भारत व इजरायल आतंवाद से लड़ने के लिए एकजुट

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 भारत दौरे पर इजरायल के राष्ट्रपति रिवलिन

नई दिल्ली : भारत एवं इजरायल रक्षा भागीदारी को और व्यापक बनाने तथा कट्टरवाद एवं चरमपंथ से निबटने के लिए एक दुसरे को व्यापक सहयोग करने पर सहमत हुए हैं. दोनों देशों ने आतंकवादी नेटवर्क और उनका पालन पोषण करने वाले दशों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए वैश्विक समुदाय का एक स्वर से आह्वान किया है.

अपने मूल्यों की रक्षा करने के लिए एकजुट

व्यापार एवं निवेश, कृषि, जल संसाधन एवं साइबर अपराध सहित विभिन्न क्षेत्रों में एक साथ कम करने का निर्णय लिया है. यह सहमति इजरायली राष्ट्रपति र्यूवेन रिवलिन की पहली भारत यात्रा में उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हुई बातचीत में जतायी गयी है. दूसरी तरफ इजरायल  के राष्ट्रपति रिवलिन ने इस बात पर बल दिया कि आतंकवाद को कैसे भी सही नहीं ठहराया जा सकता. हम अपने लोगों एवं अपने मूल्यों की रक्षा करने के लिए एकजुट हैं.

सहयोग बढ़ाने को तैयार

इजरायली नेता के साथ अपनी बातचीत की जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने एक जारी बयान में कहा है कि दोनों देशों के लोग निरंतर आतंकवाद एवं उग्रवाद की ताकतों का खतरा झेलते रहे हैं. दोनों ही पक्ष उनसे प्रभावी ढंग से निपटने में सहयोग बढ़ाने को तैयार हो गए हैं. विशेषकर साइबर क्षेत्रों जैसे विशिष्ट एवं व्यावहारिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के बारे में निर्णय लिया गया है.

आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती

उन्होंने कहा है कि हम यह स्वीकार करते हैं कि आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है जो कोई सीमा नहीं जानता तथा जिसका संगठित अपराध के अन्य स्वरूपों से व्यापक संबंध हैं.

संकल्प और दृढ़ निश्चय

पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह खेदजनक है कि इसके जनक और विस्तार करने वाले देशों में से एक भारत के पड़ोस में है. उन्होंने कहा है कि हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकी नेटवर्क और उनका पालन पोषण करने वाले देशों के खिलाफ संकल्प और दृढ़ निश्चय से कार्रवाई करनी चाहिए.

द्विपक्षीय संबंधों में नये स्तंभ

दोनों देशों का मानना है कि इन पर कार्रवाई में विफलता और मौन रहने पर आतंकवादियों को केवल बढ़ावा मिलेगा. मोदी ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि रिवलिन की यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में नये स्तंभ बनाने के प्रयासों को महत्वपूर्ण गति मिली है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने बढ़ती रक्षा भागीदारी की क्षमता पर विचार किया है और इस जरूरत पर सहमति जतायी कि उत्पादन एवं विनिर्माण भागीदारी के जरिये इसे और व्यापक बनाया जाना चाहिए.

 सैन्य साजोसमान का सबसे बड़ा खरीददार

उल्लेखनीय है कि भारत इजरायल के सैन्य साजोसमान का सबसे बड़ा खरीददार है. पिछले कुछ वषों से भारत इजरायल से विभिन्न हथियार प्रणालियां, प्रक्षेपास्त्र, मानव रहित वायु वाहन खरीदता रहा है किन्तु अधिकतर लेनदेन गुपचुप ढंग से होता रहा है.

दो समझौते पर हस्ताक्षर

बतया जाता है कि दोनों पक्षों ने कृषि तथा जल संसाधन प्रबंधन क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये है.यह भी कहा गया है कि दोनों देशों के बीच विशेषकर रक्षा क्षेत्र में गठजोड़ बढ़ने पर चर्चा हुयी और इस्राइल के राष्ट्रपति रिवलिन ने कहा कि उनका देश मेक इन इंडिया और मेक विद इंडिया के लिए तैयार है. उल्लेखनीय है कि पिछले दो दशकों में इस्राइल का राष्ट्रपति पहली बार भारत आया है. रिवलिन ने इस बात पर बल दिया कि आतंकवाद को कैसे भी सही नहीं ठहराया जा सकता. हम अपने लोगों एवं अपने मूल्यों की रक्षा करने के लिए एकजुट हैं.

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