गुरूग्राम, 10 जनवरी। गुरूग्राम में पर्यावरण विषय को लेकर दो दिवसीय रीजनल कॉन्फ्रेंस का आज हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान(हिपा) में शुभारंभ किया गया। इस कान्फ्रेंस के पहले दिन विशेषज्ञो ने पर्यावरण तथा ठोस कचरा प्रबंधन, हजार्ड्स वेस्ट,बायो मैडिकल वैस्ट, ई-वेस्ट, घरेलू तथा औद्योगिक एफल्यूएंट मैनेजमेंट की वर्तमान स्थिति तथा इसमे व्याप्त गैप पर चर्चा करते हुए भविष्य की रणनीति बनाने को लेकर विभिन्न केन्द्रीय तथा राज्य सरकार के विभागों और विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श किया। इस कान्फ्रेंस में केन्द्र व राज्य सरकार के पाॅलिसी मेकर्स के साथ एनसीआर में पड़ने वाले हरियाणा के क्षेत्रो के अलावा दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश नगर निगमों सहित 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस कान्फ्रेंस में शनिवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत) आदर्श कुमार गोयल भी पहुंचेंगे और अपने विचार रखेंगे। उनके अलावा , एनजीटी द्वारा गठित ठोस कचरा प्रबंधन तथा घग्गर माॅनीटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस(सेवानिवृत) प्रीतम पाल तथा जस्टिस(सेवानिवृत) एस पी गर्ग भी अपना संबोधन देंगे। शनिवार को कान्फ्रेंस प्रातः 9ः30 बजे होटल लीला एंबियंस माॅल में शुरू होगी। शनिवार को भी कान्फ्रेंस में अलग-अलग विषयों पर तीन सत्र आयोजित किए जाएंगे।
प्रथम सत्र की अध्यक्षता जस्टिस प्रीतमपाल तथा उत्तर प्रदेश के लिए एनजीटी द्वारा गठित कमेटी के चेयरमैन डा. अनूपचंद्र पांडे द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी जिसमें दिल्ली सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकारों के प्रतिनिधियों द्वारा प्र्यावरण से जुड़े मुद्दो पर प्रैजेंटेशन दी जाएगी। दूसरे सत्र की अध्यक्षता जस्टिस(सेवानिवृत) जसबीर सिंह तथा यमुना माॅनीटरिंग कमेटी के सदस्य बी एस सजवान करेंगे जिसमें ठोस कचरा प्रबंधन के इंदौर माॅडल पर प्रस्तुति दी जाएगी और तीसरे सत्र की अध्यक्षता एनजीटी की यमुना माॅनीटरिंग कमेटी की सदस्य शैलजा चंद्रा तथा घग्गर माॅनीटरिंग कमेटी की सदस्य उर्वशी गुलाटी संयुक्त रूप से करेंगी।
आज रीजनल कान्फ्रेंस में एनजीटी की घग्गर माॅनीटरिंग कमेटी के सदस्य बाबूराम ने हरियाणा सरकार की इस पहल का स्वागत किया और कहा कि पर्यावरण प्रदूषण आज के समय का अहम विषय है जिस पर सभी हितधारकों को चर्चा करते हुए इसके प्रदूषण स्तर में कमी लाने के उपाय करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में आम जनता का सहयोग जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के साथ हम जल प्रबंधन पर भी ध्यान दें क्योंकि वर्तमान में 200 से 300 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की खपत की जा रही है जोकि 135 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन की निर्धारित सीमा से ज्यादा है।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन अशोक खेत्रपाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन तथा प्र्यावरण प्रदूषण हर व्यक्ति के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि पानी के संरक्षण के उपाय होंगे तो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर दबाव कम होगा और ये प्लांट अपनी क्षमता के अनुरूप पानी को शुद्ध कर पाएंगे।
गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी एस कुंडू ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पर्यावरण का विषय समय की मांग है और इसे भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित बनाना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने आशा जताई कि यह दो दिवसीय कान्फ्रेंस प्र्यावरण में प्रदूषण के स्तर को कम करने और कचरा प्रबंधन के मामले में नए आयाम स्थापित करने में सफल होगी। इस कान्फ्रेंस में हरियाणा के नगर निगमों तथा नगर परिषद्ो के अधिकारीगण दूसरे स्थानों के अच्छे अनुभव तथा बैस्ट प्रैक्टिसिज से लाभान्वित होंगे। इस कान्फ्रेंस में देश के सबसे स्वच्छ शहर इन्दौर के माॅडल पर वहां के नगर निगम आयुक्त मनीष सिंह ने प्रैजेंटेशन प्रस्तुत कर वहां की बैस्ट प्रैक्टिसिज के बारे में अवगत करवाया।
कान्फ्रेंस में हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव वी उमाशंकर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पहले हमारी जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान की थी, उसके बाद शहरों की प्राथमिकताओं में बिजली, पानी, सड़क शामिल हुए और अब प्र्यावरण, ट्रैफिक और मोबिलिटी अग्रणी हो गए हैं। इन विषयों से जुड़ी समस्याओं को हल करने पर हम सभी को विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले कचरा प्रबंधन को शहरी स्थानीय निकाय और सरकार का ही दायित्व माना जाता था लेकिन अब यह हर व्यक्ति की समस्या बन गया है क्योंकि इससे क्वालिटी आफ लाइफ पर फर्क पड़ता है। पहले जहां लोग उनके घर के आस पास से कचरा उठाने को स्थानीय निकाय संस्थाओं का ही काम मानते थे लेकिन अब वे अपने घर के आस पास सफाई रखने के लिए कचरा उठाने के चार्जिज भी देने को तैयार हैं क्योंकि उन्हें अपने आस पास वातावरण स्वच्छ चाहिए। श्री उमाशंकर ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रयोग और नवीन उपाय करने होंगे, उनमें सफल प्रयोगों का स्टैंडर्डाइजेशन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कचरे को कम करने तथा अन्य प्रकार की छंटनी करने के उपायों पर भी मंथन जरूरी है।
इससे पहले प्र्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल ने कहा कि इस प्रकार की कान्फ्रेंस हरियाणा प्रदेश में पहली बार आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इकोलाॅजी के बिना मानव जीवन संभव नही है और शहर को लिवेबल बनाने के लिए ग्रीनरी होना आवश्यक है। किसी भी शहरी की खुबसूरती उसकी हरियाली से होती है। इनके बिना शहर स्टार्वड सिटी हो जाएगा जिसमें सुदंरता के अलावा आॅक्सीजन व अन्य जीवन उपयोगी वस्तुओं की कमी होगी। उन्होंने कहा कि संविधान की तरह पर्यावरण के मामले में भी सभी बराबर है क्योंकि प्रदूषित प्र्यावरण से सभी प्रभावित होते है।उन्होंने बताया कि एक अनुमान के अनुसार हर व्यक्ति 500 ग्राम वैस्ट प्रतिदिन जनरेट करता है। साथ ही श्रीमति खंडेलवाल ने मानवता की भलाई के लिए इस पूरे दशक को वैस्ट मैनेजमेंट एंड मिटीगेशन डिकेड अर्थात् कचरा प्रबंधन तथा कचरा कम करने के दशक के रूप में समर्पित करें। उन्होंने यह भी बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल द्वारा हमारे जल स्त्रोतों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए यमुना तथा घग्गर माॅनीटरिंग कमेटियों का गठन किया हुआ है। इसी प्रकार, प्रदेश के हर जिला में एन्वायमेंट सर्विलांस कमेटी गठित है। श्रीमति खंडेलवाल ने कहा कि प्र्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए सिविल सोसायटी को भी शिक्षित और जागरूक करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने आशा जताई कि इस दो दिवसीय कान्फ्रेंस में टैक्नीकल और थ्योरिटीकल सत्रो से सभी लाभांवित होंगे।
इससे पहले हिपा की महानिदेशक सुरीना राजन ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि दो दिवसीय कान्फ्रेंस में ज्ञानवर्धक विचार विमर्श होगा जो हरियाणावासियों विशेषकर एनसीआर में रहने वाले लोगों को गुड एंड क्लीन लिविंग उपलब्ध करवाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण और पर्यावरण प्रदूषण के विषय हमारी इकोनाॅमी से भी जुड़े हुए हैं, इसलिए इन पर ध्यान देना जरूरी है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं गुरूग्राम नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस कान्फ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर घग्गर मानीटरिंग कमेटी, एनजीटी के सदस्य बाबूराम, प्र्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल , मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, गुरूग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी एस कुंडु, हिपा की निदेशक सुरीना राजन, हिपा के अतिरिक्त निदेशक एम डी सिन्हा, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन अशोक खेतरपाल तथा सदस्य सचिव एस नारायणन सहित कई वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।