मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने कृषि इनपुट अनुदान योजना में मधुबनी जिला को भी शामिल करने की मांग की

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-मांग पर तवज्जो नहीं देने पर किसानों के साथ आन्दोलन करने की दी धमकी 

-शशि अजय झा ने कहा : मधुबनी के किसानों का क्या कसूर, उन्हें क्यों इस योजना से वंचित रखा गया 

-बिहार सरकार ने केवल 23 जिला को ही कृषि इनपुट अनुदान योजना किया है शामिल  

-सरकार ने आवेदन की अवधि 4 मई से 11 मई तक बढ़ा दी है

मधुबनी/बिहार :  मिथिला स्टूडेंट यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता शशि अजय झा ने आज प्रदेश सरकार से मधुबनी जिला को भी कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत शामिल करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि  कि प्रदेश अन्य जोले के साथ मधुवनी के किसान भी कोरोना लॉक डाउन का पहले से मार झेल रहे थे. खेती-बाड़ी का काम इस वैश्विक महामारी के कारण बुड़ी तरह प्रभावित रहा. अब रही सही कसर बारिश एवं ओला वृष्टि ने किसानों की रबी फसल का सर्वाधिक नुकसान पहुँचा कर पूरा कर दिया। इस दोगुनी प्राकृतिक मार से इस जिला के किसान भी त्राहिमाम कर रहे है। उन्होंने सरकार को अगाह किया कि अगर उनकी मांग पर तवज्जो नहीं दी गई तो वे किसानों के साथ आन्दोलन करने को मजबूर होंगे .

 

शशि अजय झा ने कहा है कि कहीं कहीं किसानों की पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो गई है. इस जिले में भी गेहूं/ दलहन तथा तेलहन फसलों का बड़ा नुक्सान हुआ है.  सभी राज्य सरकारों ने किसानों को ओलावृष्टि एवं अधिक बारिश से होने वाले नुकसान पर सहायता देने का आश्वासन दिया है.  किसानों की फसल की हुए नुकसानी के लिए अलग–अलग राज्य सरकार अपने स्तर से कदम उठा रही है. लेकिन बिहार सरकार ने केवल 23 जिला को शामिल करते हुए कृषि इनपुट अनुदान योजना के लिए आवेदन करने का एक और मौका देते हुए इसके आवेदन की अवधि 4 मई से 11 मई तक बढ़ा दी है. शशि अजय का कहना है कि इस प्राकृतिक प्रकोप से मधुबनी जिला के किसानों को भारी नुक्सान हुआ है. इसकी सूचना जिला प्रशसन और सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को है लेकिन इस जिला के साथ सौतेला व्यवहार करना ठीक नहीं है.

 

बिहार सरकार द्वारा अभीतक कोई ठोस कदम नही उठाया गया है। दोहरी मार से किसान असहाय और विवश हैं। कोरोना से पहले किसान भूख और चिंता से मर जाएंगे। सरकार की यह नीति है कि जिन किसानों का फसल बीमा है उन किसानों को फसल बीमा कम्पनी द्वारा कम समय में बीमा दिया जाएगा और जिन किसानों का बीमा नहीं उन्हें भी सरकार के द्वारा मदद दी जाएगी. फिर मधुवनी के किसानों का क्या कसूर है कि उन्हें इस सुविधा असे वंचित रखा जा रहा है.

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि बिहार सरकार द्वारा बिहार के 23 जिलों के किसान को यह सहायता देने की घोषणा की गयी है लेकिन मधुबनी का नाम शामिल नहीं है. राज्य सरकार का यह रवैया मधुबनी विरोधी है। सरकार ने यहां के किसान को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है।

शशि अजय ने जोर देते हुए कहा कि मिथिला स्टूडेंट यूनियन सरकार से मधुबनी जिला को भी इस योजना में अविलम्ब शामिल करने की मांग करती है. अगर प्रदेश सरकार ने अपने आदेश संशोधन नहीं किया तो हम किसानों के साथ सड़क पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

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