रिसर्च के लिए एस एस रावत ऑस्ट्रेलिया रवाना

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यमुना नदी व हरियाणा की नहरों पर कर रहे हैं अनुसंधान 

सिंचाई विभाग गुड़गांव व मेवात के अधीक्षण अभियंता हैं रावत 

यूनुस अलवी

मेवात : यमुना नदी और हरियाणा की नहरों पर आगामी 35 19-nov-15-aसाल बाद जलवायु परिवर्तन का क्या असर होगा इसको लेकर सिंचाई विभाग गुड़गांव और मेवात के अधीक्षण अभियंता एव् मेवात के गांव बहीन निवासी शिव सिंह रावत दिल्ली की आईआईटी संस्थान में पिछले 3 साल से रिसर्च कर रहे हैं। अब रावत ऑस्ट्रेलिया में जाकर वहां की ईवाटर संस्थान के साथ मिलकर 3 सप्ताह तक रिसर्च करने के लिये भारत सरकार की ओर से शनिवार को रवाना हो गए है। इस मौके पर सिंचाई विभाग मेवात/गुरुग्राम के अधिकारी और कर्मचारियों ने रावत को फूलों का गुलदस्ता भेंट कर उनकी कामयाबी के लिए शुभकामनाएं दी। यह पहला मौका है जब कोई मेवात का कोई बडा अधिकारी इतने बडे मिशन के लिये विदेश को रवाना हुआ है।
इस मौके पर सिंचाई विभाग मेवात के अधीक्षण अभियंता एसएस रावत ने बताया कि भारत के सेंट्रल वाटर कमीशन (सीडब्ल्यूसी) और आस्ट्रेलिया कि इवाटर सोलूशन संस्था आपस में मिलकर आने वाले समय में जलवायू का देश कि नदियों और नहारों पर क्या प्रभाव पडने वाला है। इस पर शोध करते हैं। वह हरियाणा कि ओर से पिछले तीन साल से दिल्ली कि आईआईटी संस्थान में यमुना नदी और हरियाणा कि नहरों पर रिसर्च कर रहे हैं।

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उन्होने बताया कि हरियाणा का ताजा वाला से नहरों में पानी आता है। जलवायू के परिवर्तन के चलते नहरों और नदियों पर काफी प्रभाव पड रहा है। इसके लिये सरकारों को पहले ही सचेत रहना होगा। उन्होने बताया कि जलवायू परिवर्तन के चलते नदियों और नहरों में पानी की भारी कमी हो रही है। वर्ष 2050 के बाद इस जलवायू परिवर्तन का यमुना नदी और हरियाणा कि नहरों पर क्या असर पडेगा। इस पर वह पिछले तीन साल से रिसर्च कर रहा है।

 

उन्होने बताया कि भारत के सेंट्रल वाटर कमीशन (सीडब्ल्यूसी) और आस्ट्रेलिया कि इवाटर सोलूशन संस्था का आपस में समझोता है। उन्होने बताया कि ऑस्ट्रेलिया ने यमुना नदी और हरियाणा कि नहरों के अलावा ऑस्ट्रेलिया कि नदियों और नहरों पर आगामी 2050 बाद क्या असर पडने वाला है। इसका ऑस्ट्रेलिया ने एक सोफ्टवेयर तैयार किया है। उसी सोफ्टवेयर पर काम चल रहा है। उसी सोफ्टयेवर पर पूरा रिसर्च करने के लिये ऑस्ट्रेलिया ने तीन सप्ताह के लिये अपने खर्चे पर एसएस रावत को बुलाया है। इस रिसर्च से जहां हरियाणा की नहरों, यमुना नदी को फायदा होगा वहीं ऑस्ट्रेलिया कि नदियों और नहरों पर जलवायू परिवर्तन का आगमी 35 साल बाद क्या असर पडने वाले रिसर्च पता चल सकेगा।

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