गुरुग्राम। काम के दबाव के कारण होने वाले तनाव से पुलिसकर्मियों को चिंता मुक्त करने के लिए ऑडोटोरियम भौंडसी, गुरुग्राम में “Creating A Powerful Life” पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
2 घण्टे के इस वर्कशॉप में ऊषा कुंडू, ACP, Hq. गुरुग्राम सहित लगभग 500 पुलिसकर्मी/अधिकारी शामिल हुए।
यह आयोजन गुरुग्राम पुलिस ने अपने पुलिस कर्मियों के दैनिक तनाव और चिंता का प्रबंधन करने के लिए किया। इस दो घंटे की कार्यशाला का आयोजन पुलिस ऑडिटोरियम, भोंडसी में किया गया।
कार्यशाला का संचालन मनमीत कुमार, आध्यात्मिक कोच और आत्मा फाउंडर ऑफ शॉल द्वारा किया गया।
कार्यशाला के दौरान मनमीत कुमार द्वारा उपस्थित पुलिसकर्मियों/अधिकारियों को संबोधित करते हुए उनकी कार्यशैली के दौरान उत्पन्न हुए तनाव व चिंता को प्रबंधित करने और बेहतर संतुलित जीवन बनाने के लिए विभिन्न उपकरणों/साधनों व तकनीकों द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई।
इसका प्रयोजन पुलिस कार्यशैली के कारण पुलिसकर्मियों/अधिकारियों में उत्पन्न तनाव व चिंता के प्रबंधन और सशक्तिकरण करना था। इसका उद्देश्य क्रोध और तनाव को कम करने और एक स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए एक तंत्र विकसित करना था।
कार्यशाला के दौरान विभिन्न प्रकार के प्रभावित करने वाले सत्र हुए, जिनमें पुलिस कर्मियों को सम्बोधित करते हुए उनकी चिंताओं व तनावों की पहचान करने व उनके समाधान करने के बारे में बताया व समझाया गया। इसके अलावा, इन समस्याओं का सामना करते हुए तनाव और चिंताओं को संभालने के लिए, गुरुग्राम के पुलिस कर्मियों को कुछ उपकरणों और अभ्यासों के साथ भी निर्देशित किया गया ।
कार्यशाला में सहायक पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) ऊषा कुंडू, पुलिस थानों के निरीक्षक (SHOs) और अपराध शाखाओं के प्रभारियों सहित लगभग 500 पुलिस कर्मियों ने भी भाग लिया।
एक युवा पुलिसकर्मी ने अनियमित काम के घंटे और सीमित समय जैसी चिंताओं को व्यक्त करते हुए, अपने परिवार के लिए समय न मिलने बारे में चिंता जाहिर की। इस पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उनकी चिंताओं को सुना और पारस्परिक रूप से इस पर काम करने का आश्वासन दिया।
निरीक्षक नरेन्द्र चौहान, प्रभारी अपराध शाखा सैक्टर-17, गुरुग्राम ने उल्लेख किया “यदि आप अपने काम के बारे में भावुक हैं, तो यह एक ध्यान की तरह लगता है। उन्होंने इस पर भी प्रकाश डाला कि आपराधिक मामलों को सुलझाने के ऐसे दबावों के बीच पुलिस के लिए अपने संतुलन को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।”
इस आयोजन के दौरान यह भी महसूस किया गया कि गुरुग्राम पुलिस में पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों का मिश्रण है। जो कार्यशाला का आनंद लेते हुए देखे गए। यह कार्यशाला उनकी दिनचर्या से एक ब्रेक था और उन्हें इस कार्यशाला के माध्यम से यह भी एहसास दिलाया गया कि भले ही उनकी नौकरी, कार्यशैली व जीवनशैली में बहुत दबाव है लेकिन यह पेशा भी उनका ही है। बड़े ही जुनून के साथ जीते हुए व अपनी नौकरी से प्यार करते हैं और इसके लिए उन्हें काफी सराहना भी मिलती है।
कार्यशाला में मनमीत कुमार ने यह भी कहा कि “आंतरिक शांति एक शक्तिशाली जीवन बनाने की कुंजी है। गुड़गांव पुलिस ने तनाव से संबंधित मुद्दों के व्यावहारिक समाधानों को देखने के लिए उत्कृष्ट पहल की है। पुलिस को अपना जीवन उत्साह और आध्यात्मिक जागृति से भरा बनाना है जो पुलिस की प्रेरणा को उनकी कार्यशैली के दबाव का सामना करने और ध्यान और आत्म-प्रेरणा के साथ मुकाबला करने के लिए प्रेरित करेगा।