नई दिल्ली। रेलवे मंत्रालय ने कहा है कि कोविड – 19 के मद्देनजर किए गए उपायों को जारी रखते हुए भारतीय रेल की सभी यात्री रेल सेवाएँ 17 मई, 2020 तक रद्द रहेंगी।हालांकि, राज्य सरकारों द्वारा किये गए अनुरोध और गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के आधार पर विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों की आवाजाही के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी जायेंगी।
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान स्थिति में माल ढुलाई और पार्सल ट्रेनों का परिचालन जारी रहेगा।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम की दृष्टि से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2 दिन पूर्वी देशव्यापी लॉक डाउन को 2 सप्ताह के लिए फिर बढ़ा दिया है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली केंद्रीय समिति ने सभी राज्यों में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया। हालांकि इस बार रेड जोन ऑरेंज ऑन एवं ग्रीन जोन तीनों के लिए जारी गाइडलाइन में पिछले दौर लॉक डाउन की अपेक्षा विभिन्न प्रकार की गतिविधियां चलाने और लोगों की आवाजाही को लेकर काफी राहत का ऐलान किया है लेकिन सार्वजनिक परिवहन सेवाओं जिनमें सरकारी बस रेल सेवा मेट्रो सेवा एवं हवाई सेवा को प्रतिबंधित रखा गया है।
केंद्रीय समिति ने अपनी समीक्षा में लोक डाउन को अगले 14 दिनों के लिए बढ़ाने के क्रम में व्यावसायिक एवं औद्योगिक गतिविधियों को संचालित करने पर जोर दिया। दूसरी तरफ अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से की जा रही मांग को ध्यान में रखते हुए सभी राज्यों में फसे प्रवासी श्रमिकों पर्यटकों विद्यार्थियों मजदूरों एवं अन्य सामान्य नागरिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए सड़क मार्ग से जाने की अनुमति दी थी। बाद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से प्रवासी लोगों को बिहार पहुंचाने की दृष्टि से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की गई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी और अब तक आधा दर्जन से अधिक स्पेशल ट्रेन अलग-अलग राज्यों से प्रवासी लोगों को लेकर उनके गृह राज्य के लिए रवाना हो चुकी है।
रेलवे ने ये साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देशों के तहत तीसरे लॉक डाउन की अवधि समाप्त होने तक सभी प्रकार की रेल यात्री सेवाएं बंद रहेंगी। इस अवधि में कोई भी एडवांस बुकिंग भी नहीं की जा सकेगी क्योंकि अनिश्चितता के दौर में अभी यह कयास लगाना संभव नहीं की रेल यात्री सेवा कब से पुनः शुरू हो सकेगी। हालांकि लोगों को यह उम्मीद थी कि 4 मई के बाद रेल यात्री सेवा शुरू हो सकती है लेकिन देश के अधिकतर बड़े राज्यों में कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 2 मई को भी पूरे देश में 2,000 से अधिक नए पॉजिटिव मामले सामने आए। औसतन प्रतिदिन 1500 केस नये आ रहे हैं। इसलिए देश में इस महामारी के फैलने का खतरा अभी बरकरार है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस परिस्थिति में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को शुरू कर दिया गया तो देश में अफरातफरी का माहौल पैदा होगा और सोशल डिस्टेंसिंग के फार्मूले का पालन नहीं हो पाएगा। इससे स्थिति पहले से अधिक बिगड़ सकती है इसलिए रेलवे मंत्रालय ने भी रेल यात्री सेवा 17 मई तक स्थगित रखने का निर्णय लिया है।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सोशल डिस्टेंस इन को लेकर सख्त रुख अपनाया जा रहा है। प्रत्येक कोच में केवल 50 से 52 लोगों को ही यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है जबकि सभी यात्रियों की ट्रेन में बैठने से पूर्व स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग होती है और अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद भी स्टेशन से निकलने से पहले उनकी स्क्रीनिंग की जाती है। किसी श्रमिक में अगर कोविड-19 संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जाता है और क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा जाता है। साथ ही सभी श्रमिकों को रेलवे की ओर से एक पेज का स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर एहतियात बरतने संबंधी सलाह भी दिए जाते हैं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से लेकर शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता को मजबूत करने के लिए आवश्यक खाद्य वस्तुओं की उपयोग करने की सूची भी शामिल है।