को हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए राज्य नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
प्रवक्ता के अनुसार जिन लोगों को भेजने वाले राज्य यह सुनिश्चित करेंगे कि जो लोग हरियाणा में आने के इच्छुक हैं उनकी चिकित्सा जांच की जाए और केवल उन्हें ही अनुमति दी जाए जिनमें कोविड -19 के लक्षण नहीं हैं।
इसी प्रकार, हरियाणा से बाहर भेजे जाने वाले सभी व्यक्तियों की भी उचित रूप से जांच की जाएगी। हरियाणा आने और बाहर जाने वाले सभी लोगों के पास चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण पत्र होना चाहिए कि उनकी जांच की गई है और कोई कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं है।
इसी प्रकार, अपने निजी वाहनों से यात्रा करने वाले लोगों को उक्त वैब लिंक पर अपना पंजीकरण करवाना होगा और अपनी यात्रा शुरू करने से पहले दी गई अनुमति को डाउनलोड करना होगा। उन्हें मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान इस प्रारूप को प्रस्तुत करना होगा। ऐसे लोग संबंधित जिलों से परमिट के लिए आवेदन करेंगे और उन्हें स्पष्ट रूप से अपने गंतव्य, यात्रा की तारीख और मार्ग का उल्लेख करना होगा। अपने वाहनों को सेनेटाइज करना होगा और अपने गंतव्य पर पहुंच कर उन्हें कम से कम 14 दिनों के लिए घर/संस्थागत क्वारंटाइन के लिए कहा जाएगा। ऐसे लोगों की रोजाना स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।
रेल से यात्रा करने वाले लोगों के संबंध में राज्य नोडल अधिकारी अन्य राज्य के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर ऐसे लोगों की विस्तृत सूची तैयार करेंगे और रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्क्रीनिंग, साफ सुथरे शौचालयों और चिकित्सा दल की सुविधा होना सुनिश्चित करेंगे। रेल में यात्रा के दौरान यात्री को परमिट दिखाना होगा। अंतरराज्यीय आवाजाही के दौरान लोगों को भेजने और प्राप्त करने वाले राज्यों के नोडल अधिकारी आपस में परस्पर तालमेल रखेंगे।
बस से यात्रा करने वाले लोगों के मामले में, नोडल अधिकारी बसों की आवाजाही से पहले, अन्य राज्यों के नोडल अधिकारियों को प्रोफार्मा भेजेंगे ताकि राज्य में आवश्यक अनुवर्ती कार्यवाही के लिए लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति और यात्रा के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके। लोगों की अंतर राज्यीय आवाजाही के लिए बसों में चढने और उतरने के लिए अलग-अलग स्थान चिह्निड्ढत किए जाएंगे। दूसरे राज्यों की सीमा पर स्थित जिलों द्वारा आने वाले लोगों के लिए थर्मल स्क्रीनिंग, भोजन, पीने का पानी, शौचालय और अतिरिक्त वाहनों आदि की व्यवस्था की जाएगी जहां से ये लोग अपने-अपने जिलों को जाएंगे। अपने गंतव्य पर पहुंच कर उन्हें कम से कम 14 दिनों के लिए घरध्संस्थागत क्वारंटाइन के लिए कहा जाएगा। ऐसे लोगों की रोजाना स्वास्थ्य की जांच की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी 14 दिनों के होम क्वारंटाइन के दौरान किए जाने वाले और न किए जाने वाले कार्यों की भी जानकारी देगा। हर आने वाले व्यक्ति को उसके मोबाइल पर अरोग्यसेतु मोबाइल एप्प डाउनलोड करने के उपरांत ही आगे जाने दिया जाएगा।
हरियाणा राज्य में आने वाले सभी व्यक्ति न केवल पंजीकरण करने के लिए बाध्य होंगे बल्कि उन्हें पंजीकरण की डाउनलोड की गई प्रति या स्मार्ट फोन पर या सॉफ्टकॉपी दिखानी होगी। राज्य में आने या बाहर जाने के इच्छुक हर व्यक्ति को अपनी पहचान के लिए पहचान पत्र या कोई अन्य दस्तावेज दिखाना होगा। प्रत्येक बाहर जाने वाले व्यक्ति के बारे में, पड़ोसी जिला के नोडल अधिकारी या राज्य के नोडल अधिकारी को उचित सूचना भेजनी होगी। उपायुक्त द्वारा जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो दैनिक आधार पर व्यक्तियों की आवाजाही का रिकार्ड रखेंगे और मानक संचालन प्रक्रियाओं के प्रावधान के उल्लंघन के मामले में तुरंत गृह विभाग को रिपोर्ट भेजेंगे।
नोडल विभिन्न राज्यों के साथ समन्वय के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी हॉटस्पॉट्स, कंटेनमेंट जोन, ग्रीन जोन आदि के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे। यदि किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो संपर्क अधिकारी उसी राज्य में उसके चिकित्सा उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्था करेंगे।