गुरुग्राम: जिला प्रशासन ने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को प्लॉट नंबर 1 फेज 3 ए आईएमटी मानेसर गुरुग्राम में स्थित यूनिट में काम शुरू करने की अनुमति दे दी है. लॉक डाउन पीरियड में उक्त कंपनी ने 4696 श्रमिकों से काम कराने की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्हें केबल 600 श्रमिकों से सिंगल शिफ्ट में काम कराने की अनुमति दी गई है. साथ ही कंपनी को 50 वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी गई है. जिला प्रशासन ने जारी अनुमति पत्र में यह कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी संशोधित गाइडलाइंस के पॉइंट नंबर 15 दो के तहत उन्हें अपनी यूनिट में काम कराने की अनुमति दी गई है. इस अनुमति पत्र के जारी होने के बाद उद्योग जगत में छाई आशंका के बादल अब हटते नजर आ रहे हैं जबकि दूसरे अन्य औद्योगिक इकाइयों को भी अनुमति मिलने की संभावना प्रबल दिखने लगी है.
उल्लेखनीय है कि 21 दिन के पहले लॉक डाउन के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को जब लॉक डाउन की दूसरी 19 दिनों की अवधि बढ़ाने की घोषणा की थी तब उन्होंने देश के व्यावसायिक और औद्योगिक जगत के लोगों से वायदा किया था कि 15 अप्रैल को जारी होने वाली संशोधित गाइडलाइन के अनुसार 20 अप्रैल से औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियां कुछ प्रावधानों का पालन कराते हुए शुरू की जा सकती है. हालांकि 15 अप्रैल को संशोधित गाइडलाइन केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से विस्तृत स्वरूप में जारी तो कर दी गई थी लेकिन कयासों का बाजार गर्म था और उद्योग जगत के प्रतिनिधि अपनी इकाइयों और अपने कार्यालय को दोबारा संचालित करने के लिए इधर उधर चक्कर लगा रहे थे.
गुरुग्राम जो हरियाणा का सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है को लेकर भी आशंका के बादल छाए हुए थे. हालांकि खबरें पहले से ही तैरने लगी थी की यहां अवस्थित सबसे बड़ी औद्योगिक इकाई मारुति सुजुकी इंडिया को अपनी मानेसर यूनिट में काम शुरू करने की अनुमति 20 अप्रैल से ही दे दी जाएगी. लेकिन गुरुग्राम में पिछले सप्ताह में कोरोना के कई नए मामले सामने आ जाने से यहां प्रदेश सरकार की ओर से तैनात नोडल अधिकारी और जिला प्रशासन सकते में आ गया था. शहर में 9 हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट एरिया भी घोषित करना पड़ा था जिससे उद्योग जगत चिंतित था कि 20 अप्रैल से उन्हें अपनी इकाइयों को संचालित करने की अनुमति अब नहीं मिलेगी. लेकिन नोडल अधिकारी एडीशनल चीफ सेक्रेट्री बीएस कुंडू ने उद्यमियों को अपने-अपने प्रतिष्ठान पुनः संचालित करने की अनुमति देने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने को कहा.
इसके लिए श्रम विभाग एचएसआईआईडीसी पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों की अलग-अलग इलाके के लिए समिति गठित कर दी गई. इन समितियों को अलग अलग औद्योगिक आवेदनों की स्क्रूटनी करने का अधिकार दिया गया. साथ ही सभी आवेदकों को यह स्पष्ट कर दिया गया कि अनुमति देने में प्राथमिकता उन्हें दी जाएगी जो अपने परिसर में ही श्रमिकों या मजदूरों को रहने और भोजन की मुकम्मल व्यवस्था करने का वायदा करेंगे. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला भी पूरी तरह लागू करना होगा जबकि दो शिफ्ट के बीच में अपेक्षित अंतराल बनाए रखना होगा और प्रत्येक शिफ्ट के आरंभ में और बाद में सैनिटाइजेशन की विशेष व्यवस्था करनी होगी.
बताया जाता है कि इस गाइडलाइन का पालन करने संबंधी हलफनामा देते हुए गुरुग्राम की 100 से अधिक औद्योगिक एवं व्यावसायिक कंपनियों ने ऑनलाइन आवेदन कर अपनी इकाइयां पुनः संचालित करने की अनुमति मांगी थी.
पिछले 2 दिनों से औद्योगिक प्रतिनिधि इस बात को लेकर परेशान थे कि ऑनलाइन आवेदन करने के बावजूद अनुमति देने की प्रक्रिया में आखिर देरी क्यों की जा रही है. लेकिन मंगलवार दोपहर को कई आई टी ई कंपनियों ने जिला उपायुक्त अमित खत्री से अपने आवेदन की स्थिति जानने की कोशिश की थी . तब उन्होंने ट्वीट के माध्यम से उन्हें आश्वस्त किया था कि अगले 24 से 48 घंटों में उन्हें अनुमति दे दी जाएगी.
अब गुरुग्राम की ही नहीं बल्कि देश की ऑटो सेक्टर की सबसे बड़ी और प्रमुख कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को अपने मानेसर यूनिट संचालित करने की अनुमति देने संबंधी प्रपत्र जारी करने से यह स्पष्ट हो गया कि जिला प्रशासन औद्योगिक इकाइयों को पुनः खोलना तो चाहते हैं लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अक्षरशः पालन को लेकर उद्यमियों से बाध्यकारी आश्वासन चाहते हैं. समझा जाता है कि औद्योगिक प्रतिष्ठानों को पहले प्राथमिकता दी गई है जिन्होंने अपने यहां गाइडलाइन का पालन करने के साथ-साथ श्रमिकों को अपने परिसर में ही ठहराने की व्यवस्था करने का हलफनामा दिया है. इनमें से मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड भी एक है.
गुरुग्राम के नोडल अधिकारी वी एस कुंडू ने पहले ही बारंबार यह साफ कर दिया था कि पहले उन कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके श्रमिक या तो उनके परिसर में रहेंगे या फिर उन इकाइयों के आसपास ही पैदल दूरी पर रहते हो या साथ लगते श्रमिक कालोनियों में निवास करते हो. मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को अनुमति मिलने का यह सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है क्योंकि नोडल अधिकारी और जिला प्रशासन किसी भी कीमत पर कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका के मद्देनजर किसी भी प्रकार का समझौता करने की स्थिति में नहीं थे.
मारुति सुजुकी को जारी अनुमति पत्र में जिला प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि मानेसर यूनिट जो प्लॉट नंबर 1 फेस 3 में अवस्थित है के अलावा और किसी भी प्रकार की का कोई उत्पादन या कोई सेवा संबंधी एक्टिविटी करने की अनुमति नहीं होगी. अगर केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइड लाइन का किसी भी स्तर पर उल्लंघन पाया जाएगा तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी
मारुति सुज़ुकी प्रबंधन के नाम जारी डिजिटल प्रपत्र में लॉक डाउन के दौरान जिला उपायुक्त गुरुग्राम की ओर से केवल 600 श्रमिकों द्वारा काम कराने की संस्तुति की गई है. साथ ही उन्हें अपने वायदे को पुष्ट करने वाले सभी संबंधित कागजात काम शुरू करने से पहले जमा कराने को कहा गया है.जिला प्रशासन के अधिकृत अधिकारी कंपनी का फिजिकल इंस्पेक्शन करेंगे. यह अनुमति केबल एक शिफ्ट के लिए दी गई है.