नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री, संजय धोत्रे के साथ आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा सचिवों के साथ बातचीत की। इस बैठक में, 22 राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों ने हिस्सा लिया। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव, अनिता करवाल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह समय समझदारी के साथ काम करने और छात्रों की सुरक्षा और अकादमिक कल्याण पद्वति को सुनिश्चित करने की दिशा में नए प्रयोगों को अपनाकर इस स्थिति को एक अवसर में तबदील करने का है। मंत्री ने कहा कि मासिक आधार पर किए जाने वाले ‘मन की बात’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हमारे प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि नोवल कोरोनावायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई लोगों को प्रेरित करने वाली बन चुकी है जिसमें प्रत्येक नागरिक अपनी भूमिका निभा रहा है। चाहे वह व्यवसाय हो, कार्यालय हो, शिक्षण संस्थान हो या चिकित्सा क्षेत्र हो, हर कोई कोरोनावायरस के बाद की दुनिया में बदलावों को अपना रहा है। मंत्री ने आशा व्यक्त की कि हम सब मिलकर इस बीमारी और परिस्थिति से निपटने में सक्षम साबित होंगे।
श्री पोखरियाल ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास यह होना चाहिए कि हमारे 33 करोड़ छात्र किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करें और अपनी शिक्षा को जारी रख सकें। इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्मों जैसे दीक्षा, स्वयं, स्वयंप्रभा, विद्यादान 2.0, ई-पाठशाला, दूरदर्शन के शैक्षणिक टीवी चैनल, डिश टीवी, टाटा स्काई, जियो, एयरटेल डीटीएच आदि को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि इसके अलावा एनसीईआरटी द्वारा वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर भी जारी किया गया है जिसे राज्य सरकारें अपनी स्थानीय स्थिति के अनुसार अपना सकती हैं। साथ ही स्कूल को खोलने की स्थिति में हमें सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों को तैयार करना पड़ेगा।
छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति में, बच्चों को पर्याप्त और पौष्टिक भोजन की प्राप्ति के लिए ‘मिड डे मील’ योजना के अंतर्गत राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्री द्वारा ऐतिहासिक निर्णय की भी घोषणा की गई, जिसमें स्कूलों में ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के दौरान मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए मंजूरी प्रदान किया जा रहा है, जिस पर लगभग 1,600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया जाएगा। इसके अलावा, ‘मिड डे मील’ योजना के अंतर्गत पहली तिमाही के लिए 2,500 करोड़ रुपये का तदर्थ अनुदान जारी किया जा रहा है।
मिड-डे मील कार्यक्रम को बढ़ाने के लिए, मंत्री ने घोषणा की कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मिड डे मील योजना के अंतर्गत खाना पकाने की लागत (दाल, सब्जी, तेल, मसाला और ईंधन की खरीद के लिए) में वार्षिक केंद्रीय आवंटन को 7,300 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8100 करोड़ रुपये (10.99 प्रतिशत की वृद्धि) कर दिया गया है।
श्री पोखरियाल ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत, मानकों में ढील देते हुए, भारत सरकार ने राज्यों को पिछले वर्ष की शेष राशि को खर्च करने की अनुमति प्रदान की है जो लगभग 6,200 करोड़ रुपये है और पहली तिमाही के लिए 4,450 करोड़ रुपये का तदर्थ अनुदान भी जारी किया जा रहा है। मंत्री ने राज्यों से यह भी अनुरोध किया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत जारी की गई राशि का हस्तांतरण राज्य कार्यान्वयन समिति को तत्काल किया जाए जिससे इसका सही उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा सके कि इस मद में अगली किस्त जारी की जा सकती है।
बैठक के दौरान मंत्री ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दुकानों में पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता के संबंध में किए गए अनुरोध के आधार पर, गृह मंत्रालय ने किताब की दुकानों को खोलने के लिए लॉकडाउन के नियमों में ढील दी है, जिससे छात्र अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए पुस्तकों का लाभ प्राप्त कर सकें।
श्री पोखरियाल ने कहा कि जिन राज्यों में केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के लिए मंजूरी प्रदान कर दी गई है लेकिन जमीन की उपलब्धता में कमी या क्षमता में कमी के के कारण इसकी शुरूआत नहीं की जा सकी, उनसे आग्रह किया जाता है कि वे जल्द ही जमीन हस्तांतरित करें जिससे राज्य के बच्चों को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
मंत्री ने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू करें और सीबीएसई को अपने-अपने राज्यों में छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करें।
श्री पोखरियाल ने राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा बताई गई सभी समस्याओं और सुझावों को गौर से सुना। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा छात्रों के अकादमिक कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में राज्यों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए किए गए प्रयासों की राज्यों द्वारा सराहना की गई। केंद्रीय मंत्री ने सभी मंत्रियों और राज्यों के अधिकारियों को शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि मंत्रालय इस कठिन समय में अपना पूरा सहयोग देगा और हम सब मिलकर इस समस्या से लड़ेंगे।