लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू , व्यवस्था में परिवर्तन

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लखनऊ,13 जनवरी। पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू होते ही DM के अधिकार IPS को मिले, जानें क्या कुछ बदला
यूपी के लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरेट प्रणाली लागू वाली नई पुलिस व्यवस्था के लागू होते ही भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के अंतर्गत आईएएस रैंक के अधिकारी डीएम के पास पुलिस पर नियत्रंण के जो अधिकार हुआ करते थे अब वह अधिकार पुलिस अफसर को मिल गए हैं, जो एक आईपीएस होता है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और दिल्ली से सटे नोएडा में कमिश्नरेट प्रणाली लागू वाली नई पुलिस व्यवस्था के लागू होते ही भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के अंतर्गत आईएएस रैंक के अधिकारी डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट(डीएम) के पास पुलिस पर नियत्रंण के जो अधिकार हुआ करते थे अब पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद ये अधिकार पुलिस अफसर को मिल गए हैं, जो एक आईपीएस होता है।

नई व्यवस्था वाली कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद जिले के डीएम के पास अटकी रहने वाली तमाम अनुमति की फाइलों का झंझट खत्म हो जाएगा। अर्थात अपराध की धाराओं वाली सीआरपीसी की मैजिस्ट्रियल पावर वाली जो कार्रवाई अब तक जिला प्रशासन के अफसरों के पास थी वे सभी ताकतें पुलिस कमिश्नर को मिल गई हैं।अब पुलिस कमिश्नर को मिल जाएगी। सीआरपीसी की धारा 107−16, 144, 109, 110, 145 का क्रियान्वयन पुलिस कमिश्नर कर सकेंगे। कमिश्नर सिस्टम से शहरी इलाकों में भी अतिक्रमण पर अंकुश लगेगा। अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश सीधे तौर पर कमिश्नर दे सकेगा और नगर निगम को इस पर अमल करना होगा। पुलिस कमिश्नर को गैंगस्टर, जिला बदर, असलहा लाइसेंस देने जैसे अधिकार होंगे। कमिश्नरी सिस्टम में धरना प्रदर्शन की अनुमति देना और न देना भी पुलिस के हाथों में आ जाएगा। जमीन संबंधी विवादों के निस्तारण में भी पुलिस को अधिकार मिलेगा। पुलिस कमिश्नर सीधे लेखपाल को पैमाइश का आदेश दे सकता है। कानूनविदों की मानें तो इससे जमीन से संबंधित विवाद का निस्तारण जल्दी होगा। दंगे के दौरान लाठीचार्ज होना चाहिए या नहीं, अगर बल प्रयोग हो रहा है तो कितना बल प्रयोग किया जाएगा इसका निर्णय भी पुलिस ही करेगी, अब तक यह फैसला जिला प्रशासन के पास होता था। अभी तक ये सभी अधिकार जिलाधिकारी के पास थे।

उम्मीद यही की जा रही है कि इस बड़े बदलाव से कानून−व्यवस्था में सुधार आएगा। पुलिस के साथ ही जनता को भी बड़ी राहत मिलेगी। इस व्यवस्था के तहत जिन महाननगरों लखनऊ−नोयडा में यह व्यवस्था लागू होगी, वहां पुलिस कमिश्नर का मुख्यालय बनेगा। अब नई व्यवस्था लागू होने के बाद दोनों महानगर को कई जोन में बांट जाएगें। हर जोन में डीसीपी की तैनाती होगी, जो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) की तरह उस जोन को डील करेगा। इसके अलावा 2 से 4 थानों पर सीओ की तरह एक एसीपी तैनात होंगे। नई पुलिस व्यवस्था के तहत लखनऊ को लखनऊ नगर एवं लखनऊ ग्रामीण नामक पुलिस जिलों में बांटा गया है। लखनऊ नगर में कुल 40 थाने और लखनऊ ग्रामीण में 5 थाने शामिल होंगे।

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