हरियाणा में बिल्डिंग निर्माण से जुड़े श्रमिकों को मिलेंगे बस पास : घर से कार्यस्थल तक फ्री सफर

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उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने श्रम विभाग के अधिकारियों को योजना तैयार करने का दिया निर्देश 

द हरियाणा बिल्डिंग एंड अदर्स कंस्ट्रक्शन वर्कस वैल्फेयर बोर्ड‘ की बैठक में उप मुख्यमंत्री 

बस पास का खर्च बोर्ड द्वारा वहन किया जाएगा

गुरूग्राम, 16 जनवरी। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला ने आज गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में ‘द हरियाणा बिल्डिंग एंड अदर्स कंस्ट्रक्शन वर्कस वैल्फेयर बोर्ड‘ की 19वीं बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बैठक में रखे गए विषयों में रूचि दिखाई और यह बैठक ढाई घंटे चली। बैठक में भवन एवं निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों को अपने घर से कार्यस्थल तक जाने के लिए राज्य परिवहन की बसों में सफर करने के लिए बस पास की सुविधा देने पर सैद्धांतिक सहमति बनी। इस बस पास का खर्च बोर्ड द्वारा वहन किया जाएगा। इसके लिए उप मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग के अधिकारियों को परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ परामर्श करके योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम अटल बिहारी वाजपेयी श्रमिक आवागमन योजना रखा जाएगा। इसी प्रकार, श्रमिकों के लिए लागू चार धाम योजना के लिए भी राज्य परिवहन के सहयोग से ट्रायल के तौर पर किसी एक धाम पर बस भेजी जाएगी, जिसमें केवल भवन एवं निर्माण कार्यों में लगे श्रमिक ही मुफत में धाम की यात्रा पर जा सकेंगे। यह ट्रायल सफल हुआ तो इसका विस्तार किया जाएगा।

महिला श्रमिकों की परेशानियों को समझते हुए उप मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग को साथ लेकर महिला श्रमिकों में सेनीटरी नेपकिन तथा हाइजीन का एक अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने एनटीपीसी की तर्ज पर महिला श्रमिकों के लिए एटीएम नुमा सेनीटरी नेपकिन वितरण मशीन लगाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश श्रम विभाग के अधिकारियों को दिए हैं।
आज की बैठक में श्रमिकों की बेटियों के विवाह में बोर्ड की तरफ से दी जाने वाली एक लाख एक हजार रूप्ये की कन्यादान राशि दो किश्तों में देने का निर्णय लिया गया जिसमें 50 हजार रूप्ये की पहली किश्त शादी से पहले मिलेगी परंतु उसके लिए शादी का कार्ड चस्पा करना होगा और उस पर निर्वाचित जन प्रतिनिधि की वैरिफिकेशन होनी चाहिए ताकि इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी ना हो। दूसरी 51 हजार रूप्ये की किश्त शादी के बाद दी जाएगी।

बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि भवन एवं निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को दी जाने वाली विधवा तथा बुढ़ापा पेंशन राज्य सरकार द्वारा समाज कल्याण विभाग के माध्यम से दी जा रही पेंशन से 500 रूप्ये ज्यादा निर्धारित की जाएगी। इस लिहाज से बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों की विधवाओं की पेंशन 2000 रूप्ये से बढ़ाकर 2750 रूप्ये मासिक तथा बुढ़ापा पेंशन 2500 रूप्ये से बढ़ाकर 2750 रूप्ये मासिक करने का निर्णय लिया गया। श्रमिकों की दिव्यांगता पेंशन चुंकि पहले ही 3000 रूप्ये मासिक निर्धारित है इसलिए विधवा पेंशन और बुढ़ापा पेंशन 3000 रूप्ये मासिक के स्तर पर पहुंचने के बाद उस फार्मुले को लागू किया जाएगा जिसके अनुसार राज्य सरकार के दिव्यांगता, विधवा तथा वृद्धावस्था सम्मान भत्ते से 500 रूप्ये ज्यादा की राशि दी जाएगी। फैमिली पेंशन श्रमिक की बुढ़ापा पेंशन का 50 प्रतिशत निर्धारित करने का निर्णय भी लिया गया।

बैठक में श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं जैसे मातृत्व लाभ योजना,पेंशन योजना, कन्यादान योजना, चार धाम योजना, मुख्यमंत्री श्रम योगी मानधन योजना जैसी कई अन्य योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में कन्स्ट्रक्शन वर्करों के रजिस्ट्रैशन से संबंधित विषय पर बोलते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि श्रमिकों का रजिस्ट्रैशन किया जाए। उन्होंने कहा कि इस बारे में संबंधित विभागों को पत्र लिखकर निर्देश दिए जाएंगे कि वे अपने यहां कार्यरत ठेकेदारों के पास जो श्रमिक लगे हुए हैं उनका भी बोर्ड में रजिस्ट्रैशन करवाना सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गया कि रजिस्ट्रैशन के लिए एक सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है जिसमें यह प्रमाणित किया गया हो कि उस व्यक्ति ने 90 दिन तक कन्स्ट्रक्शन वर्कर के तौर पर काम किया है और यह सर्टिफिकेट लेने में श्रमिकों को दिक्कत आती है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में गैर पंजीकृत साइटों पर निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों को रजिस्टर करने के लिए निर्वाचित जन प्रतिनिधि जिसमें सरपंच या ब्लाॅक समिति या जिला परिषद् या कोई भी जनप्रतिनिधि सर्टिफाइ कर सकता है और उसकी वैरिफिकेशन रोजगार विभाग के कार्यालय द्वारा की जाएगी।

बैठक में अंतोदय आहार योजना की समीक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हर श्रमिक के लिए यह संभव नही है कि वह सस्ता भोजन उपलबध करवाने के लिए खोली गई कैंटीन तक चलकर जाएं। कई बार कैंटीन कंस्ट्रक्शन साइट से दूर होती है ऐसे में इसका लाभ सभी को नही मिल पाता। दुष्यंत ने पायलेट आधार पर मोबाइल वैन में कंस्ट्रक्शन साइटों पर सस्ता खाना श्रमिकों को उपलब्ध करवाने का प्रयोग गुरूग्राम से शुरू करने के निर्देश दिए और कहा कि यह प्रयोग सफल रहने पर इसे अन्य स्थानों पर लागू किया जाएगा।

इस बैठक में बोर्ड के सदस्य हरियाणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओम प्रकाश यादव, श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक, श्रम विभाग के प्रधान सचिव विनीत गर्ग, श्रम आयुक्त विजय दहिया, वित्त विभाग के विशेष सचिव डा. शालीन,  अतिरिक्त श्रम आयुक्त मनीष शर्मा , प्रवर निदेशक अरविंद कुमार तथा एम एस मान, बोर्ड के संयुक्त सचिव के एस चहल, संयुक्त श्रम आयुक्त डा. अनुराधा लांबा, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक रविन्द्र मलिक सहित बोर्ड के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

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