नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दिल्ली में इंटरनेशनल ज्यूडिशियल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। जिसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच कई बार देश के लिए संविधान के तीनों पिलर ने उचित रास्ता ढूंढा है। हमें गर्व है कि भारत में इस तरह की एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई है। बीते 5 वर्षों में भारत की अलग-अलग संस्थाओं ने, इस परंपरा को और सशक्त किया है। हर भारतीय की न्याय पालिका पर बहुत आस्था है। हाल में कुछ ऐसे बड़े फैसले आए हैं, जिनको लेकर पूरी दुनिया में चर्चा थी।
पीएम ने कहा कि सरकार का भी प्रयास है कि देश की हर कोर्ट को e-court Integrated Mission Mode Project से जोड़ा जाए। National Judicial Data Grid की स्थापना से भी कोर्ट की प्रक्रियाएं आसान बनेंगी।
पीएम मोदी ने कहा कि फैसले से पहले अनेक तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। लेकिन हुआ क्या? सभी ने न्यायपालिका द्वारा दिए गए इन फैसलों को पूरी सहमति के साथ स्वीकार किया।
मोदी ने कहा कि मैं आज इस अवसर पर, भारत की न्यायपालिका का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिसने विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन की गंभीरता को समझा है, उसमें निरंतर मार्गदर्शन किया है।इसी तरह सैन्य सेवा में बेटियों की नियुक्ति हो, फाइटर पाइलट्स की चयन प्रक्रिया हो, माइन्स में रात में काम करने की स्वतंत्रता हो, सरकार द्वारा अनेक बदलाव किए गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस कॉन्फ्रेंस में ‘Gender Just World’ के विषय को भी रखा गया है।
दुनिया का कोई भी देश, कोई भी समाज Gender Justice के बिना पूर्ण विकास नहीं कर सकता और ना ही न्यायप्रियता का दावा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच, कई बार देश के लिए संविधान के तीनों Pillars ने उचित रास्ता ढूंढा है। और हमें गर्व है कि भारत में इस तरह की एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई है। बीते पाँच वर्षों में भारत की अलग-अलग संस्थाओं ने, इस परंपरा को और सशक्त किया है।
इससे पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उच्चतम न्यायालय में अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 में कहा, आतंकवादी और भ्रष्ट लोगों का निजता का कोई अधिकार नहीं। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि शासन की जिम्मेदारी निर्वाचित प्रतिनिधियों पर छोड़ देनी चाहिये।