नरेंद्र मोदी का आरोप , डॉक्टर मुखर्जी व बाबा साहेब के सुझावों पर अमल नहीं किया गया
पीएम ने कहा , डॉक्टर मुखर्जी ने देश में औद्योगीकरण की नींव रखी थी
कोलकाता : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150 वीं वर्षगांठ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ये मानती है कि हमारे Coasts, विकास के Gateways हैं। इसलिए सरकार ने Coasts पर कनेक्टिविटी और वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए सागरमाला कार्यक्रम शुरू किया. गुजरात के लोथल पोर्ट से लेकर कोलकाता पोर्ट तक देखें, तो भारत की लंबी कोस्ट लाइन से पूरी दुनिया में व्यापार-कारोबार होता था और सभ्यता, संस्कृति का प्रसार भी होता था. लेकिन ये देश का दुर्भाग्य रहा कि डॉक्टर मुखर्जी और बाबा साहेब के सरकार से हटने के बाद, उनके सुझावों पर वैसा अमल नहीं किया गया, जैसा किया जाना चाहिए था.
नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज के इस अवसर पर, मैं बाबा साहेब आंबेडकर को भी याद करता हूं, उन्हें नमन करता हूं। डॉक्टर मुखर्जी और बाबा साहेब, दोनों ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के लिए नई नीतियां दी थीं, नया विजन दिया था. उनका कहना था कि बंगाल के सपूत, डॉक्टर मुखर्जी ने देश में औद्योगीकरण की नींव रखी थी। चितरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री, हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट फैक्ट्री, सिंदरी फर्टिलाइज़र कारखाना और दामोदर वैली कॉर्पोरेशन, ऐसे अनेक बड़ी परियोजनाओं के विकास में डॉक्टर मुखर्जी का बहुत योगदान रहा है.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की, देश की भावना को नमन करते हुए मैं, कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम भारत के औद्योगीकरण के प्रणेता, ‘एक देश, एक विधान’ के लिए बलिदान देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा करता हूं। अब ये पोर्ट डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से जाना जाएगा. उन्होंने इस अवसर पर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के सेवानिवृत्त और मौजूदा कर्मचारियों के पेंशन फंड की कमी को पूरा करने के लिए अंतिम किस्त के रूप में 501 करोड़ रुपये का चेक सौंपा.
उन्होंने कहा कि कोलकाता पोर्ट सिर्फ जहाजों के आने-जाने का स्थान नहीं है, ये इतिहास को अपने आप में समेटे हुए है। इस पोर्ट ने भारत को विदेशी राज से स्वराज पाते देखा है। सत्याग्रह से लेकर स्वच्छाग्रह तक इस पोर्ट ने देश को बदलते हुए देखा है.
पीएम ने कहा कि बंदरगाह के नेतृत्व वाला विकास एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र की शुरुआत कर रहा है। हमें भारत में समुद्र, नदी और क्रूज पर्यटन को विकसित करने के लिए अपने जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की आवश्यकता है.
This is how Kolkata welcomed our respected honourable PM @narendramodi ji. #BengalWelcomesModi pic.twitter.com/tjLOy8bU0J
— Dr. Saagar Anand (@saagar_anand) January 12, 2020
उनके अनुसार नदी जलमार्ग की सुविधाओं के बनने से कोलकाता पोर्ट पूर्वी भारत के औद्योगिक सेंटर्स से तो जुड़ा ही है, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और म्यांमार जैसे देशों के लिए व्यापार और आसान हुआ है. इस वर्ष हल्दिया में मल्टीमॉडल टर्मिनल और फरक्का में नेविगेशनल लॉक को तैयार करने का प्रयास है। साल 2021 तक गंगा में बड़े जहाज़ भी चल सकें, इसके लिए भी ज़रूरी गहराई बनाने का काम प्रगति पर है. इस योजना के तहत करीब 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक के पौने 6 सौ प्रोजेक्ट्स की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक के 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और लगभग सवा सौ पूरे भी हो चुके हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान निधि के लिए स्वीकृति देगी तो यहां के लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा की बंगाल के नीति निर्धारकों को सद्बुद्धि दे। और मेरे बंगाल के गरीबों और किसानों को इन योजनाओं का लाभ मिल सके.
उनका कहना था कि पश्चिम बंगाल के विकास के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव कोशिश की जा रही है। विशेष तौर पर गरीबों, दलितों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों के विकास के लिए समर्पित भाव से प्रयास किए जा रहे हैं:
पीएम ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट में काम करने वाले 105 साल पुराने नगीना भगत और 100 साल पुराने नरेश चंद्र चक्रवर्ती को कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की ओर से उनके योगदान के लिए सम्मानित किया. साथ ही कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकट भी जारी किया.