नई दिल्ली। बिजली की लागत में कमी लाने के उद्देश्य से भारतीय रेल 28 नवम्बर, 2019 से भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल) से बिहार में अतिरिक्त 50 मेगावॉट बिजली प्राप्त कर रही है। इससे रेलवे को प्रतिवर्ष 110 करोड़ की बचत होने का अनुमान है। राजस्थान में बीआरबीसीएल से 10 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली (20 नवम्बर, 2019) से प्रतिवर्ष 11.50 करोड़ रूपये की बचत होगी।
भारतीय रेल ओपन एक्सेस के माध्यम से 11 राज्यों और डीवीसी क्षेत्र में 1475 मेगावॉट बिजली प्राप्त कर रही है। इन प्रयासों से प्रतिवर्ष 3600 करोड़ रूपये की बचत होगी क्योंकि नवम्बर 2015 से लागू ओपन एक्सेस के अंतर्गत बिजनेस एज़ युजवल मोड के तहत 12,400 करोड़ रूपये की कुल बचत हुई है।
भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल), नेशनल थर्मल पॉवर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) और रेल मंत्रालय की संयुक्त उद्यम कंपनी है। इसका उद्देश्य कम लागत पर बिजली उत्पादन करना और रेलवे को आपूर्ति करना है।
इस कंपनी में एनटीपीसी और रेलवे की हिस्सेदारी क्रमश: 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत है। संयंत्र की कुल चार इकाइयों (प्रत्येक 250 मेगावॉट) में से तीन इकाइयों से भारतीय रेल को बिजली आपूर्ति शुरू हो चुकी है। पहली इकाई जनवरी, 2017 में शुरू हुई। इस संयंत्र से भारतीय रेल को सबसे अधिक लाभ मिलता है, जो 90 प्रतिशत बिजली प्राप्त करता है। शेष 10 प्रतिशत बिजली बिहार राज्य को दी जाती है।