दक्षिण दिल्‍ली नगर निगम क्षेत्र में 75 सरकारी चार्जिंग स्‍टेशन स्‍थापित करने का समझौता

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नई दिल्ली। विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत एक संयुक्‍त उद्यम, ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड(ईईएसएल) ने दक्षिण दिल्‍ली नगर निगम (एसडीएमसी) क्षेत्र में 10 वर्ष की अवधि में इलैक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बुनियादी ढांचा स्‍थापित करने के उद्देश्‍य से दक्षिण दिल्‍ली नगर निगम (एसडीएमसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए हैं।

समझौता ज्ञापन में तय नियमों के अंतर्गत दक्षिण दिल्‍ली नगर निगम क्षेत्र में 75 सार्वजनिक चार्जिंग स्‍टेशन स्‍थापित करके एसडीएमसी और ईईएसएल ई-गतिशीलता अपनाने में तेजी लाने के लिए मिलकर कार्य करेंगे।

ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार और एसडीएमसी के निगम आयुक्‍त ज्ञानेश भारती ने विद्युत मंत्री आर.के.सिंह और दिल्‍ली के उप राज्‍यपाल अनिल बैजल की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए।

समारोह को संबोधित करते हुए, विद्युत मंत्री (नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा) आर.के. सिंह ने कहा कि यह पहल कार्बन पदचिन्‍हों को कम करने के लिए सरकार की दूरदर्शिता का हिस्सा है। उन्होंने 2022 तक 175 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को प्राप्त करने और 2030तक कुल स्‍थापित ऊर्जा क्षमता में 40 प्रतिशत आरई क्षमता प्राप्‍त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि हम आगे बढ़ेंगे, लेकिन जिम्मेदारी के साथ। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने विद्युत चालित वाहन चार्जिंग नीति में संशोधन करने सहित पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि हमें इस दिशा में और आगे बढ़ना चाहिए।

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इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपा अनिल बैजल ने कहा कि यह अच्छी शुरुआत है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि नियत समय में उत्पन्न किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए हर संभव मदद दी जाएगी।

सरकार ने एक बेहद महत्वाकांक्षी ई-मोबिलिटी योजना की शुरूआत की है, जिसमें सरकार ने ई-गतिशीलता को शुरू कराने में हत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (पीसीएस) की स्थापना से पूरे भारत के राज्यों में निरंतर एक इलेक्ट्रिक वाहन प्रणाली स्‍थापित करने में मदद मिलेगी। एसडीएमसी और ईईएसएल ने इस व्यापक प्रयास में तालमेल और अवसरों का उपयोग करने के लिए एक साथ आकर शानदार तरक्‍की की है।

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चार्जिंग इकाइयों, संबंधित बुनियादी ढांचे की खरीद का खर्च ईईएसएल उठाएगा। साथ ही वह योग्य मानव शक्ति द्वारा सार्वजनिक चार्जिंग के बुनियादी ढांचे के संचालन और रखरखाव का खर्च भी वहन करेगा,जबकि एसडीएमसी अपने क्षेत्र में चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए स्थान का प्रावधान करने के लिए जिम्मेदार होगा।

पहले चरण में, दोनों पक्षों द्वारा संयुक्त सर्वेक्षण के माध्यम से प्रभावी तारीख से 6 महीने के भीतर 18 स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। स्थान के आकलन के अनुसार अंतिम रूप से निर्धारित स्थानों की कुल संख्या 75 होगी जो घट/बढ़ सकती है और इनमें दिल्ली के मल्‍टी-लेवल पार्किंग भी शामिल हैं।

सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से राज्यों में एक स्थायी इलेक्ट्रिक वाहन प्रणाली बनाने के विधायी प्रयासों में मदद मिलेगी। सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के साथ, निवासियों की चिंता कम होने की उम्मीद है, जिससे शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में मदद मिलेगी। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की संख्‍या में वृद्धि लाने के राज्य स्तर के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते प्रवेश के साथ, प्रदूषकों के स्थानीय उत्सर्जन के भी कम होने की उम्मीद है, जिससे स्‍वच्‍छ हवा के कारण जनता को स्वास्थ्य संबंधी अनेक लाभ मिलेंगे।

अब तक ई-कारों को चार्ज करने के लिए, 300 एसी और 170 डीसी कैप्टिव चार्जर लगाए गए हैं। इसके अलावा एनडीएमसी इलाके में 65 पब्लिक चार्जिंग स्‍टेशन स्‍थापित किए गए हैं। ईईएसएल ने सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्‍न उपक्रमों, सरकारी विभागों, आंध्र प्रदेश, महाराष्‍ट्र और तेलंगाना राज्‍यों की सरकारों के साथ समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए हैं।

बड़ी तादाद में खरीद के साथ, ईईएसएल को इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रिक चार्जर वास्तविक बाजार मूल्य की तुलना में रियायती दर पर मिल रहे हैं। इसके अलावा, कम लागत पूंजी तक पहुंच के कारणपरियोजना की समग्र लागत प्रतिस्पर्धी हो गई है। इसके साथ, ईईएसएल ने एक स्थायी व्यापार मॉडल स्थापित किया है जो उपभोक्ताओं के लिए किफायती है।

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