चण्डीगढ़, 4 अप्रैल। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने युवाओं का आहवान करते हुए कहा कि आजकल कोरोना को लेकर समाज के विघटन की भी कई खबरें सोशल मीडिया पर आती हैं तो हमें इस समय पर जाति, मजहब, क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर सब लोगों को एक होकर चलना है और यही संदेश हमें लगातार देना है तथा यही हमारा राष्ट्रीय दायित्व हैं। उन्होंने कहा कि हम लगातार यह कोशिश करते रहेंगे तो हम उचित कदमों को आगे बढा पाएंगे।
कोरोना वायरस से लड़ने का 3S मंत्र है –
— Manohar Lal (@mlkhattar) April 4, 2020
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मुख्यमंत्री आज यहां नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते किए गए लॉकडाउन के तहत लाईव टेलीविजन पर राज्य के लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने युवाओं का आहवान करते हुए कहा कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर वर्तमान परिस्थिति के तहत लॉकडाउन के दौरान भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू जैसे वीरों की कहानियों को याद करते हुए हमें ऐसा काम करना चाहिए कि लाकडाउन समाप्त होने पर हमें अपने ऊपर गर्व हों।
उन्होंने कहा कि आजकल हर तरफ से कोरोना की ही खबरें आ रही हैं और हमको कोरोना से डरना नहीं हैं, घबराना नहीं है और अपना साहस बनाए रखना है तथा समय का उपयोग करते हुए अपनी वास्विकता और यथार्थ को पहचानाना है। उन्होंने कहा कि हमारे पास सही जानकारियों होनी चाहिए और अपने से छोटें व बडों में आपस में सांझा करनी चाहिए और यदि हम सही जानकारियां आपस में सांझा करेंगें तो यह घबराहट समाप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने युवाओं को सुझाव देते हुए कहा कि वे प्रतिदिन एक दैनिक कार्य की सूची बनाकर अपनी दिनभर की गतिविधियों जैसे पढाई, ध्यान, योग, मनोरंजन इत्यादि के लिए समय को निश्चित करें। यदि हम ये सभी काम करेंगे तो हम अपनी सोच को सही दिशा दे पाएंगें। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि ‘‘मुश्किल वक्त, कमांडो सख्त’’ और युवा एक कमाण्डों की तरह हैं और आज जब यह मुश्किल समय आया है तो हमारी सोच भी कमाण्डों की तरह होनी चाहिए तभी हम इस परिस्थिति का मुकाबला सफलतापूर्वक कर पाएंगें।
उन्होंने युवाओं का आहवान करते हुए कहा कि लाकडाउन के इन दिनों को छुटियां न मानें बल्कि घर में रहकर एक-एक दिन का प्रयोग पढाई के लिए करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने की कोई सीमाएं नहीं होती है और यह किसी भी प्रकार और किसी भी समय पर ली जा सकती है और अब सेल्फ लर्निंग, लंर्निंग बाय ई-बुक्स, सेल्फ स्टडी के साथ-साथ स्कूल और कालेज के अध्यापक अपने लैक्चर व पाठयक्रम रिकार्ड करते हैं और आजकल एलएमएस का साफटवेयर भी आ गया है उसका भी प्रयोग किया जा सकता हैं।
उन्होंने युवाओं से बातचीत करते हुए कहा कि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करनी होती है और हो सकता है कि ऐसी स्थिति में इस प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं की तिथियों को आगे बढा दिया गया हो, तो हमें इस समय का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने युवाओं को समझाते हुए कहा कि आज जो स्थिति हैं उसमें आपकी लिखित परीक्षा नहीं बल्कि आपकी समझदारी की परीक्षा हो रही हैं और जितना आप समझदार बनेगें उतना आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि इन दिनों का उपयोग युवा अपनी अच्छी आदतों में लगाकर बुरी आदतों को छोडने में कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन दिनों घर के विभिन्न कामों जैसे कि पेंटिंग, गार्डनिंग, रसोई के काम इत्यादि को भी कर सकते हैं और सीख सकते हैैं। इसके अलावा, हम साफट स्कीलिंग के तहत अग्रेंजी भाषा बोलने के अलावा जापानी, कोरियन, जर्मन, रूसी इत्यादि भाषाओं को सीख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर हम भारत की तमिल, तेलूगू, पंजाबी, मराठी इत्यादि भाषाओं को सीख पाएंगें और इन भाषाओं को सीखने से न केवल अपनी जानकारी की वृद्धि कर पाएंगें बल्कि भविष्य बनाने में भी यह भाषाएं सहयोगी हो सकती हैं।
उन्होंने युवाओं से कहा कि व्यायाम भी करें और अपने आपकों फिट रखें और इस पर उन्होंने खेल मंत्री संदीप सिंह से बातचीत की, जिसमें ‘‘खेल मंत्री ने खिलाडियों से कहा कि अपनी जो भी कमियां हैं, लाकडाउन के दौरान उन कमियों पर काम करके दूर किया जा सकता हैं, खेल के अनुसार फिटनेस करें और घर का काम करें और अपने माता-पिता का हाथ बंटा सकते हैं, खिलाडी अपने खाने-पीने पर ध्यान रखें और रात को सोने से पहले पांच मिनट का ध्यान लगाकर अपने बारे में मंथन करें और अभ्यास के दौरान आपस में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखें’’। मुख्यमंत्री ने ओलंपिक खेलों के एक वर्ष आगे स्थगित होने के मदेनजर कहा कि हमारे हरियाणा के खिलाडियों को अभ्यास के लिए एक साल ओर मिल गया और आने वाले दिनों में हरियाणा के खिलाडी और ज्यादा अभ्यास करके हरियाणा का नाम रोशन कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने आज पंचकूला के विशाल मक्कड से बातचीत की जिसमें ‘‘मक्कड ने बताया कि वे आजकल योग व ध्यान कर रहे हैं और पुराने शौक जैसे कार्टुन इत्यादि बनाने के साथ-साथ माता-पिता की सेवा कर रहे हैं’’। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने परिवार के लोगों के साथ आपस में बातचीत करते रहना चाहिए और ऐसे में इतिहास की बातें बुजुर्गों के साथ सांझा की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने भिवानी की कोमल से बातचीत की जिसमें कोमल ने बताया कि ‘‘कोमल अपनी माता को भी पढाई करवा रही हैं और अंग्रेजी सीखा रही है’’। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय पर अपने साथ-साथ अपने परिवार के लोगों को मनोवैज्ञानिक तौर पर स्वस्थ रखना होगा। उन्होंने बहादुरगढ के करण इलाहावादी से बात की और जाना कि ‘‘करण ने अपने भाई व पिता जी के साथ बैठकर देश की सेवा के लिए क्या सकते हैं, पर विचार आजकल किया है’’।
उन्होंने युवाओं को सचेत करते हुए कहा कि युवा वायरस को लेकर गलतफहमी में रहते हैं और सोचते हैं कि हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है वायरस हमारा क्या बिगाडेगा, लेकिन खतरे को न स्वीकार करना अपने आपमें एक नया खतरा होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा इस समय का उपयोग रचनात्मक कार्यों में लगाएं, इस पर उन्होंने थ्री-एस मंत्र युवाओं को देते हुए कहा कि स्टे एट होम, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनीटाइज योर सेल्फ। युवाओं को समाज में भी अपना योगदान स्वयंसेवक के रूप में देना हैं। इस कोरोना की लड़ाई के काम में डाक्टर, नर्स, पैरामैडिक्स, सुरक्षा कर्मी और स्वच्छता कर्मी काम कर रहे हैं और घर से बाहर रहकर फील्ड में राष्ट्ररक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं हमें इनके परिवारों की भी चिंता करनी चाहिए।
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर हम निर्भर हो गए हैं सोशल मीडिया गलत खबरें भी दे रहा हैं और सही भी दे रहा हैं और सोशल मीडिया की समाज को बांटने वाली खबरों पर हमें विश्वास नहीं रखना है और ऐसी खबरें आती हैं तो लोगों को समझाना भी है ताकि गलत खबरों पर वे विश्वास न रखें। परिस्थितियां समय-समय पर बदलती हैं, परंतु हमें संतुलन बनाकर रखना है।