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-वर्करों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता
-जिला प्रशासन उद्योगों का सहयोग करने के लिए तैयार
-इंडस्ट्री को खिलने के लिए लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाए गए
-उद्योगों को पूरा गाइड किया जाएगा
गुरूग्राम 21 अप्रैल। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव वीएस कुंडू ने आज कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू होने को लेकर औद्योगिक इकाइयों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि किसी औद्योगिक इकाई पर जरूरी नहीं कि कानूनी कार्रवाई की जाए। इस एक्ट के तहत कार्रवाई तभी होगी जब यदि किसी उद्योग द्वारा जानबूझकर या भारी लापरवाही से किसी की जान को खतरे में डाला गया हो।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन उद्योगों का सहयोग करने के लिए तैयार है, इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाए गए हैं, जो उनके साथ सांझे किए जाएंगे। उद्योगों को पूरा गाइड किया जाएगा कि वे कैसे अपनी इंडस्ट्री में वर्करों में सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए सुरक्षा उपाय अपनाकर अनुमति लेकर उत्पादन पुनः शुरू कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि काम पर आने वाले श्रमिक व कर्मचारी सुरक्षित रहें और उन्हें वर्कप्लेस पर किसी प्रकार की असुविधा ना हो। उन्होंनेे कहा कि आर्थिक स्थिति में सुधार के उपाय या किसी भी उद्योग की प्रोडक्शन फिलहाल सेकेंडरी है। जिस उद्योग के पास उनके श्रमिक मौजूद है और उनकी सुरक्षा के लिए इंतजाम पूरे किए हुए हैं, फिलहाल उन्हेंं खोलने पर विचार किया जा रहा है। धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से अन्य औद्योगिक इकाइयों को भी खोला जाएगा।
वे आज लोक निर्माण विश्राम गृह में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। एक अन्य सवाल के जवाब में श्री कुंडू ने बताया कि जिला गुरुग्राम में रोजाना लगभग दो लाख लोगों को फूड पैकेट बांटे जा रहे हैं। जो लोग अपना खाना बनाने मे समर्थ है उन्हें सूखा राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों को दो वक्त का भोजन दिया जा रहा है क्योंकि इन दिनों तापमान अपेक्षाकृत बढ़ रहा है, ऐसे में फूड पैकेट खराब होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं इसलिए फूड पैकेट बांटते समय काफी एहतियात बरती जा रही है।
उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान को ध्यान में रखते हुए हमारा प्रयास है कि लोगों को पका पकाया खाना देने की बजाय जो लोग खाना बनाने में समर्थ है, उन्हें सूखा राशन उपलब्ध करवाया जाए । उन्होंने कहा जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उनके लिए राज्य सरकार द्वारा डिस्ट्रेस फूड टोकन योजना चलाई गई है जिस पर जिला में काम करना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पात्र व्यक्तियों को एक-एक महीने का राशन मुफ्त दिया जाएगा और जो लोग खाना बनाने में समर्थ नहीं है उन्हें पका पकाया भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा